भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा की औद्योगिक इकाइयों से फैले प्रदूषण को कम करने के लिए स्वयंसेवी संगठनों ने भी हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया है. शहर के पास एक बंजर पहाड़ी में हजारों पौधे लगाकर शहर वासियों को प्रदूषण से मुक्ति के लिए अच्छी प्राणवायु उपलब्ध करवाई जा रही है.
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हरियाली के बीच जंगली जानवर का बसेरा-
वहीं पहाड़ी पर घूमने आए पवन ने कहा कि यह हरनी महादेव की पहाड़ी में बहुत अच्छी हरियाली है. मधुर वातावरण है. यहां ऑक्सीजन का भंडार है. यहां आने पर शरीर में मन, बुद्धि में ताजगी आती है. हरणी महादेव की पहाड़ी पर योग कर रहे वृद्धजन बालूराम जाजू ने कहा कि यहां घूमने आते हैं यह भीलवाड़ा का फेफड़ा है. यहां चारों तरफ हरियाली है. जंगली जानवर भी इनमें बहुत रहते हैं. यहां आने पर हमारा जीवन सफल होता है.
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यहां आने से मिलती है शक्ति-
पवन कहते हैं कि मैं यहां योग, प्राणायाम, अलोम-विलोम करता हूं इससे मुझे शक्ति मिलती है. मैं शहर के वातावरण में दुखी हो जाता हूं लेकिन यहां आने पर व्यायाम करने पर मुझे यूं लगता है कि मैं जवान हो गया हूं. मैं लोगों को यह संदेश देना चाहता हूं कि ऐसी प्राकृतिक स्थानों को ओर डवलप करो तो कोई व्याधी नहीं आयेगी. पौधे लगाने से फल, वायु और वर्षा होती है.
150 बीघा जमीन में 28 हजार पौधे लगाए गए-
इस पहाड़ी को डवलप करने वाले पर्यावरणविद और पीपुल फॉर एनिमल के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने कहा कि भीलवाड़ा औद्योगिक नगरी है जिससे प्रदूषण से बचने के लिए ग्राम्य वन सुरक्षा प्रबंधन समिति हरणी की ओर से हरणी की पहाड़ी को वन विभाग से गोद लेकर यहां 150 बीघा जमीन में 28 हजार पौधे लगाए हैं. यहां लोग अपनों की समृद्धि, खुशी के वातावरण के मौके पर पौधे लगाने आते हैं. यहां पर 4 एनीकट व चेक डेम बने हुऐ हैं. यहां 28 प्रजाति के औषधीय, फलदार व छायादार पौधे लगे हुए हैंं यह भीलवाड़ा के लिए बड़ी सौगात है. इस पहाड़ी पर आने वाले लोगों को यहां सुकून मिलता है. कल तक जो पहाड़ी बंजर पड़ी थी वहां अब हरियाली और पक्षी कलरव करते है.