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kukri rasm in Bhilwara: पीड़िता ने ईटीवी भारत का जताया आभार, कहा- 'इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाना चाहती हूं' - girl becomes victim of kukari rasm

21वीं सदी में भी राजस्थान के कई ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक सामाजिक कुरीतियां व्याप्त हैं. कई बार महिलाओं को सामाजिक कुप्रथाओं का सामना करते हुए अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है. कुकड़ी जैसी कुप्रथा अभी तक राजस्थान में (kukri rasm in Bhilwara) जारी है. इस कुप्रथा के कारण एक बालिका और उसके परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद अब पीड़िता को दंड देने के लिए की जाने वाली जातीय पंचायत रुक गई है.

Kukari Rasam in Bhilwara
भीलवाड़ा में कुकड़ी प्रथा
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Published : May 28, 2022, 12:50 PM IST

भीलवाड़ा. 21वीं सदी और विज्ञान के युग में भी महिलाओं के साथ अत्याचार जारी है. कई सामाजिक कुरीतियों का प्रचलन होने के कारण आज भी महिलाओं को अग्नी परीक्षा से गुजरना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला भीलवाड़ा में कुकड़ी जैसी कुप्रथा का सामने आया. जिसमें एक दुष्कर्म पीड़िता को जातीय पंचायत के जरिए दंड देने की तैयारी हो रही थी. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद महिला आयोग समेत प्रशासन भी हरकत में आया. जिसके बाद (Girl becomes victim of kukri rasm in Bhilwara) पीड़िता के खिलाफ होने वाली जातीय पंचायत अब रुक गई है. वहीं इस मामले में पीड़िता (victim thanks etv bharat) ने ईटीवी भारत का आभार जताया है.

पीड़िता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वह इस कुप्रथा के लिए आवाज उठाना चाहती है. पीड़िता ने बताया कि उसकी हाल ही में शादी हुई थी और वह ससुराल चली गई थी. शादी के बाद ससुराल पहुंची तो उसने देखा कि वहां कुकड़ी रस्म होती है. उसने बताया कि शादी से पहले उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. जिसके चलते वह आपनी शुद्धता का प्रमाण नही दे पाई. ससुराल वालों ने इस बात की सूचना जातीय पंचों को दी. जिसके बाद जातीय पंचायत का आयोजन होने (Girl becomes victim of kukri rasm in Bhilwara) वाला था, लेकिन ईटीवी भारत की ओर से खबर दिखाए जाने के बाद जातीय पंचायत का आयोजन नहीं हो रहा है.

पढ़ें. ईटीवी भारत की मुहिम लाई रंग, सांसी समाज ने लिया 'कुकड़ी' कुप्रथा को बंद करने फैसला

दिलवाई जाती है आग्नि परिक्षा: पीड़िता ने बताया कि कुकड़ी जैसी कुप्रथा में फेल होने के बाद काफी संख्या में पंच पटेल एकत्रित होते हैं. हाथ में गर्म आग के गोले पकड़ा कर लड़का लड़की को पानी में खड़ा कर दिया जाता है और उनसे अग्नि परीक्षा दिलवाई जाती है. परिक्षा देने के बाद जातीय पंचों के सामने शरीर, मन, क्रम और वचनों से स्वच्छ होने की(Girl becomes victim of Kukdi Rasam in Bhilwara) पति पत्नी शपथ लेते हैं.

कुकड़ी जैसी कुप्रथा होनी चाहिए खत्म: पीड़िता ने कहा कि कूकड़ी जैसी कुप्रथा खत्म होनी चाहिए. आज मुझ जैसी बालिका के साथ यह अन्याय हुआ है. पीड़िता ने कहा कि वह नहीं चाहती कि भविष्य में हमारे समाज की किसी और बेटी के साथ ऐसा अन्याय नहीं हो. इसके लिए इस तरह की कुप्रथा खत्म होनी चाहिए.

