भीलवाड़ा. सावन माह में भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व होता है. देशभर में शिवभक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. भीलवाड़ा शहर के पास स्थित हरणी महादेव स्थल पर एक ऐसा शिव मंदिर स्थापित है, जिसमें 5 फीट ऊंचे शिवलिंग में 12 ज्योतिर्लिंग का स्वरूप दिखता है. भक्तों का कहना है कि बहुत से लोग 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने नहीं जा सकते हैं, ऐसे में इस शिव मंदिर में आकर 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा कर फल प्राप्त कर सकते हैं.
नकद नहीं डिजिटल दान : यहां प्रतिदिन श्रावन माह में मेले के जैसा नजारा रहता है. सुबह से शाम तक भगवान भोले के 3 शृंगार किए जाते हैं. श्रावण माह में सुबह और शाम दो बार रुद्राभिषेक किया जाता है. 12 ज्योतिर्लिंग के समावेश वाला शिवलिंग ऐसा है जहां देश के हर कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस मंदिर के दानपात्र में नकद नहीं लिया जाता है, बल्कि डिजिटल रूप से दान दिया जाता है.
प्राकृतिक पहाड़ों के बीच रमणीय स्थल : श्रद्धालु महिला विजेंद्र कुमार ने बताया कि वो यहां श्रावन माह में भगवान शंकर का व्रत रखकर विशेष पूजा अर्चना करती हैं. देशभर में अलग-अलग जगह ज्योतिर्लिंग हैं, लेकिन यह ऐसा शिवलिंग है जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग एक साथ हैं. मान्यता है कि इनकी पूजा करने से ही 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जैसा फल प्राप्त हो जाता है. यहां पूजा करने से सभी की मनोकामना पूरी होती है. शिवभक्त विक्की शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा में हरणी महादेव प्राकृतिक पहाड़ों के बीच रमणीय स्थल है, जहां श्रावन माह में काफी शिव भक्त पूजा अर्चना करने आते हैं.
अमेरिका से आने पर करते हैं दर्शन : पिछले 10 वर्षों से अमेरिका में नौकरी करने वाले भीलवाड़ा निवासी विक्की जागेटिया भी परिवार के साथ पूजा-अर्चना करने इस शिव मंदिर पहुंचे. उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों से वो अमेरिका के कोलंबस में रह रहे हैं. जब भी भीलवाड़ा आते हैं, इस शिव मंदिर में दर्शन करने और जलाभिषेक करने जरूर पहुंचते हैं. यहां पूजा करने से भगवान महादेव की कृपा हमारे परिवार पर बनी रहती है.
40 साल पहले हुई थी स्थापना : मंदिर के पुजारी शिवम शर्मा ने दावा किया कि यह प्रदेश का एकमात्र शिव मंदिर है, जहां एक साथ 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं. इस मंदिर की स्थापना शिवभक्त रामस्वरूप अग्रवाल ने आज से 40 वर्ष पूर्व की थी. यहां काफी संख्या में शिव भक्त आते हैं. श्रावन माह में सुबह 6 से रात्रि 10 बजे तक लोग भगवान शिव की पूजा करने आते हैं. यहां दिन में तीन बार शृंगार होता और दिन में दो बार रुद्राभिषेक किया जाता है. यह 5 फीट ऊंचा शिवलिंग है. शिवलिंग की चारों दिशाओं में तीन-तीन ज्योतिर्लिंग के स्वरूप के दर्शन होते हैं. इस तरह एक ही शिवलिंग में 12 ज्योतिर्लिंग का स्वरूप है.