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Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी पर ग्यारस माता मंदिर में उमड़ी महिला श्रद्धालुओं की भीड़

निर्जला एकादशी पर बुधवार को भीलवाड़ा स्थित ग्यारस माता मंदिर में मेले जैसा माहौल देखने को मिला. जहां भारी संख्या में महिलाएं उपवास रख मंदिर में पूजा-अर्चना करते (Nirjala Ekadashi Puja Vidhi) नजर आईं.

Nirjala Ekadashi 2023
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Published : May 31, 2023, 1:38 PM IST

भीलवाड़ा. निर्जला एकादशी के मौके पर बुधवार को जिले के ग्यारस माता मंदिर में मेले जैसा माहौल देखने को मिला. यहां महिलाएं और पुरुष दोनों ही उपवास रखकर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे. धार्मिक मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन ग्यारस माता की पूजा करने से पूरे साल भर परिवार में सुख, शांति समृद्धि बनी रहती है.

भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट स्थित ग्यारस माता मंदिर में सुबह से ही पूजा-अर्चना का दौर जारी रहा. यहां भारी संख्या में महिलाएं व पुरुष उपवास रखकर दर्शन व पूजन के लिए पहुंचे थे. बताया गया कि निर्जला एकादशी के व्रत का धार्मिक पुराणों में विशेष महत्व है. आज के दिन इस व्रत को रखने से परिवार में खुशहाली व संपन्नता के साथ ही कष्टों से भी मुक्ति मिलती है.

इसे भी पढ़ें - पुष्कर में है कार्तिक स्नान का विशेष महत्व, एकादशी से पूर्णिमा तक समस्त देवी देवता बिराजते हैं यहां, जानिए क्यों

भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट के पास जिले का एकमात्र ग्यारस माता का मंदिर स्थित है, जहां एक दिन पूर्व ही भजन संध्या का आयोजन शुरू हो गया. बुधवार को माता का विशेष श्रृंगार किया गया. इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में मेले जैसा माहौल देखने को मिला. वहीं, शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी पर सूर्योदय से पूर्व स्नान करके अर्घ्य, व्रत, जप-तप, पूजन, कीर्तन और दान पुण्य करने से भगवान विष्णु प्राणियों को ब्रह्मघात व अन्य कृत्या कृत्य पापों से मुक्ति प्रदान करते हैं. साथ ही इस व्रत को रखने से सुफल की प्राप्ति होती है.

इसे भी पढ़ें - Nirjala Ekadashi 2022 : दो दिन मनाई जा रही निर्जला एकादशी...जानिये कब रखा जाएगा व्रत

भीलवाड़ा. निर्जला एकादशी के मौके पर बुधवार को जिले के ग्यारस माता मंदिर में मेले जैसा माहौल देखने को मिला. यहां महिलाएं और पुरुष दोनों ही उपवास रखकर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे. धार्मिक मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन ग्यारस माता की पूजा करने से पूरे साल भर परिवार में सुख, शांति समृद्धि बनी रहती है.

भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट स्थित ग्यारस माता मंदिर में सुबह से ही पूजा-अर्चना का दौर जारी रहा. यहां भारी संख्या में महिलाएं व पुरुष उपवास रखकर दर्शन व पूजन के लिए पहुंचे थे. बताया गया कि निर्जला एकादशी के व्रत का धार्मिक पुराणों में विशेष महत्व है. आज के दिन इस व्रत को रखने से परिवार में खुशहाली व संपन्नता के साथ ही कष्टों से भी मुक्ति मिलती है.

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भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट के पास जिले का एकमात्र ग्यारस माता का मंदिर स्थित है, जहां एक दिन पूर्व ही भजन संध्या का आयोजन शुरू हो गया. बुधवार को माता का विशेष श्रृंगार किया गया. इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में मेले जैसा माहौल देखने को मिला. वहीं, शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी पर सूर्योदय से पूर्व स्नान करके अर्घ्य, व्रत, जप-तप, पूजन, कीर्तन और दान पुण्य करने से भगवान विष्णु प्राणियों को ब्रह्मघात व अन्य कृत्या कृत्य पापों से मुक्ति प्रदान करते हैं. साथ ही इस व्रत को रखने से सुफल की प्राप्ति होती है.

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