भीलवाड़ा. राजस्थान में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा से ही हुई थी. उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की जांच भीलवाड़ा में ही करवाने के लिए स्वीकृति दी थी. सीएम ने तुरंत समय गंवाते हुए भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के लिए RT PCR (रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) मशीन की स्वीकृति दी थी. इसके बाद भीलवाड़ा की राजमाता विजयराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच की मशीन स्थापित हो चुकी है. पुणे से स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही यहां कोरोना की जांच हो सकेगी.
भीलवाड़ा में एकाएक बढ़े कोरोना मरीजों की जांच में गति देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज को रियल टाइम पीसीआर मशीन उपलब्ध करवाई है, जिससे इन मरीजों की जांच रिपोर्ट के लिए सैंपल जयपुर नहीं भेजने पड़ेंगे. इस मशीन से 1 दिन में 100 से अधिक सैंपल की जांच संभव हो पाएगी.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी पुणे से इसकी स्वीकृति मिलने के साथ ही कुछ दिनों तक जयपुर और यहां के सैंपल जांच रिपोर्ट को देखा जाएगा. दोनों में भिन्नता नहीं आने पर यहां की मशीन पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगी. साथ ही राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध करवाई गई दूसरी मशीन भी आने पर रोजाना 200-250 सैंपल्स की जांच हो सकेगी.
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भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजन नन्दा ने कहा कि भीलवाड़ा के लिए यह खुशी की बात है कि पहली RT PCR मशीन यहां पर स्थापित की जा चुकी है. यहां पर दो मशीन आनी थी, जिसमें पहली मशीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दानदाताओं की मदद से भेजी है. इस मशीन को शुरू करने के लिए हमनें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी पुणे को स्वीकृति प्रदान करने के लिए लेटर भेजा है. इसकी स्वीकृति मिलने के बाद इसे चालू कर दिया जाएगा.