भीलवाड़ा. जिले के जहाजपुर क्षेत्र के शकरगढ़ विद्यालय में विद्यालय की प्रिंसिपल (hair cut of students in school in Bhilwara) ने स्कूल में ही नाई बुलाकर छात्रों के लंबे बाल कटवा दिए. दरअसल प्रिंसिपल ने छात्रों को बाल छोटे रखकर विद्यालय में (Bhilwara School News) आने की हिदायत दी थी, लेकिन हिदायत का छात्रों पर कोई असर नहीं हुआ.
शकरगढ़ में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल लक्ष्मी शर्मा ने कक्षा 10 और 12 के विद्यार्थियों को स्कूल अनुशासन के अनुरूप कटिंग कराने के निर्देश प्रार्थना सभा में दिए थे. प्रिंसिपल की बार-बार हिदायत के बावजूद कटिंग नहीं कराने पर स्कूल की प्रधानाचार्य लक्ष्मी शर्मा ने यह अनूठा निर्णय ले लिया.
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प्रिंसिपल लक्ष्मी शर्मा ने स्कूल में ही गांव में कटिंग का कार्य करने वाले नाई समाज के चार -पांच लोगों को बुलाया और स्कूल परिसर में ही कुर्सियां लगाकर बड़े बाल रखने वाले विद्यार्थियों के बालों की कटिंग करा कर अच्छी हजामत बनाते हुए छोटे-छोटे बाल करा दिए.
विद्यार्थियों ने किया विरोध, ग्रामीणों ने की सराहना
कटिंग करने का कुछ विद्यार्थियों ने विरोध किया. ग्रामीणों और परिजनों ने प्रिंसिपल के कार्य की सराहना की. महिला प्रधानाचार्य के इस तरह का निर्णय लेकर विद्यार्थियों की कटिंग कराने का यह क्षेत्र में पहला मामला है. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शकरगढ़ में सितंबर माह में ही प्रधानाचार्य के पद पर लक्ष्मी शर्मा ने कार्यभार संभाला और विद्यालय की सूरत बदल दी. विद्यालय में रंग रोगन कराने के साथ ही पौधारोपण देखरेख के अलावा मुख्य कार्य शिक्षण व्यवस्था पर उन्होंने ध्यान दिया है.
विद्यालय में नियमित रूप से कक्षाएं शुरू कराने में अहम निर्णय लिया. स्कूल में अनुशासन को लेकर शर्मा कड़ा रुख अपनाती है. प्रिंसिपल के साथ- साथ ही वह पीईओ भी है और उनके अधीन लगभग 9 विद्यालय आते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बेहतरीन शिक्षण व्यवस्था के लिए प्रिंसिपल ने कुछ अध्यापकों को अपने क्षेत्र की स्कूलों में ही इधर से उधर भी किया है. इस वजह से भी कतिपय अध्यापक उनसे नाराज हैं. नकारात्मक माहौल को हवा दे रहे हैं.
प्रिंसिपल बोली, दबाव में काम नहीं करती
इस संबंध में प्रिंसिपल शर्मा से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि स्कूल में अनुशासन बहुत जरूरी है. बार-बार हिदायत के बावजूद विद्यार्थी उनकी बात को अनसुना कर रहे थे. इसके बाद यह निर्णय लेना पड़ा. स्कूल में बेहतरीन शिक्षण कार्य के साथ ही बेहतरीन इंतजाम में व्यवस्थाएं उपलब्ध कराना उनका दायित्व है. जिस पर वह खरा उतरेंगी. वह किसी के दबाव में कार्य नहीं करती हैं. उनका एकमात्र उद्देश्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है.