भीलवाड़ा. जिले के किसानों को मोटे अनाज को लेकर गुरुवार को कृषि अनुसंधान केंद्र में ट्रेनिंग दी गई. कृषि विभाग का मानना है कि मोटे अनाज में आवश्यक पौष्टिक तत्व की संख्या ज्यादा होती है. अगर किसान अपने भोजन में मोटे अनाज का उपयोग करता है, तो निश्चित रूप से वह स्वस्थ रहेगा और शरीर में सभी पौष्टिक तत्वों की पूर्ति होगी. मोटे अनाज को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सपने को भीलवाड़ा कृषि विभाग व किसान साकार कर रहे हैं. भीलवाड़ा की बारानी कृषि अनुसंधान केंद्र में गुरुवार को जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक इंदर सिंह संचेती ने कहा कि खाद्य एवं पोषण सुरक्षा एवं पोष्टिक अनाज को बढ़ावा देने के लिए यह वर्ष अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के नाम से मनाया जा रहा है. कार्यशाला में लगभग 100 से ज्यादा किसान भाग ले रहे हैं. पोषक अनाज जिसको श्री अन्न के रूप में जाना जाता है. उसके बारे में किसानों को जानकारी दी जा रही है. यह मानव स्वास्थ्य व पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है.
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वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोटे अनाज के सपने को भी हम साकार कर रहे हैं. भारत सरकार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास कर रही है. मोटे अनाज को लेकर किसान मोटिवेट हो रहे हैं. क्योंकि राजस्थान वैसे भी बाजरे के उत्पादन में अग्रणी राज्य है. वहीं ज्वार का भी उत्पादन होता है और किसानों को और प्रेरणा दी जा रही है जिससे किसान प्रभावित होकर आने वाले दिनों में अपने स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाज की फसल की अधिक से अधिक बुआई कर अच्छा उत्पादन ले सकें.
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आगामी रबी की फसल की भी दी जा रही जानकारी: कृषि विभाग की कार्यशाला में जिले के किसानों को आगामी रबी की फसल की बुवाई के लिए भी किसानों को जानकारी दी जा रही है. कृषि विभाग के अधिकारियों को कहना है कि अगर किसान उन्नत किस्म के बीज की बुवाई करेंगे, तो निश्चित रूप से अच्छा उत्पादन होगा.