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भीलवाड़ा में दड़ा महोत्सव का आयोजन, अगला साल कमजोर रहने का आकलन - ETVBharat Rajasthan news

भीलवाड़ा में मकर सक्रांति पर दड़ा महोत्सव का आयोजन किया गया. इस बार के आकलन में अगले साल मौसम कमजोर रहने की बात कही गई है.

Dada Festival in Bhilwara  Makar Sankaranti in Bhilwara
भीलवाड़ा में मकर सक्रांति
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Published : Jan 14, 2022, 6:49 PM IST

भीलवाड़ा. जिले में हर साल मकर सक्रांति पर दड़ा महोत्सव का आयोजन किया जाता (Dada Festival in Bhilwara) है. इस साल धनोप गांव में खेले जाने वाले दड़े महोत्सव ने सभी को मायूस कर दिया. खेल में हार जीत के बाद आकलन किया जाता है कि अगले साल अकाल या सुकाल रहेगा. इस बार के आकलन में अगले साल कमजोर रहने की बात कही गई है.

धनोप गांव मे रियासत काल से दड़ा महोत्सव आयोजन की परंपरा चल रही (Makar Sankaranti in Bhilwara) है. 14 जनवरी को महोत्सव में करीब 14 किलो वजनी इस दड़ा (गेंद जो सुतली व रस्सी की बनी होती है) को ग्रामीणों का हुजूम रस्सी से बांधकर खींचता है. ग्रामीण दड़ा को गढ़ से निकालकर चौक में लाते हैं. दो घंटे तक लगातार लोग इस खेल का आनंद उठाते हैं. जब दड़ा महोत्सव शुरू होता है तो ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ती है. मकानों की गैलरियों छतों पर पांव रखने तक की जगह नहीं होती है.

भीलवाड़ा में दड़ा महोत्सव

यह भी पढ़ें. Khachariyawas Kite flying in Jaipur : इस बार कटेगी यूपी समेत पांच राज्यों में भाजपा की पतंग - प्रताप सिंह खाचरियावास

शुक्रवार की दोपहर सवा एक बजे लोग मैदान में इकट्ठा हुए. फिर दूसरा नगाड़ा बजा. अंत मे तीसरा नगाड़ा बजने के साथ ही पटेल दड़े को लेकर मैदान मे आ गया. दोनों टीमों के खिलाड़ी खेल में जुटे.

भीलवाड़ा. जिले में हर साल मकर सक्रांति पर दड़ा महोत्सव का आयोजन किया जाता (Dada Festival in Bhilwara) है. इस साल धनोप गांव में खेले जाने वाले दड़े महोत्सव ने सभी को मायूस कर दिया. खेल में हार जीत के बाद आकलन किया जाता है कि अगले साल अकाल या सुकाल रहेगा. इस बार के आकलन में अगले साल कमजोर रहने की बात कही गई है.

धनोप गांव मे रियासत काल से दड़ा महोत्सव आयोजन की परंपरा चल रही (Makar Sankaranti in Bhilwara) है. 14 जनवरी को महोत्सव में करीब 14 किलो वजनी इस दड़ा (गेंद जो सुतली व रस्सी की बनी होती है) को ग्रामीणों का हुजूम रस्सी से बांधकर खींचता है. ग्रामीण दड़ा को गढ़ से निकालकर चौक में लाते हैं. दो घंटे तक लगातार लोग इस खेल का आनंद उठाते हैं. जब दड़ा महोत्सव शुरू होता है तो ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ती है. मकानों की गैलरियों छतों पर पांव रखने तक की जगह नहीं होती है.

भीलवाड़ा में दड़ा महोत्सव

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शुक्रवार की दोपहर सवा एक बजे लोग मैदान में इकट्ठा हुए. फिर दूसरा नगाड़ा बजा. अंत मे तीसरा नगाड़ा बजने के साथ ही पटेल दड़े को लेकर मैदान मे आ गया. दोनों टीमों के खिलाड़ी खेल में जुटे.

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