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पटाखा व्यापारियों के विरोध के बाद प्रशासन बैकफुट पर, अस्थाई दुकानें संचालित करने पर दी सहमति

पटाखा विक्रेताओं के विरोध के बाद बीकानेर जिला प्रशासन बैकफुट पर (Permission To operate Crackers Shop in Bikaner) आ गया है. प्रशासन ने सोमवार शाम पटाखा व्यवसाइयों को पूर्व की भांति अस्थाई तौर पर दुकानें संचालित करने की सहमति दे दी है.

cracker traders Protest in Bikaner
cracker traders Protest in Bikaner
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Published : Oct 17, 2022, 11:06 PM IST

बीकानेर. पटाखा विक्रेताओं की मांग के आगे आखिरकार जिला प्रशासन झुक गया है. पूर्व में अपने निर्णय पर (cracker traders Protest in Bikaner) अडिग रहने की बात कहने वाला प्रशासन सोमवार को पटाखा व्यापारियों के विरोध के बाद बैकफुट पर नजर आया. साथ ही सोमवार शाम को पटाखा व्यवसायियों को पूर्व की भांति अस्थाई तौर पर दुकानें संचालित करने पर सहमति दे दी.

दरअसल पटाखा व्यवसायियों के लिए इस बार जिला प्रशासन ने शहर के अलग-अलग एरिया वाइज मैदानों में खुले में टेंट लगाकर दुकानें देने की बात कही थी. इन्हीं दुकानों पर खुदरा रूप से पटाखा विक्रेताओं को पटाखा बेचने के लिए तैयारी की थी. लेकिन पटाखा व्यवसायी इस बात के लिए सहमत नहीं थे. उनका इस बात को लेकर विरोध था कि 2013 में जिला प्रशासन ने स्थाई तौर पर पटाखा का कारोबार करने वाले लोगों के लिए भूमि आवंटन शहर के बाहर किया था. उसके लिए राशि भी जमा कराई थी, आज तक उस भूमि का आवंटन नहीं हुआ है. वहीं अब अस्थाई तौर पर दुकानें लगाने वाले पटाखा व्यवसाइयों के लिए प्रशासन ने इस तरह का निर्णय किया है.

पढे़ं. पटाखों का Side Effect: बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक झुलसे, कई की रोशनी गई

पटाखा एसोसिएशन के वीरेंद्र किराडू का कहना है कि प्रशासन की ओर से किया गया नवाचार सैद्धांतिक (Permission To operate Crackers Shop in Bikaner) रूप से सही नहीं है. उन्होंने कहा कि टेंट में सुरक्षा के इंतजाम पूरे नहीं हो सकते और नियमानुसार टेंट में पटाखों की बिक्री भी नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन को इस तरह का नवाचार करना है तो पहले स्थाई तौर पर जो लोग काम करते हैं और जिनका पैसा नगर विकास न्यास में जमा है, उनको पहले भूखंड दिया जाए. उसके बाद अस्थाई काम करने वाले पटाखा व्यवसाइयों के लिए इस तरह का नवाचार किया जाए.

पटाखा व्यापारियों के विरोध के बाद सोमवार देर शाम प्रशासन ने अपना निर्णय वापस ले लिया और अब हर साल की भांति नियमानुसार अस्थाई व्यक्तियों को लाइसेंस जारी किया जाएगा. जिसमें सुरक्षा के इंतजाम पटाखे व्यवसाई को करने होंगे. साथ ही वह किसी भी तरह का हादसा होने पर कोई दावा नहीं करेगा. इसको लेकर उसे एक शपथ पत्र भी प्रशासन को देना होगा. एक-दो दिन में प्रशासन शपथ मिलने के बाद पटाखा व्यवसाइयों को अस्थाई लाइसेंस जारी करेगा.

बीकानेर. पटाखा विक्रेताओं की मांग के आगे आखिरकार जिला प्रशासन झुक गया है. पूर्व में अपने निर्णय पर (cracker traders Protest in Bikaner) अडिग रहने की बात कहने वाला प्रशासन सोमवार को पटाखा व्यापारियों के विरोध के बाद बैकफुट पर नजर आया. साथ ही सोमवार शाम को पटाखा व्यवसायियों को पूर्व की भांति अस्थाई तौर पर दुकानें संचालित करने पर सहमति दे दी.

दरअसल पटाखा व्यवसायियों के लिए इस बार जिला प्रशासन ने शहर के अलग-अलग एरिया वाइज मैदानों में खुले में टेंट लगाकर दुकानें देने की बात कही थी. इन्हीं दुकानों पर खुदरा रूप से पटाखा विक्रेताओं को पटाखा बेचने के लिए तैयारी की थी. लेकिन पटाखा व्यवसायी इस बात के लिए सहमत नहीं थे. उनका इस बात को लेकर विरोध था कि 2013 में जिला प्रशासन ने स्थाई तौर पर पटाखा का कारोबार करने वाले लोगों के लिए भूमि आवंटन शहर के बाहर किया था. उसके लिए राशि भी जमा कराई थी, आज तक उस भूमि का आवंटन नहीं हुआ है. वहीं अब अस्थाई तौर पर दुकानें लगाने वाले पटाखा व्यवसाइयों के लिए प्रशासन ने इस तरह का निर्णय किया है.

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पटाखा एसोसिएशन के वीरेंद्र किराडू का कहना है कि प्रशासन की ओर से किया गया नवाचार सैद्धांतिक (Permission To operate Crackers Shop in Bikaner) रूप से सही नहीं है. उन्होंने कहा कि टेंट में सुरक्षा के इंतजाम पूरे नहीं हो सकते और नियमानुसार टेंट में पटाखों की बिक्री भी नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन को इस तरह का नवाचार करना है तो पहले स्थाई तौर पर जो लोग काम करते हैं और जिनका पैसा नगर विकास न्यास में जमा है, उनको पहले भूखंड दिया जाए. उसके बाद अस्थाई काम करने वाले पटाखा व्यवसाइयों के लिए इस तरह का नवाचार किया जाए.

पटाखा व्यापारियों के विरोध के बाद सोमवार देर शाम प्रशासन ने अपना निर्णय वापस ले लिया और अब हर साल की भांति नियमानुसार अस्थाई व्यक्तियों को लाइसेंस जारी किया जाएगा. जिसमें सुरक्षा के इंतजाम पटाखे व्यवसाई को करने होंगे. साथ ही वह किसी भी तरह का हादसा होने पर कोई दावा नहीं करेगा. इसको लेकर उसे एक शपथ पत्र भी प्रशासन को देना होगा. एक-दो दिन में प्रशासन शपथ मिलने के बाद पटाखा व्यवसाइयों को अस्थाई लाइसेंस जारी करेगा.

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