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पर्यावरण बचाने के लिए 101 बैलगाड़ी की यात्रा, सतीश पूनिया ने कही ये बात

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 10, 2024, 6:33 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 7:24 PM IST

भीलवाड़ा में अपना संस्थान की ओर से 101 बैलगाड़ियों की यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया शामिल हुए.

yatra of 101 bullock cart in Bhilwara
101 बैलगाड़ी की यात्रा
बैलगाड़ी यात्रा पर क्या बोले सतीश पूनिया

भीलवाड़ा. अपना संस्थान की ओर से पर्यावरण सुधार के लिए जागरूकता लाने व अधिक से अधिक पेड़ लगाने को लेकर बुधवार से पांच दिवसीय 'हरित संगम' पर्यावरण मेले की शुरूआत हुई. मेले की शुरूआत में 101 बैलगाड़ियों की यात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शिरकत की. पूनिया ने कहा कि इस यात्रा से प्रकृति के संरक्षण में गौ माता की रक्षा के लिए बहुआयामी संदेश सामने आएंगे. वहीं राम मंदिर की प्रतिष्ठा होने से अयोध्या पूरी दुनिया की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी बनेगा.

मेले की शुरुआत में शहर के मोदी ग्राउंड से वैदिक मंत्रौचार के साथ 101 बैलगाड़ियों की शोभायात्रा निकाली गई. बैल गाड़ियों में छोटे-छोटे बच्चे भगवान की झांकियां से सजाए गए विराजमान थे. यह शोभायात्रा शहर के रोडवेज बस स्टैंड, सांगानेरी गेट, बड़ा मंदिर होते हुए चित्रकूट धाम पहुंची. आज से 5 दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा. शोभायात्रा की शुरुआत में भाजपा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, शाहपुरा से विधायक लालाराम बैरवा, भीलवाड़ा शहर विधायक अशोक कोठारी सहित संत समाज व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी मौजूद थे.

पढ़ें: वडोदरा के किसान ने बनाया 1100 किलो का दीपक, अयोध्या में होगा प्रज्वलित, कोटा में जोरदार स्वागत

पूनिया ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि दुनिया में इस समय पर्यावरण के संरक्षण और अपनी माटी व देश की संस्कृति के संरक्षण की चर्चा है. ऐसे में विश्व हिंदू परिषद व अपना संस्थान ने अनूठी पहल की है. हरित संगम के तहत आज बैलगाड़ी यात्रा से शुरुआत हुई है. इससे नई पीढ़ी में जागरुकता आएगी. गाय भारतीय संस्कृति के प्राण तत्व का आधार है. हम पुरानी परिपाटी में भी नंदी की पूजा करते थे. वर्तमान परिपाटी में ट्रैक्टर भले ही आगे हैं फिर भी नंदी की पूजा करते हैं. छोटी जोत में अभी भी नंदी के जरिए खेती की जाती है.

पढ़ें: 45 दिन तक जलती रहेगी 108 फीट लंबी अगरबत्ती, जानिए कितने किलोमीटर तक फैलेगी इसकी खुशबू

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े सवाल पर पूनिया ने कहा कि राम भारत की आस्था का प्रतीक हैं. अयोध्या की पवित्र पावन भूमि पर 22 जनवरी को पूरी दुनिया के सामने एक ऐसा शुभ अवसर मिलेगा. अयोध्या पूरी दुनिया की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी बनेगी. मेले में कल 11 जनवरी को प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी वह एनजीटी के रिटायर्ड अध्यक्ष आदर्श गोयल शिरकत करेंगे. वहीं 14 जनवरी को समापन समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शिरकत करेंगे.

बैलगाड़ी यात्रा पर क्या बोले सतीश पूनिया

भीलवाड़ा. अपना संस्थान की ओर से पर्यावरण सुधार के लिए जागरूकता लाने व अधिक से अधिक पेड़ लगाने को लेकर बुधवार से पांच दिवसीय 'हरित संगम' पर्यावरण मेले की शुरूआत हुई. मेले की शुरूआत में 101 बैलगाड़ियों की यात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शिरकत की. पूनिया ने कहा कि इस यात्रा से प्रकृति के संरक्षण में गौ माता की रक्षा के लिए बहुआयामी संदेश सामने आएंगे. वहीं राम मंदिर की प्रतिष्ठा होने से अयोध्या पूरी दुनिया की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी बनेगा.

मेले की शुरुआत में शहर के मोदी ग्राउंड से वैदिक मंत्रौचार के साथ 101 बैलगाड़ियों की शोभायात्रा निकाली गई. बैल गाड़ियों में छोटे-छोटे बच्चे भगवान की झांकियां से सजाए गए विराजमान थे. यह शोभायात्रा शहर के रोडवेज बस स्टैंड, सांगानेरी गेट, बड़ा मंदिर होते हुए चित्रकूट धाम पहुंची. आज से 5 दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा. शोभायात्रा की शुरुआत में भाजपा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, शाहपुरा से विधायक लालाराम बैरवा, भीलवाड़ा शहर विधायक अशोक कोठारी सहित संत समाज व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी मौजूद थे.

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पूनिया ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि दुनिया में इस समय पर्यावरण के संरक्षण और अपनी माटी व देश की संस्कृति के संरक्षण की चर्चा है. ऐसे में विश्व हिंदू परिषद व अपना संस्थान ने अनूठी पहल की है. हरित संगम के तहत आज बैलगाड़ी यात्रा से शुरुआत हुई है. इससे नई पीढ़ी में जागरुकता आएगी. गाय भारतीय संस्कृति के प्राण तत्व का आधार है. हम पुरानी परिपाटी में भी नंदी की पूजा करते थे. वर्तमान परिपाटी में ट्रैक्टर भले ही आगे हैं फिर भी नंदी की पूजा करते हैं. छोटी जोत में अभी भी नंदी के जरिए खेती की जाती है.

पढ़ें: 45 दिन तक जलती रहेगी 108 फीट लंबी अगरबत्ती, जानिए कितने किलोमीटर तक फैलेगी इसकी खुशबू

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े सवाल पर पूनिया ने कहा कि राम भारत की आस्था का प्रतीक हैं. अयोध्या की पवित्र पावन भूमि पर 22 जनवरी को पूरी दुनिया के सामने एक ऐसा शुभ अवसर मिलेगा. अयोध्या पूरी दुनिया की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राजधानी बनेगी. मेले में कल 11 जनवरी को प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी वह एनजीटी के रिटायर्ड अध्यक्ष आदर्श गोयल शिरकत करेंगे. वहीं 14 जनवरी को समापन समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शिरकत करेंगे.

Last Updated : Jan 10, 2024, 7:24 PM IST
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