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भीलवाड़ा में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही महापुरुषों की मूर्तियां

भीलवाड़ा शहर में महापुरुषों की लगाई गई मूर्तियों की तरफ शहर विकास न्यास (यूआईटी) का तनिक भी ध्यान नहीं जा रहा है. इस वजह से वर्तमान में कई मूर्तियां अपनी बदहाली पर आसूं बहा रही हैं.

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Published : Apr 23, 2019, 5:05 PM IST

भीलवाड़ा शहर में लगी महापुरुषों की मूर्तियां

भीलवाड़ा. आने वाली पीढ़ियां अपने महापुरुषों को याद रखें. इसलिए शहर में हर गली चौराहों और मुहल्लों का नाम उनके नामों पर रखा जाता है, ताकि लोग उनके द्वारा किए गए नेक कार्यों को भी याद रखें.

शहर में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही महापुरुषों की मूर्तियां

कुछ यही वजह भी है कि जिला प्रशासन द्वारा महापुरुषों की मूर्तियां लगाई जाती हैं, जिससे की आमजन सहित युवा उनके आदर्शों का पालन कर अपना भविष्य संवार सकें. लेकिन भीलवाड़ा शहर में इसके उलट इन्हीं महापुरुषों की प्रतिमाएं प्रशासन की अनदेखी के चलते धूल फांक रही हैं. हमने इस मुद्दे पर जनता की राय जानी.

पटेल नगर निवासी अमित त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनवाई. यह मूर्ति लगभग 300 करोड़ की लागत से बनाई गई है. ऐसे ही उनके शहर में भी सरदार वल्लभ भाई की एक मूर्ति है, जो नगर विकास न्यास की अनदेखी के चलते टूट गई है.

उन्होंने कहा कि अगर यहां कोई चौकीदार होता या प्रशासन इसकी देखरेख करवाता तो शायद यह दशा न होती. त्रिवेदी ने बताया कि पटेल ने देश में एक अहम भूमिका निभाई है. देश को एक सम्मान दिया है और उन्हीं की मूर्ति पर आज प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शहर में कई अन्य जगहों पर भी महापुरुषों की मूर्तियां लगाई गई हैं, जिनकी हालत कुछ ऐसी ही बनी हुई है.

राधा कृष्ण कॉलोनी निवासी उमेश टेलर ने कहा है कि शहर में जिन महापुरुषों की मूर्तियां लगाई गई हैं. इसकी तरफ प्रशासन तनिक भी ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने बताया कि जब इन महापुरुषों की जयंती आती है तब प्रशासन को याद आता है की इनकी साफ-सफाई करनी है. वहीं जयंती खत्म होते ही दूसरे दिन प्रशासन इनकी ओर ध्यान ही नहीं देता. प्रशासन की देखरेख के अभाव में यह मूर्तियां टूट रही हैं.

गौरतलब हो कि नगर विकास न्यास द्वारा लाखों रुपए खर्चकर शहर के हर चौराहे पर महापुरुषों के नेक कार्य को याद करने के लिए उनकी मूर्तियां लगाई गई है. जहां उनका सम्मान तो दूर यूआईटी इनकी देखरेख तक नहीं कर पा रही है. जब ईटीवी भारत ने इस बारे में बात करना चाहा तो चुनाव कार्यों में व्यस्त होना बताकर बात करने से इंकार कर दिया.
ऐसे में अब देखना यह है कि नगर विकास न्यास कब इन मूर्तियों की ओर ध्यान देकर इनकी मरम्मत करवाता है या ये मूर्तियां ऐसे ही अपनी बदहाली पर आंसू बहाती रहेगी.

भीलवाड़ा. आने वाली पीढ़ियां अपने महापुरुषों को याद रखें. इसलिए शहर में हर गली चौराहों और मुहल्लों का नाम उनके नामों पर रखा जाता है, ताकि लोग उनके द्वारा किए गए नेक कार्यों को भी याद रखें.

शहर में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही महापुरुषों की मूर्तियां

कुछ यही वजह भी है कि जिला प्रशासन द्वारा महापुरुषों की मूर्तियां लगाई जाती हैं, जिससे की आमजन सहित युवा उनके आदर्शों का पालन कर अपना भविष्य संवार सकें. लेकिन भीलवाड़ा शहर में इसके उलट इन्हीं महापुरुषों की प्रतिमाएं प्रशासन की अनदेखी के चलते धूल फांक रही हैं. हमने इस मुद्दे पर जनता की राय जानी.

पटेल नगर निवासी अमित त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनवाई. यह मूर्ति लगभग 300 करोड़ की लागत से बनाई गई है. ऐसे ही उनके शहर में भी सरदार वल्लभ भाई की एक मूर्ति है, जो नगर विकास न्यास की अनदेखी के चलते टूट गई है.

उन्होंने कहा कि अगर यहां कोई चौकीदार होता या प्रशासन इसकी देखरेख करवाता तो शायद यह दशा न होती. त्रिवेदी ने बताया कि पटेल ने देश में एक अहम भूमिका निभाई है. देश को एक सम्मान दिया है और उन्हीं की मूर्ति पर आज प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शहर में कई अन्य जगहों पर भी महापुरुषों की मूर्तियां लगाई गई हैं, जिनकी हालत कुछ ऐसी ही बनी हुई है.

