भीलवाड़ा. देश में कोरोना महामारी के चलते अन्य प्रदेश से प्रवासी मजदूर वापस अपने घरों को लौट रहे हैं. ऐसे में मजदूरों को किसी प्रकार के रोजगार की तलाश नहीं करनी पड़े. इसके लिए सरकार ने मनरेगा में अधिक से अधिक श्रमिक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
1 लाख 63 हजार करते हैं काम
प्रदेश में सबसे ज्यादा मनरेगा श्रमिक भीलवाड़ा जिले में काम कर रहे हैं. जिनकी संख्या लगभग 1 लाख 63 हजार से ज्यादा है. साथ ही अन्य प्रदेश से आए प्रवासी मजदूरों को भी उनका क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद मनरेगा में कार्यस्थल पर रोजगार दिया जाएगा.
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ईटीवी भारत ने भीलवाड़ा जिले के जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल राम बिरडा से बात की तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में भीलवाड़ा में 1 लाख 63 हजार श्रमिक मनरेगा में काम कर रहे हैं. आने वाले दिनों में यह संख्या सवा दौ से ढाई लाख के बीच पहुंच सकती हैं.
कार्यस्थल पर होंगी ये व्यस्थाएं
- सब जगह साबुन दिए गए.
- खाना खाने से पहले वह काम छोड़ने के बाद हाथ धोने को कहा गया है.
- सभी को सैनिटाइनजर दिए गए हैं.
- सभी जगह सोशल डिस्टेंसिंग की पालना
- दूर-दूर तक काम करने के निर्देश.
बिरडा ने बताया कि दूसरे प्रदेश से जो श्रमिक आए हैं, उन्हें काम मिले, यही हमारा लक्ष्य है. इसके लिए ग्राम सचिव को हमने निर्देश दे दिए हैं. अभी गांव में पंचायत राज की जितनी भी स्कीम मनरेगा हो, स्वच्छ भारत मिशन हो, वहां कार्य तेजी से हो रहा है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण सामग्री की दुकानें भी खुलवा दी गई है. वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास के काम भी बड़ी संख्या में चल रहे हैं. पिछले साल 13 हजार मकान बने. इस साल 12 हजार मकानों की स्वीकृति मिल चुकी है. काम की कोई कमी नहीं है. हर प्रवासी श्रमिक को काम मिलेगा. वहीं पिछले 4 सालों की बात करें, तो भीलवाड़ा जिले में 45 हजार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बन चुके हैं.
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ईटीवी भारत पर श्रमिकों से अपील करते हुए गोपाल राम बिरडा ने कहा कि मैं यह अपील करना चाहता हूं कि मनरेगा कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए अपना काम दी हुई टास्क के अनुसार पूरा करें.