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जर्जर स्कूल भवन से परेशान छात्राएं उतरी सड़क पर...रोड किया जाम, लगाए नारे

भीलवाड़ा के पुर में सरकारी स्कूल का भवन जर्जर होने के कारण छात्राओं को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया. लेकिन वहां भी स्कूल भवन की हालत खराब होने पर गुस्साई छात्राओं ने विरोध-प्रदर्शन (students protested when the government school building was dilapidated) किया. इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल की मरम्मत कराने का आश्वासन दिया है.

students protested when the government school building was dilapidated
प्रदर्शन करतीं छात्राएं
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Published : Jul 20, 2022, 4:47 PM IST

भीलवाड़ा. शहर के उपनगर पूर में स्थित सरकारी स्कूल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. राजकीय माध्यमिक बालिका विद्यालय के जर्जर होने के चलते स्कूल की छात्राओं को अन्य उच्च माध्यमिक विद्यालय वार्ड 22 सरकारी विद्यालय में शिफ्ट कर दिया. लेकिन यहां भी व्यवस्थाएं बदतर होने के कारण स्कूली छात्राओं का गुस्सा फूट गया. छात्राएं स्कूल के मुख्य द्वार बंद करके मुख्य सड़क पर बैठ (students protested when the government school building was dilapidated ) गई. जिसके चलते काफी समय तक ट्रैफिक भी बाधित रहा. सूचना पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी स्थानीय पार्षद और पुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और छात्राओं से समझाइश कर मामला शांत करावाया.

साल 2019 से स्कूल की जर्जर व्यवस्था: कार्यवाहक संस्था प्रधान स्वराज मीणा ने कहा कि 2019 से ही विद्यालय जर्जर अवस्था में है. इसको लेकर जिला कलेक्टर के निर्देश पर नगर परिषद ने भी नोटिस देकर स्कूल को बंद करवाने को लेकर निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों का दबाव होने के कारण काई समय तक बच्चों को यहीं पढ़ाया. स्कूल की हालत ज्यादा खराब होने पर हमने वार्ड नंबर 22 बालिका विद्यालय में बच्चों को शिफ्ट किया. लेकिन यहां भी हालत बद से बदतर बनी हुई है.

कार्यवाहक संस्था प्रधान स्वराज मीणा का बयान

पढ़ें: टोंक: छात्रा की मौत के बाद कॉलेज में ताला बंदकर छात्र-छात्राओं ने किया प्रदर्शन, मुआवजे की मांग

तीन सालों के छात्र कई समस्याओं से जुझ रहे हैं: स्कूली छात्रा अंतिमा तेली ने कहा कि बीते 3 सालों से हम इस स्कूल में कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. अब दूसरे स्कूल में जाने के बाद भी कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि यहां न तो शौचालय है, न पढ़ाई करने लायक कमरे. बारिश के दौरान यहां पर पानी टपकता रहता है और एक कमरे में क्षमता से अधिक बच्चों को भर दिया जाता है. जिससे पढ़ाई करने में भी काफी समस्याएं होती है.

पुर सेहवर्त पार्षद योगेश पारीक ने कहा कि राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय में कुछ दिन पूर्व पानी गिरने की वजह से शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर स्कूल की छात्राओं को वार्ड नंबर 22 विद्यालय में शिफ्ट किया गया. लेकिन यहां पर भी छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ा. छात्राओं के विरोध प्रदर्शन के बीच शिक्षा विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने आश्वासन दिया कि स्कूल से जल्द से जल्द मरम्मत करवाया जाएगा.

पढ़ें: भीलवाड़ाः छात्रा की आत्महत्या मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, ABVP ने उग्र आंदोलन की चेतावनी

जिला शिक्षा अधिकारी ने समझाइश कर मामला शांत कराया: जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मा राम चौधरी ने कहा छात्राओं और उनके परिजनों से समझाइश करके मामला शांत करवाया है. जर्जर विद्यालय भवनों की मरम्मत करवाई जाएगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिले में जर्जर अवस्था में 5 विद्यालय हैं, जिसको लेकर एक अभियान चलाया जाएगा. जिसमें जिले भर में जितने भी जर्जर अवस्था में स्कूली भवन है उनकी जल्द मरम्मत करवा दी जाएगी.

