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Farmers Hunger Strike in Bikaner: ठिठुरन भरी ठंड में धरने पर बैठे हैं केजेडी नहर के किसान - Farmers Hunger Strike in Bikaner

भारत पाक बॉर्डर पर स्थित खाजूवाला गांव के किसान अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं (Farmers Hunger Strike in Bikaner). कुछ ने भूख हड़ताल की राह पकड़ी है. अनशन का आज छठा दिन है जिसमें आज महिलाएं भी शामिल होंगी.

Farmers Hunger Strike in Bikaner
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Published : Dec 27, 2022, 12:04 PM IST

बीकानेर. जिले के सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला के KJD नहर की RD146 का किसान बेहाल परेशान है. अंतिम छोर पर पर्याप्त सिंचाई पानी देने सहित 9 सूत्री मांगों को लेकर अपनी लड़ाई कड़कड़ाती सर्द रातों में भी लड़ रहा है (Farmers Hunger Strike in Bikaner). लगातार छठे दिन डटा हुआ है. नहर किनारे टैंट में 5 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं. सर्दी इतनी है कि खुले में बैठना किसी चुनौती से कम नहीं.

सोमवार देर रात 75 वर्षीय अनशनकारी बद्रीप्रसाद की तबीयत बिगड़ गई. इससे पहले प्रशासनिक अधिकारियों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ किसानों की वार्ता विफल हो गई थी. आज महिलाएं भी धरने पर बैठ सकती हैं.

अन्नदाता क्यों फिक्रमंद- बीकानेर के भारत-पाक बॉर्डर क्षेत्र में खाजूवाला सीमावर्ती क्षेत्र है. यहां का किसान सिर्फ खेती और पशुधन पर ही निर्भर है. फिक्र फसलों के दम तोड़ने की सता रही है. सिंचाई के लिए पानी चाहिए जो पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है. पहले इन अन्नदाताओं ने प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई, उनसे गुहार लगाई लेकिन जब उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया, उन्हें नहीं सुना गया तो केजेडी नहर की आरडी 146 पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. नहर किनारे पटड़े पर टैंट में रजाइयों के सहारे किसान अपनी 9 सूत्री मांगो को लेकर डटे पड़े हैं.

पढ़ें-एशिया का सबसे बड़ा यूरिया उत्पादक कोटा, फिर भी अन्नदाता परेशान!

नहीं बनी बात- प्रशासनिक अधिकारियों सहित सिंचाई विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी भी वार्ता करने पहुंचे लेकिन ठोस समाधान नहीं होने से आक्रोशित किसानों ने आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी. इधर फसलों की चिंता को लेकर 5 किसान भूख हड़ताल पर बैठे रहे. अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे हुए हैं और जल्द ही मांगों का निस्तारण नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.
केजेडी नहर की आरडी 146 पर किसानों के बीच वार्ता करने के लिए खाजूवाला से प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे. जिसमें खाजूवाला उपखण्ड अधिकारी श्योराम, तहसीलदार डॉ. गिरधारी सिंह, थानाधिकारी अरविंद सिंह शेखावत, नहर विभाग के सहायक अभियंता हरेन्द्र यादव आदि ने किसानों के प्रतिनिधि मंडल से बात की. मदनलाल गोदारा के नेतृत्व में भूख हड़ताल में शामिल किसानों से वार्ता की गई, लेकिन हल नहीं निकला. किसानों की मांग है कि उन्हें टेल पर पर्याप्त पानी पहुंचाया जाए इसके साथ ही सभी 9 सूत्रीय मांगों का समाधान किया जाए, अन्यथा वो डटे रहेंगे.

किसानों की 9 सूत्री मांग-

  • नहर से निकलने वाले समस्त माइनरों के हैड का पुननिर्माण एवं एपीएम लगाने
  • केजेडी नहर की आरडी जीरो से टेल तक के सभी मोघो का पुनः सर्वे कर कमेटी बनाकर नियमानुसार लगाने
  • केजेडी नहर में 148 क्यूसेक पानी चलाकर टेल पर एक फीट गेज पूरी करने
  • केजेडी नहर की आरडी 146 पर गेज मीटर लगाने
  • केजेडी नहर में घटिया निर्माण सामग्री की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने
  • केजेडी नहर में जीरो आरडी से टेल तक गलत सर्वे कर मोघे लगवाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने
  • केजेडी नहर की आरडी 107 से निकलने वाले एच.डब्ल्यू.एम माईनर के काश्तकारों द्वारा एपीएम लगाने के कोर्ट स्टे को तुरंत प्रभाव से खारिज करवाने
  • केजेडी नहर के दोनों साइड गहरे गड्ढे खोदने से उखड़ रहे पटडे को सही करवाने
  • केजेडी नहर से टैंकरों से हो रही पानी चोरी को बंद करवाकर ठोस कार्रवाई करने की मांग है.