स्वयं सेवी संगठन भी आए आगे: भीलवाड़ा की इस पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ जिले में जातीय पंचायत बैठाने की तैयारी चल रही थी. मामला उजागर होने के बाद भीलवाड़ा जिला प्रशासन के साथ स्वयं सेवी संगठन भी आगे आए. सभी ने महिला के साथ हो रही ज़्यादती का विरोध करते हुए क्षेत्रिय थाने में मुकदमा दर्ज करावाया. वहींम सामाजिक संगठन के एक कार्यकर्ता ने कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर बच्ची को न्याय दिलाने की मांग की.

भीलवाड़ा. 21वीं सदी और विज्ञान के युग में भी महिलाओं के साथ अत्याचार जारी है. कई सामाजिक कुरीतियों का प्रचलन होने के कारण आज भी महिलाओं को अग्नी परीक्षा से गुजरना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला भीलवाड़ा में कुकड़ी जैसी कुप्रथा का सामने आया. जिसमें एक दुष्कर्म पीड़िता को जातीय पंचायत के जरिए दंड देने की तैयारी हो रही थी. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद महिला आयोग समेत प्रशासन भी हरकत में आया. जिसके बाद (Girl becomes victim of kukri rasm in Bhilwara) पीड़िता के खिलाफ होने वाली जातीय पंचायत अब रुक गई है. वहीं इस मामले में पीड़िता (victim thanks etv bharat) ने ईटीवी भारत का आभार जताया है.

पीड़िता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वह इस कुप्रथा के लिए आवाज उठाना चाहती है. पीड़िता ने बताया कि उसकी हाल ही में शादी हुई थी और वह ससुराल चली गई थी. शादी के बाद ससुराल पहुंची तो उसने देखा कि वहां कुकड़ी रस्म होती है. उसने बताया कि शादी से पहले उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. जिसके चलते वह आपनी शुद्धता का प्रमाण नही दे पाई. ससुराल वालों ने इस बात की सूचना जातीय पंचों को दी. जिसके बाद जातीय पंचायत का आयोजन होने (Girl becomes victim of kukri rasm in Bhilwara) वाला था, लेकिन ईटीवी भारत की ओर से खबर दिखाए जाने के बाद जातीय पंचायत का आयोजन नहीं हो रहा है.

पढ़ें. ईटीवी भारत की मुहिम लाई रंग, सांसी समाज ने लिया 'कुकड़ी' कुप्रथा को बंद करने फैसला

दिलवाई जाती है आग्नि परिक्षा: पीड़िता ने बताया कि कुकड़ी जैसी कुप्रथा में फेल होने के बाद काफी संख्या में पंच पटेल एकत्रित होते हैं. हाथ में गर्म आग के गोले पकड़ा कर लड़का लड़की को पानी में खड़ा कर दिया जाता है और उनसे अग्नि परीक्षा दिलवाई जाती है. परिक्षा देने के बाद जातीय पंचों के सामने शरीर, मन, क्रम और वचनों से स्वच्छ होने की(Girl becomes victim of Kukdi Rasam in Bhilwara) पति पत्नी शपथ लेते हैं.

कुकड़ी जैसी कुप्रथा होनी चाहिए खत्म: पीड़िता ने कहा कि कूकड़ी जैसी कुप्रथा खत्म होनी चाहिए. आज मुझ जैसी बालिका के साथ यह अन्याय हुआ है. पीड़िता ने कहा कि वह नहीं चाहती कि भविष्य में हमारे समाज की किसी और बेटी के साथ ऐसा अन्याय नहीं हो. इसके लिए इस तरह की कुप्रथा खत्म होनी चाहिए.

स्वयं सेवी संगठन भी आए आगे: भीलवाड़ा की इस पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ जिले में जातीय पंचायत बैठाने की तैयारी चल रही थी. मामला उजागर होने के बाद भीलवाड़ा जिला प्रशासन के साथ स्वयं सेवी संगठन भी आगे आए. सभी ने महिला के साथ हो रही ज़्यादती का विरोध करते हुए क्षेत्रिय थाने में मुकदमा दर्ज करावाया. वहींम सामाजिक संगठन के एक कार्यकर्ता ने कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर बच्ची को न्याय दिलाने की मांग की.

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