बीकानेर. पिछले दिनों प्रदेश की सरकार ने गोचर भूमि पर आम लोगों को पट्टे जारी करने को लेकर एक निर्णय किया था. जिसके मुताबिक गोचर में रह रहे लोगों को एक निश्चित दायरे की भूमि पर पट्टा जारी किया जाएगा. सरकार के इस निर्णय के खिलाफ बीकानेर में विरोध देखने को मिला. कोलायत से 7 बार विधायक रहे पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने इसे गलत बताते हुए 13 जनवरी से धरना शुरू कर दिया. पूर्व मंत्री भाटी ने अब तक चले आंदोलन पर बात करते हुए साफ किया कि गाय और गोचर के लिए किसी का वध भी करना पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगे (Devi Singh Bhati picket).
ईटीवी भारत से बातचीत में भाटी ने कहा कि यह सरकार का गलत निर्णय है. गाय और गोचर के लिए लंबे समय से काम कर रहे भाटी ने यहां तक कहा कि अगर सरकार अपनी हठधर्मिता पर रही व गाय और गोचर को नुकसान हुआ तो किसी का वध करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
लोग गाय और गोचर के प्रति जागरुक हों
पिछले 10 दिन से लगातार धरने पर बैठे भाटी से सरकार की ओर से किसी भी तरह की वार्ता नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है सरकार के ध्यान में सारा मसला है. मैं खुद भी चाहता हूं कि यह आंदोलन लंबा चले. उन्होंने कहा कि इसके पीछे मेरा उद्देश्य यह है कि आम लोग गाय और गोचर के प्रति जागरूक हों. क्योंकि गाय सिर्फ किसी एक की नहीं बल्कि वह हमारे जीवन का हिस्सा है.
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उन्होंने कहा कि गाय हमें पूरी जीवन तक पालती है. जब जन्म देने वाली दूध पिलाना छोड़ देती है उसके बाद हम गाय का दूध पीकर ही बड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार समय-समय पर गलत निर्णय करती रही है. उन्होंने कहा कि इसलिए 'इस आंदोलन को लंबा चलाना चाहता हूं ताकि सारे लोग जागरुक होकर और एक छत के नीचे आकर सरकार के इस फैसले का विरोध करें. लोगों में जागरूकता लाने के लिए ही आंदोलन को लंबा चला रहा हूं'.
समाज की व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि बिना समाज किसी भी चीज की कल्पना नहीं की जा सकती है. फूलप्रूफ योजना समाज के बिना सोचना बेमानी है. आंदोलन के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि 25 जनवरी को पूरे राजस्थान में जो लोग हमसे जुड़े हुए हैं उनके साथ एक वेबिनार का आयोजन है. उसके बाद ही आगे की रणनीति तय होगी
पीआईएल दायर की है
भाटी ने कहा कि हालांकि हमारे साथ के गौ प्रेमियों ने सरकार के निर्णय के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और दो पीआईएल दायर की है. एक फरवरी को इसकी सुनवाई है. उन्होंने साफ कहा कि अब इस आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे और सरकार को मानना होगा. साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि अगर गाय और गोचर पर किसी भी तरह का संकट सरकार के निर्णय से आया तो वे किसी का वध करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.