बीकानेर. जिले के सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला के KJD नहर की RD146 का किसान बेहाल परेशान है. अंतिम छोर पर पर्याप्त सिंचाई पानी देने सहित 9 सूत्री मांगों को लेकर अपनी लड़ाई कड़कड़ाती सर्द रातों में भी लड़ रहा है (Farmers Hunger Strike in Bikaner). लगातार छठे दिन डटा हुआ है. नहर किनारे टैंट में 5 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं. सर्दी इतनी है कि खुले में बैठना किसी चुनौती से कम नहीं.

सोमवार देर रात 75 वर्षीय अनशनकारी बद्रीप्रसाद की तबीयत बिगड़ गई. इससे पहले प्रशासनिक अधिकारियों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ किसानों की वार्ता विफल हो गई थी. आज महिलाएं भी धरने पर बैठ सकती हैं.

अन्नदाता क्यों फिक्रमंद- बीकानेर के भारत-पाक बॉर्डर क्षेत्र में खाजूवाला सीमावर्ती क्षेत्र है. यहां का किसान सिर्फ खेती और पशुधन पर ही निर्भर है. फिक्र फसलों के दम तोड़ने की सता रही है. सिंचाई के लिए पानी चाहिए जो पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है. पहले इन अन्नदाताओं ने प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई, उनसे गुहार लगाई लेकिन जब उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया, उन्हें नहीं सुना गया तो केजेडी नहर की आरडी 146 पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. नहर किनारे पटड़े पर टैंट में रजाइयों के सहारे किसान अपनी 9 सूत्री मांगो को लेकर डटे पड़े हैं.

पढ़ें-एशिया का सबसे बड़ा यूरिया उत्पादक कोटा, फिर भी अन्नदाता परेशान!

नहीं बनी बात- प्रशासनिक अधिकारियों सहित सिंचाई विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी भी वार्ता करने पहुंचे लेकिन ठोस समाधान नहीं होने से आक्रोशित किसानों ने आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी. इधर फसलों की चिंता को लेकर 5 किसान भूख हड़ताल पर बैठे रहे. अपनी मांगों को लेकर धरने पर डटे हुए हैं और जल्द ही मांगों का निस्तारण नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं.
केजेडी नहर की आरडी 146 पर किसानों के बीच वार्ता करने के लिए खाजूवाला से प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे. जिसमें खाजूवाला उपखण्ड अधिकारी श्योराम, तहसीलदार डॉ. गिरधारी सिंह, थानाधिकारी अरविंद सिंह शेखावत, नहर विभाग के सहायक अभियंता हरेन्द्र यादव आदि ने किसानों के प्रतिनिधि मंडल से बात की. मदनलाल गोदारा के नेतृत्व में भूख हड़ताल में शामिल किसानों से वार्ता की गई, लेकिन हल नहीं निकला. किसानों की मांग है कि उन्हें टेल पर पर्याप्त पानी पहुंचाया जाए इसके साथ ही सभी 9 सूत्रीय मांगों का समाधान किया जाए, अन्यथा वो डटे रहेंगे.

किसानों की 9 सूत्री मांग-

  • नहर से निकलने वाले समस्त माइनरों के हैड का पुननिर्माण एवं एपीएम लगाने
  • केजेडी नहर की आरडी जीरो से टेल तक के सभी मोघो का पुनः सर्वे कर कमेटी बनाकर नियमानुसार लगाने
  • केजेडी नहर में 148 क्यूसेक पानी चलाकर टेल पर एक फीट गेज पूरी करने
  • केजेडी नहर की आरडी 146 पर गेज मीटर लगाने
  • केजेडी नहर में घटिया निर्माण सामग्री की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने
  • केजेडी नहर में जीरो आरडी से टेल तक गलत सर्वे कर मोघे लगवाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने
  • केजेडी नहर की आरडी 107 से निकलने वाले एच.डब्ल्यू.एम माईनर के काश्तकारों द्वारा एपीएम लगाने के कोर्ट स्टे को तुरंत प्रभाव से खारिज करवाने
  • केजेडी नहर के दोनों साइड गहरे गड्ढे खोदने से उखड़ रहे पटडे को सही करवाने
  • केजेडी नहर से टैंकरों से हो रही पानी चोरी को बंद करवाकर ठोस कार्रवाई करने की मांग है.
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