राधा कृष्ण कॉलोनी निवासी उमेश टेलर ने कहा है कि शहर में जिन महापुरुषों की मूर्तियां लगाई गई हैं. इसकी तरफ प्रशासन तनिक भी ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने बताया कि जब इन महापुरुषों की जयंती आती है तब प्रशासन को याद आता है की इनकी साफ-सफाई करनी है. वहीं जयंती खत्म होते ही दूसरे दिन प्रशासन इनकी ओर ध्यान ही नहीं देता. प्रशासन की देखरेख के अभाव में यह मूर्तियां टूट रही हैं.

गौरतलब हो कि नगर विकास न्यास द्वारा लाखों रुपए खर्चकर शहर के हर चौराहे पर महापुरुषों के नेक कार्य को याद करने के लिए उनकी मूर्तियां लगाई गई है. जहां उनका सम्मान तो दूर यूआईटी इनकी देखरेख तक नहीं कर पा रही है. जब ईटीवी भारत ने इस बारे में बात करना चाहा तो चुनाव कार्यों में व्यस्त होना बताकर बात करने से इंकार कर दिया.
ऐसे में अब देखना यह है कि नगर विकास न्यास कब इन मूर्तियों की ओर ध्यान देकर इनकी मरम्मत करवाता है या ये मूर्तियां ऐसे ही अपनी बदहाली पर आंसू बहाती रहेगी.

Intro:भीलवाड़ा शहर में अपनी ही बदहाली पर महापुरुषों की मूर्तियां बहा रही है आंसू

प्रशासन नहीं दे रहा है इस ओर गंभीरता से ध्यान


आने वाली पीढ़िया हमारे महापुरुषों को याद रखें इसलिए शहर में हर गली चौराहों और महलों का नाम उन महापुरुषों के नाम पर रखा जाता है जिनके नेक कार्य को याद रख सकें इसलिए प्रशासन द्वारा महापुरुषों की मूर्तियां लगाई जाती है । जिससे कि उनके आदर्शों पर चल कर युवा अपना भविष्य बना सके लेकिन भीलवाड़ा शहर में इसके उलट इन्हीं महापुरुषों की प्रतिमाएं प्रशासन की अनदेखी के चलते धूल खा रही है।



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पटेल नगर निवासी अमित ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति " स्टैचू ऑफ यूनिटी" बनाई जिसे 300 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई थी। ऐसी ही हमारे भीलवाड़ा शहर में भी सरदार वल्लभभाई की एक मूर्ति है जो नगर विकास न्यास की अनदेखी के चलते टूट गई है यहां तक कि असामाजिक तत्वों द्वारा यह मूर्ति चुरा ली गई है। अगर यहां कोई चौकीदार होता या प्रशासन इसकी देखरेख में इसकी ओर ध्यान देता तो यह मूर्ति टूटती नहीं। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हमारे देश में एक अहम भूमिका निभाई है। देश को एक सम्मान दिया है। और उन्ही की मूर्ति पर आज प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है । इसके साथी अमित ने यह भी कहा कि शहर की कई अन्य जगहों पर भी महापुरुषों की मूर्तियां है जिनकी हालत यही बनी हुई है।


जिन लोगों ने भारत देश का सम्मान बढ़ाया भारत देश का मान बढ़ाया आज उन्हि की मूर्तियां अपनी ही बदहाली पर आंसू बहा रही है भीलवाड़ा शहर में जगह जगह हर चौराहे पर देश का सम्मान बढ़ाने वाले महापुरुषों की मूर्तियां तो लगाई गई परंतु लगातार नगर विकास न्यास की अनदेखी के चलते ही है उनकी मूर्तियां टूटी-फूटी हो गई है । कहीं मूर्तियां तो ऐसे भी हैं जिन्हें असामाजिक तत्वों द्वारा चुरा ली गई है


राधा कृष्ण कॉलोनी निवासी उमेश टेलर ने कहा है कि शहर में जो महापुरुषों की मूर्तियां लगाई गई है उनके नेक कार्य को याद करने के लिए परंतु प्रशासन इसकी ओर देखरेख नहीं कर रहा है जब इन महापुरुषों की जयंती आती है तभी प्रशासन को याद आती है उनकी साफ सफाई करने की। दूसरे दिन प्रशासन इनकी ओर ध्यान ही नहीं देता । प्रशासन की देखरेख के अभाव में यह मूर्तियां टूट रही है ।


नगर विकास न्यास द्वारा लाखों रुपए खर्च कर शहर के हर चौराहे पर महापुरुषों के नेक कार्य को याद करने के लिए उनकी मूर्तियां लगाई गई पर जहां उनका सम्मान तो दूर यूआईटी इनकी देखरेख तक नहीं कर पा रही है । जब ईटीवी भारत ने इस बारे में बात करना चाही तो चुनाव कार्यों में व्यस्त होना बता कर बात करने से इंकार कर दिया ।



Conclusion:
अब देखना यह है कि नगर विकास न्यास कब इन मूर्तियों की ओर ध्यान देकर इनकी मरम्मत करवाती है या यह मूर्तियां ऐसे ही अपनी बदहाली पर आंसू बहाती रहेगी

बाइट 01 - अमित त्रिवेदी , पटेल नगर निवासी

02 - उमेश टेलर, आर के कॉलोनी निवासी
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