भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी भीलवाड़ा में होली पर मुंह मीठा करवाने के लिए बनाई जाने वाली प्रसिद्ध गियर मिठाई की खुशबू बाजार में बिखरना शुरू हो गया है. मिठाई विक्रेताओ ने यह मिठाई बनाना शुरू कर दिया है. पिछली होली पर कोरोना ने बाजार का जायका बिगाड़ दिया था. इस बार व्यापारी उम्मीद से भरे हुए हैं. देखिये यह रिपोर्ट...
होली के अवसर पर भीलवाड़ा में खायी जाने वाली गियर मिठाई बनाने वाले विक्रेताओं ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पिछले वर्ष होली पर कोरोना के चलते बिल्कुल बिक्री नहीं हुई थी. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण का असर कुछ कम हुआ है. इसलिए उन्होंने नई उम्मीद के साथ गियर मिठाई बनाना शुरू कर दिया है. उन्हें इस बार अधिक बिक्री की उम्मीद है.
विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने देश के तमाम उद्योग धंधों को ठप कर दिया था. कोरोना संक्रमण फैलते ही भीलवाड़ा जिला हॉटस्पॉट बन गया था. ऐसे में पिछले वर्ष की होली भीलवाड़ा के लिए ठीक नहीं रही. लेकिन अब धीरे-धीरे कोरोना का प्रभाव कम होने के साथ ही आमजन बड़ी उम्मीद के साथ काम में जुट गया है.
मिठाई की दुकानों पर भीलवाड़ा की प्रसिद्ध गियर मिठाई बनना शुरू हो गया है. सिंधी समाज के लोग होली पर्व पर शगुन के रूप में गियर मिठाई का उपयोग करते हैं. होली के पहले यह मिठाई भीलवाड़ा के बाजार में बनना शुरू हो जाती है.
ईटीवी भारत की टीम ने गियर मिठाई बनाने वाले विक्रेता रमेश वाधवानी ने बात की. उन्होंने बताया कि यह मिठाई सिंधी समाज के लोगों के घर में खूब उपयोग में ली जाती है. होली के दिन बहन-बेटियां मुंह मीठा करवाने के लिए इस मिठाई का उपयोग करती हैं.
उन्होंने बताया कि होलिका दहन के समय भी पूजा में गियर मिठाई उपयोग में ली जाती है और शगुन के रूप मे मुंह मीठा करवाया जाता है. यह मिठाई देसी और वनस्पति दोनों तरह के घी से बनाई जाती है.
मिठाई बनाने में घी, मैदा और शक्कर का इस्तेमाल किया जाता है. वनस्पति घी की मिठाई बाजार में 200 रूपये प्रति किलो और देसी घी की मिठाई 340 रूपये प्रति किलो के भाव से बिकती है. होली पर इसकी बिक्री ज्यादा होती है. पिछले वर्ष कोरोना के कारण गियर की बिक्री नहीं हो सकी थी.
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रमेश वाधवानी ने बताया कि उन्होंने अपनी उम्र में ऐसी महामारी पहली बार देखी. जब लोगों के स्वास्थ्य के साथ साथ रोजगार पर भी इतना बुरा असर पड़ा. उन्होंने कहा कि अब कोरोना का प्रभाव कम हुआ है और वे बड़ी उम्मीद के साथ गियर मिठाई बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे कोरोना गाईडलाइन की पालना करते हुए ही मिठाई बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार गियर की अच्छी बिक्री होने की उम्मीद है.
गियर मिठाई बनाने वाले हलवाई कालू प्रजापत ने कहा कि वे 20 साल से यह मिठाई बना रहे हैं. पिछले वर्ष यहां बिल्कुल मिठाई नहीं बनाई गई थी. ऐसे में उनके भी रोजगार पर असर पड़ा. अब वे भी बड़ी उम्मीद के साथ काम में जुटे हुए हैं. कालू प्रजापत कहते हैं कि इस बार होली पर गियर की मिठास बरकरार रहेगी.