भीलवाड़ा. शहर के उपनगर पूर में स्थित सरकारी स्कूल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. राजकीय माध्यमिक बालिका विद्यालय के जर्जर होने के चलते स्कूल की छात्राओं को अन्य उच्च माध्यमिक विद्यालय वार्ड 22 सरकारी विद्यालय में शिफ्ट कर दिया. लेकिन यहां भी व्यवस्थाएं बदतर होने के कारण स्कूली छात्राओं का गुस्सा फूट गया. छात्राएं स्कूल के मुख्य द्वार बंद करके मुख्य सड़क पर बैठ (students protested when the government school building was dilapidated ) गई. जिसके चलते काफी समय तक ट्रैफिक भी बाधित रहा. सूचना पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी स्थानीय पार्षद और पुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और छात्राओं से समझाइश कर मामला शांत करावाया.

साल 2019 से स्कूल की जर्जर व्यवस्था: कार्यवाहक संस्था प्रधान स्वराज मीणा ने कहा कि 2019 से ही विद्यालय जर्जर अवस्था में है. इसको लेकर जिला कलेक्टर के निर्देश पर नगर परिषद ने भी नोटिस देकर स्कूल को बंद करवाने को लेकर निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों का दबाव होने के कारण काई समय तक बच्चों को यहीं पढ़ाया. स्कूल की हालत ज्यादा खराब होने पर हमने वार्ड नंबर 22 बालिका विद्यालय में बच्चों को शिफ्ट किया. लेकिन यहां भी हालत बद से बदतर बनी हुई है.

कार्यवाहक संस्था प्रधान स्वराज मीणा का बयान

पढ़ें: टोंक: छात्रा की मौत के बाद कॉलेज में ताला बंदकर छात्र-छात्राओं ने किया प्रदर्शन, मुआवजे की मांग

तीन सालों के छात्र कई समस्याओं से जुझ रहे हैं: स्कूली छात्रा अंतिमा तेली ने कहा कि बीते 3 सालों से हम इस स्कूल में कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. अब दूसरे स्कूल में जाने के बाद भी कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि यहां न तो शौचालय है, न पढ़ाई करने लायक कमरे. बारिश के दौरान यहां पर पानी टपकता रहता है और एक कमरे में क्षमता से अधिक बच्चों को भर दिया जाता है. जिससे पढ़ाई करने में भी काफी समस्याएं होती है.

पुर सेहवर्त पार्षद योगेश पारीक ने कहा कि राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय में कुछ दिन पूर्व पानी गिरने की वजह से शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर स्कूल की छात्राओं को वार्ड नंबर 22 विद्यालय में शिफ्ट किया गया. लेकिन यहां पर भी छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ा. छात्राओं के विरोध प्रदर्शन के बीच शिक्षा विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने आश्वासन दिया कि स्कूल से जल्द से जल्द मरम्मत करवाया जाएगा.

पढ़ें: भीलवाड़ाः छात्रा की आत्महत्या मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, ABVP ने उग्र आंदोलन की चेतावनी

जिला शिक्षा अधिकारी ने समझाइश कर मामला शांत कराया: जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मा राम चौधरी ने कहा छात्राओं और उनके परिजनों से समझाइश करके मामला शांत करवाया है. जर्जर विद्यालय भवनों की मरम्मत करवाई जाएगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिले में जर्जर अवस्था में 5 विद्यालय हैं, जिसको लेकर एक अभियान चलाया जाएगा. जिसमें जिले भर में जितने भी जर्जर अवस्था में स्कूली भवन है उनकी जल्द मरम्मत करवा दी जाएगी.

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