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उपचुनाव में क्यों धराशायी हो गई भाजपा: पूर्व मंत्री कालूलाल ने बताई वजह, 'एकजुटता होती तो बीजेपी के पक्ष में होते नतीजे' - राजस्थान बीजेपी में गुटबाजी

धरियावद और वल्लभनगर दोनों ही उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. उपचुनाव में हार के बाद अब पार्टी के नेता भी खुल कर बोलने लगे हैं. पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने कहा है कि पार्टी अगर एकजुटता दिखाती तो नतीजे बीजेपी के पक्ष में होते.

उपचुनाव पर कालूलाल गुर्जर का बयान
उपचुनाव पर कालूलाल गुर्जर का बयान
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Published : Nov 3, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 5:29 PM IST

भीलवाड़ा. राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी की बुरी तरह हार हुई. दो सीटों पर उपचुनाव हुआ, लेकिन प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल एक भी सीट नहीं जीत पाया. वल्लभनगर में तो बीजेपी प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की जमानत जब्त हो गई. बीजेपी की हार का मुख्य कारण गुटबाजी भी रहा है.

उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद पार्टी के नेता अब खुल कर बोल रहे हैं. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता कालूलाल गुर्जर से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान कालूलाल गुर्जर ने कहा कि भाजपा उपचुनाव में जनता के सामने एकजुटता नहीं दिखा पाई. जबकि कांग्रेस में फूट होते हुए नेता एकजुट दिखाई दिए. यही वजह रही की कांग्रेस दोनों विधानसभा सीटों पर जीत गई. कालूलाल गुर्जर ने पूर्व में हुए उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि किरण माहेश्वरी की बेटी ने राजसमंद में हुए उपचुनाव में सावधानी बरती और सभी नेताओं के फोटो लगाएं. जिससे जनता के बीच अच्छा संदेश गया और जीत भी हुई.

पूर्व मंत्री ने बताई भाजपा की हार की वजह

कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से कहा कि हम प्रदेश की जनता की भावना का आदर करते हैं. कहीं ना कहीं हमारी कमी रही है. जिससे हमारी पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा है. भाजपा के नेताओं में फूट हो या ना हो लेकिन पार्टी के नेताओं को मुखी होना चाहिए था. क्योंकि जनता को पार्टी की एकजुटता नहीं दिखी. इसलिए लोगों ने कांग्रेस पर विश्वास किया. गुर्जर ने कहा कि मेरा यह अंदाजा है कि अगर भाजपा में सब राजनेता एक रहते जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्रीगण एकजुट होकर जिस तरह कांग्रेस ने उपचुनाव में किलेबंदी की वैसे ही भाजपा भी तो निश्चित रूप से जीत हमारी होती.

कालूलाल गुर्जर ने कहा कि भाजपा ने टिकट देने में भी भारी गलती की है.न हमारे भीलवाड़ा जिले की सहाडा विधानसभा में भी उपचुनाव हुए थे. उस समय मैंने भी भाजपा के राजनेताओं को सजग किया था, कि टिकट देने में सावधानी बरतें. जो ट्रेंड धरातल पर आपको लग रहा है. उस पर मैंने कहा कि जो आपके दिमाग में हैं. वह जीतने वाला नहीं है, लेकिन उस समय मेरी बात को नहीं माना. उसी प्रकार धरियावद और वल्लभनगर उप चुनाव मे हुआ. अगर धरियावद मे भाजपा दिवंगत विधायक की पत्नी या उनके बेटे को प्रत्याशी बनाती तो सहानुभूति भाजपा के साथ रहती लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

पढ़ें- By-Election Results Effect : मुख्यमंत्री अब फ्री हैंड, मंत्रिमंडल फेरबदल मुश्किल..अब केवल विस्तार पर होगी बात

गुर्जर ने पूर्व में हुए उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि राजसमंद में उप चुनाव हुए जब किरण माहेश्वरी की बेटी को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था. किरण माहेश्वरी का स्वर्गवास होने के कारण आम जनता की सहानुभूति उनके साथ रही. चुनाव प्रचार के दौरान किरण माहेश्वरी की बेटी ने एक सावधानी रखी कि सभी राजनेताओं के पोस्टर और बैनर पर फोटो लगाकर जनता में संदेश दिया कि मैं सबका आदर कर रही हूं. सब नेता मेरे साथ है. उसी की बदौलत वहां किरण माहेश्वरी की बेटी विजय हुई. भाजपा दोनों जगह हुए उपचुनाव में जनता के सामने एकजुटता नहीं दिखा पाई. जबकि कांग्रेस ने दोनों जगह हुए उपचुनाव में एकजुटता दिखाई तो जीत उनके पक्ष में गई.

