भीलवाड़ा. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के भाजपा में शामिल होने को लेकर कालू लाल गुर्जर ने निशाना साधा है. उन्होंने बैंसला को मोरल लेस आदमी कहा. बता दें कि गुर्जर समाज के सुखबीर सिंह जौनापुरिया को टोंक से टिकट मिलने के बाद कालू लाल गुर्जर भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से टिकट की मांग कर रहे थे. लेकिन जौनपुरिया को टिकट मिलने के कारण कालू लाल गुर्जर को टिकट नहीं मिला. जिसका दर्द भी आज ईटीवी भारत के सामने दबी जुबान में छलक पड़ा.
गुर्जर समाज के प्रमुख नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भाजपा में शामिल हो गये. जिसको लेकर भाजपा के पूर्व मंत्री और गुर्जर समाज के राजनेता कालू लाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कर्नल बैंसला मेरी निगाह में मोरल लेस आदमी है. उनका कोई मोरल नहीं है. वो अनेक बार पार्टियां बदल चुके हैं. पहले ओम माथुर कहते थे कर्नल बैंसला बीजेपी का कार्यकर्ता है, हमारा है. लेकिन जब उन्होंने आंदोलन की शुरुआत की, सरकार की खिलाफत की तब माथुर ने कहा कि बैसला हमारा नहीं है. जैसे ही आंदोलन समाप्त हुआ बीजेपी ने भी टिकट दे दिया. उसने बीजेपी ज्वाइन कर ली जबकि बैंसला ने आंदोलन के समय गुर्जरों को कहा था कि मैं कभी चुनाव नहीं लड़ूंगा. अगर मैं चुनाव लड़ता हूं तो मेरे को जमीन में गाड़ देना. उसके बाद भी बैंसला ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, तब गुर्जर समाज ने उनको हराया. हराने के बाद भी बैंसला को भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया. आश्चर्य है कि बीजेपी से थोड़े दिन बाद बैंसला कांग्रेस में चले गए कांग्रेस का काम किया. जब वसुंधरा राजस्थान की मुख्यमंत्री उस समय चार उप-चुनाव हुए. जिसमें बैंसला ने बीजेपी का विरोध किया.आंदोलन किए अब वापस बीजेपी में आ गए हैं. ऐसे मोरल लेस आदमी से मेरा यह कहना है कि बीजेपी को कोई लाभ नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी मे पुराने आदमी है. उनको प्रोत्साहन देना चाहिए. बैसला से भाजपा को कोई लाभ नहीं मिलेगा. इससे भारी नुकसान होगा और जो लोग पुराने हैं, उनका मोरल डाउन होगा.
साथ ही कालू राम गुर्जर ने जौनापुरिया को टिकट दिए जाने को लेकर कहा कि मैं भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की आलोचना नहीं करता. मगर यह सच है कि भाजपा राजस्थान के स्थानीय व्यक्ति को टिकट नहीं देती है. पहले जौनापुरिया को दिया अब वापस जौनापुरिया को टोंक से टिकट दे दिया. इससे पहले नाथू सिंह गुर्जर को जरूर टिकट दिया था. राजस्थान में बाहर से आने वाले गुर्जर नेताओं ने टिकट दिया. यहां लोकल लीडरशिप को खत्म कर दिया. मेरा यह कहना है कि बीजेपी को भी टिकट देते समय बाहर का प्रेम छोड़ना चाहिए.
इस दौरान उन्होंने कर्नल और जौनापुरिया को लेकर कहा कि चाहे कर्नल आये या जोनापुरिया चुनाव लडे़, इससे बीजेपी को कोई लाभ नहीं मिलेगा. जो भाजपा के पुराने राजनेता हैं, उन लोगों को आगे लाने का प्रयास करना चाहिए.