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Special: भक्तों की खोई हुई चीज वापस लौटाते हैं 'चंचल' हनुमान, सरकारी कर्मचारी भी लगाते हैं गुहार

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 27, 2023, 11:34 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 6:46 AM IST

बीकानेर के जूनागढ़ किले की दीवार पर चंचल हनुमान जी स्थित हैं. मान्यता है कि बजरंग बली अपने भक्तों की खोई चीजों को वापस लौटा देते हैं. यहां आमजन से लेकर सरकारी कर्मचारी भी जरूरी फाइलों के इधर-उधर होने पर भगवान से गुहार लगाते हैं, जिसके बाद वो चीज उन्हें वापस मिल भी जाती है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Chanchal Hanuman in Bikaner
Chanchal Hanuman in Bikaner
बीकानेर में चंचल हनुमान

बीकानेर. रियासतकालीन बीकानेर के ऐतिहासिक जूनागढ़ किले की दीवार पर करीब 400 साल पूर्व स्थापित बीकानेर का चंचल हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. आम जन के साथ ही बीकानेर के कलेक्ट्रेट और आसपास के सरकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी भी यहां ढोक लगाने आते हैं. हर मंगलवार और शनिवार बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि कोई व्यक्ति अपनी खोई चीज को वापस पाने के लिए मंदिर में मन्नत मांगता है तो वह उसे तुरंत मिल जाती है.

तुरंत मिल जाती है खोई हुई वस्तु : बीकानेर जिला कलेक्टर कार्यालय में कार्यरत आशानंद कल्ला कहते हैं कि वास्तव में यह हनुमान मंदिर चमत्कारी है. कलेक्ट्रेट और आसपास के सरकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी यहां हर मंगलवार और शनिवार को आते हैं. कई बार ऐसा देखने में आया है कि किसी व्यक्ति की खोई हुई वस्तु या कार्यालय में कोई फाइल इधर-उधर हो गई और मिल नहीं रही हो, तो वो चंचल हनुमान से मन्नत मांगते हैं. अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रसाद और दर्शन की मन्नत मांगते हैं तो जल्द ही वह चीज मिल जाती है.

Chanchal Hanuman in Bikaner
जूनागढ़ किले की दीवार पर स्थापित मंदिर

पढ़ें. Ganesh Chaturthi 2023 : 500 वर्ष प्राचीन बरगद के पेड़ की जटाओं में प्रकट हुए गणेश जी, जटेश्वर के नाम से प्रचलित

जूनागढ़ की दीवार पर स्थापित : पुजारी बाबूलाल सेवग बताते हैं कि इस मंदिर में अन्य मंदिरों की तरह हनुमान जी की पूरी परिक्रमा करने की जगह नहींं है. यह मंदिर जूनागढ़ की दीवार पर ही बना हुआ है. करीब 400 साल पहले बीकानेर के तत्कालीन शासक रायसिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. उस वक्त उन्हें इस बात का दृष्टांत हुआ था कि इस मंदिर में परिक्रमा की जगह नहीं है और जूनागढ़ की दीवार पर ही मंदिर का निर्माण करना है. इस कारण अगर कोई भक्त जिसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो वह पूरे जूनागढ़ की परिक्रमा करता है तब मंदिर की परिक्रमा मानी जाती है. बाबूलाल सेवग कहते हैं कि जिला कलेक्टर कार्यालय और आसपास की सरकारी कार्यों के कार्मिक कई बार गुम हुई फाइल मिलने के बाद दर्शन करने के लिए और प्रसाद चढ़ाने के लिए आते हैं.

बीकानेर में चंचल हनुमान

बीकानेर. रियासतकालीन बीकानेर के ऐतिहासिक जूनागढ़ किले की दीवार पर करीब 400 साल पूर्व स्थापित बीकानेर का चंचल हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. आम जन के साथ ही बीकानेर के कलेक्ट्रेट और आसपास के सरकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी भी यहां ढोक लगाने आते हैं. हर मंगलवार और शनिवार बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि कोई व्यक्ति अपनी खोई चीज को वापस पाने के लिए मंदिर में मन्नत मांगता है तो वह उसे तुरंत मिल जाती है.

तुरंत मिल जाती है खोई हुई वस्तु : बीकानेर जिला कलेक्टर कार्यालय में कार्यरत आशानंद कल्ला कहते हैं कि वास्तव में यह हनुमान मंदिर चमत्कारी है. कलेक्ट्रेट और आसपास के सरकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी यहां हर मंगलवार और शनिवार को आते हैं. कई बार ऐसा देखने में आया है कि किसी व्यक्ति की खोई हुई वस्तु या कार्यालय में कोई फाइल इधर-उधर हो गई और मिल नहीं रही हो, तो वो चंचल हनुमान से मन्नत मांगते हैं. अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रसाद और दर्शन की मन्नत मांगते हैं तो जल्द ही वह चीज मिल जाती है.

Chanchal Hanuman in Bikaner
जूनागढ़ किले की दीवार पर स्थापित मंदिर

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जूनागढ़ की दीवार पर स्थापित : पुजारी बाबूलाल सेवग बताते हैं कि इस मंदिर में अन्य मंदिरों की तरह हनुमान जी की पूरी परिक्रमा करने की जगह नहींं है. यह मंदिर जूनागढ़ की दीवार पर ही बना हुआ है. करीब 400 साल पहले बीकानेर के तत्कालीन शासक रायसिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. उस वक्त उन्हें इस बात का दृष्टांत हुआ था कि इस मंदिर में परिक्रमा की जगह नहीं है और जूनागढ़ की दीवार पर ही मंदिर का निर्माण करना है. इस कारण अगर कोई भक्त जिसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो वह पूरे जूनागढ़ की परिक्रमा करता है तब मंदिर की परिक्रमा मानी जाती है. बाबूलाल सेवग कहते हैं कि जिला कलेक्टर कार्यालय और आसपास की सरकारी कार्यों के कार्मिक कई बार गुम हुई फाइल मिलने के बाद दर्शन करने के लिए और प्रसाद चढ़ाने के लिए आते हैं.

Last Updated : Sep 28, 2023, 6:46 AM IST
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