भीलवाड़ा. राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी की बुरी तरह हार हुई. दो सीटों पर उपचुनाव हुआ, लेकिन प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल एक भी सीट नहीं जीत पाया. वल्लभनगर में तो बीजेपी प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की जमानत जब्त हो गई. बीजेपी की हार का मुख्य कारण गुटबाजी भी रहा है.

उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद पार्टी के नेता अब खुल कर बोल रहे हैं. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता कालूलाल गुर्जर से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान कालूलाल गुर्जर ने कहा कि भाजपा उपचुनाव में जनता के सामने एकजुटता नहीं दिखा पाई. जबकि कांग्रेस में फूट होते हुए नेता एकजुट दिखाई दिए. यही वजह रही की कांग्रेस दोनों विधानसभा सीटों पर जीत गई. कालूलाल गुर्जर ने पूर्व में हुए उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि किरण माहेश्वरी की बेटी ने राजसमंद में हुए उपचुनाव में सावधानी बरती और सभी नेताओं के फोटो लगाएं. जिससे जनता के बीच अच्छा संदेश गया और जीत भी हुई.

पूर्व मंत्री ने बताई भाजपा की हार की वजह

कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से कहा कि हम प्रदेश की जनता की भावना का आदर करते हैं. कहीं ना कहीं हमारी कमी रही है. जिससे हमारी पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा है. भाजपा के नेताओं में फूट हो या ना हो लेकिन पार्टी के नेताओं को मुखी होना चाहिए था. क्योंकि जनता को पार्टी की एकजुटता नहीं दिखी. इसलिए लोगों ने कांग्रेस पर विश्वास किया. गुर्जर ने कहा कि मेरा यह अंदाजा है कि अगर भाजपा में सब राजनेता एक रहते जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्रीगण एकजुट होकर जिस तरह कांग्रेस ने उपचुनाव में किलेबंदी की वैसे ही भाजपा भी तो निश्चित रूप से जीत हमारी होती.

कालूलाल गुर्जर ने कहा कि भाजपा ने टिकट देने में भी भारी गलती की है.न हमारे भीलवाड़ा जिले की सहाडा विधानसभा में भी उपचुनाव हुए थे. उस समय मैंने भी भाजपा के राजनेताओं को सजग किया था, कि टिकट देने में सावधानी बरतें. जो ट्रेंड धरातल पर आपको लग रहा है. उस पर मैंने कहा कि जो आपके दिमाग में हैं. वह जीतने वाला नहीं है, लेकिन उस समय मेरी बात को नहीं माना. उसी प्रकार धरियावद और वल्लभनगर उप चुनाव मे हुआ. अगर धरियावद मे भाजपा दिवंगत विधायक की पत्नी या उनके बेटे को प्रत्याशी बनाती तो सहानुभूति भाजपा के साथ रहती लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

पढ़ें- By-Election Results Effect : मुख्यमंत्री अब फ्री हैंड, मंत्रिमंडल फेरबदल मुश्किल..अब केवल विस्तार पर होगी बात

गुर्जर ने पूर्व में हुए उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि राजसमंद में उप चुनाव हुए जब किरण माहेश्वरी की बेटी को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था. किरण माहेश्वरी का स्वर्गवास होने के कारण आम जनता की सहानुभूति उनके साथ रही. चुनाव प्रचार के दौरान किरण माहेश्वरी की बेटी ने एक सावधानी रखी कि सभी राजनेताओं के पोस्टर और बैनर पर फोटो लगाकर जनता में संदेश दिया कि मैं सबका आदर कर रही हूं. सब नेता मेरे साथ है. उसी की बदौलत वहां किरण माहेश्वरी की बेटी विजय हुई. भाजपा दोनों जगह हुए उपचुनाव में जनता के सामने एकजुटता नहीं दिखा पाई. जबकि कांग्रेस ने दोनों जगह हुए उपचुनाव में एकजुटता दिखाई तो जीत उनके पक्ष में गई.

Last Updated : Nov 3, 2021, 5:29 PM IST
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