भीलवाड़ा. सिंधी समाज के मंदिरों में गुरु ग्रंथ साहिब रखने और अन्य मूर्तियों, धार्मिक ग्रंथों को रखने पर विवाद हो गया है. निंहग सेना ने हरी सेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर महंत हंसाराम को सोशल मीडिया के जरिए धमकी दी है. सोमवार को पुलिस अधीक्षक ने हंसाराम को पुलिस की सुरक्षा मुहैया कराई. इस मामले पर हरी सेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर हंसाराम से ईटीवी भारत से बातचीत की.
हंसाराम ने कहा कि इस मामले को लेकर 2 दिन पहले मुझे ब्यावर में धर्म सभा को संबोधित करते वक्त धमकी मिली थी. उस दौरान किसी सिख ने मुझे धमकी दी थी. उसने कहा था कि गुरु गोविंद साहब की निहंग सेना आपको देख लेगी. उन्होंने कहा कि धमकी देने वाले से मेरी बात नहीं हुई है. उसने सोशल मीडिया के जरिए धमकी दी है. इस मामले की सारी सूचना मैंने जिला पुलिस अधीक्षक को उपलब्ध करवा दी है.
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हरी सेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर हंसाराम ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब को हम सदियों से सनातनी परंपरा अनुसार पूजते आ रहे हैं. मैं चाहता हूं कि पूरे भारत में सिंधी समाज के जितने भी मंदिर और संत हैं उनकी सुरक्षा हो. इसके लिए मैंने मध्य प्रदेश के साथ भारत सरकार को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि मुझ जैसे व्यक्ति को धमकी मिल सकती है तो किसी के साथ कुछ भी हो सकता है.
महामंडलेश्वर हंसाराम ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि पिछले 1-2 महीने से इंदौर में निहंक सिख आए और उन्होंने सिंधी समाज के मंदिरों में गुरु ग्रंथ साहिब के साथ जो मूर्तियां पड़ी थी उसे हटा दिया. वहां गद्दी पर बैठे संतों को भी अपशब्द कहा. उन लोगों ने मुझे 12 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था. जिसके बाद 11 जनवरी को गुरु ग्रंथ साहिब को इंदौर के गुरुद्वारे में पहुंचा दिया.