भीलवाड़ा. वर्षा ऋतु में भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून की अच्छी दस्तक रहने के कारण जिले में रबी की फसल के रूप में चने की फसल की भरपूर मात्रा में बुवाई हुई है. जहां अब तक प्रकृति ने साथ देने के कारण खलियानों में चने की फसल लहलहा रही है. जहां धरती पुत्रों का मानना है कि अगर मौसम ने साथ दिया तो निश्चित रूप से अच्छी पैदावार होगी.
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इस बार मानसून की अच्छी दस्तक रहने से जिले के किसानों के चेहरे खिले खिले से नजर आ रहे हैं. जिले में बंपर मात्रा में रबी की फसल की बुवाई हुई. जहां भीलवाड़ा जिले में 66 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुवाई हुई है. इस बार सर्दी ज्यादा होने के साथ ही जमीन में नमी होने से चने की फसल अच्छी है.
चने की फसल को लेकर जिले के आसींद पंचायत समिति के कटार गांव के किसान गोवर्धन सिंह ने बताया कि इस बार भरपूर मात्रा में चने की फसल की बुवाई की है और प्रकृति ने साथ दिया तो अच्छी उपज हो सकती है. इतने वर्षों बाद चने की फसल खलियान में अच्छी है.
भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने भी बताया इस बार मानसून अच्छा रहा है. जिले में 66000 हेक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुवाई हुई है. अभी तक कोई कीटों का प्रकोप भी नहीं है, जिससे फसल अच्छी तरह खलियान में दिख रही है. वहीं सरसों की फसल की कटाई प्रारंभ हो गई है. जिले में 21000 हेक्टेयर भूमि में सरसों की फसल की बुवाई हुई है. वहीं, अगर मार्च माह में भी प्रकृति ने साथ दिया और ओलावृष्टि नहीं होती है तो जिले में इस बार धरती पुत्रों की उम्मीद के अनुसार चने की बंपर पैदावार हो सकती है.
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गौरतलब है कि कम पानी और सिंचाई के संसाधनों की जटिलता के चलते क्षेत्र का किसान चने की बुवाई में कम रुचि दिखाता रहा है. ऐसे में इस बार देर तक हुई मानसूनी बरसात से चने का रकबा बढ़ गया है.