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महिलाएं कृषि में अहम भूमिका निभाएं : कृषि उप निदेशक - राजस्थान न्यूज

भीलवाड़ा में कृषि विभाग आत्मा की ओर से महिला किसानों को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें किसानी काम में महिलाओं की आत्मनिर्भरता और बढ़ाने की बात कही गई.

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जिले में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
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Published : Oct 16, 2020, 1:27 PM IST

भीलवाड़ा. जिले में आत्मा परियोजना कृषि विभाग भीलवाड़ा के तत्वावधान में कृषि विज्ञान केंद्र में महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें डॉ. जीएल चावला, उप निदेशक कृषि व पदेन परियोजना निदेशक आत्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी नारी शक्ति का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने महिला किसान दिवस की आवश्यकता और उपयोगिता का अर्थ समझाया.

आत्मा ने महिलाओं का कृषि में योगदान व सामाजिक परिवेश में महिला की भूमिका के बारे में अवगत कराया. डॉ. चावला ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं को कृषि विभाग की विभिन्न गतिविधियों यथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, अनुदान संबंधी जानकारी आदि को साझा किया.

उन्होंने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर ही खेत में उर्वरक का प्रयोग करें, साथ ही कृषि प्रसंस्करण नीति के तहत कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाने हेतु आवश्यक जानकारी दी. साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि अध्ययन क्षेत्र में छात्राएं राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकती हैं.

वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. सीएम यादव ने केंद्र पर स्थापित जीवित प्रदर्शन इकाईयों डेयरी, बकरीपालन, मुर्गीपालन, चूजापालन, अजोला व वर्मी कम्पोस्ट का भ्रमण करवाते हुए वर्तमान परिवेश में इन इकाइयों से होने वाले लाभ से अवगत कराया. साथ ही शस्य वैज्ञानिक डॉ. केसी नागर ने महिलाओं को कृषक हितार्थ केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं, प्रयोगशाला से खेत तक प्रक्रिया के बारे में बताया.

पढ़ें: बाड़मेर को बड़ी सौगात...3 करोड़ की लागत से बनेगा शहर का पहला अंडर ब्रिज

कार्यक्रम में पोषण संवेदी कृषि संसाधन व नवोन्मेषण (नारी) के उद्देश्यों जैसे, कृषि को पोषण से जोड़ना ताकि पोषण संवेदनशील हो व कृषि को बढ़ावा मिल सके. साथ ही कृषक महिलाओं और ग्रामीण युवाओं में कृषि की महत्ता बताई गई.

भीलवाड़ा. जिले में आत्मा परियोजना कृषि विभाग भीलवाड़ा के तत्वावधान में कृषि विज्ञान केंद्र में महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें डॉ. जीएल चावला, उप निदेशक कृषि व पदेन परियोजना निदेशक आत्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी नारी शक्ति का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने महिला किसान दिवस की आवश्यकता और उपयोगिता का अर्थ समझाया.

आत्मा ने महिलाओं का कृषि में योगदान व सामाजिक परिवेश में महिला की भूमिका के बारे में अवगत कराया. डॉ. चावला ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं को कृषि विभाग की विभिन्न गतिविधियों यथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, अनुदान संबंधी जानकारी आदि को साझा किया.

उन्होंने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर ही खेत में उर्वरक का प्रयोग करें, साथ ही कृषि प्रसंस्करण नीति के तहत कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाने हेतु आवश्यक जानकारी दी. साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि अध्ययन क्षेत्र में छात्राएं राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकती हैं.

वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. सीएम यादव ने केंद्र पर स्थापित जीवित प्रदर्शन इकाईयों डेयरी, बकरीपालन, मुर्गीपालन, चूजापालन, अजोला व वर्मी कम्पोस्ट का भ्रमण करवाते हुए वर्तमान परिवेश में इन इकाइयों से होने वाले लाभ से अवगत कराया. साथ ही शस्य वैज्ञानिक डॉ. केसी नागर ने महिलाओं को कृषक हितार्थ केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं, प्रयोगशाला से खेत तक प्रक्रिया के बारे में बताया.

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कार्यक्रम में पोषण संवेदी कृषि संसाधन व नवोन्मेषण (नारी) के उद्देश्यों जैसे, कृषि को पोषण से जोड़ना ताकि पोषण संवेदनशील हो व कृषि को बढ़ावा मिल सके. साथ ही कृषक महिलाओं और ग्रामीण युवाओं में कृषि की महत्ता बताई गई.

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