भीलवाड़ा. जिले के गो भक्त राजेंद्र पुरोहित आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर रहे हैं. राजेंद्र पुरोहित गाय के गोबर और गोमूत्र से ईकोफ्रेंडली दीपक (eco friendly diya in Diwali) बना रहे हैं. यही नहीं कई जगह लोगों को दीपक बनाने की निशुल्क ट्रेनिंग भी दे रहे हैं. पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए गो भक्त राजेंद्र पुरोहित ने यह अनूठी पहल की है. गाय के गोबर व गोमूत्र से दीपावली के पावन पर्व के लिए दीपक (Eco friendly Diya made of cow dung and urine) बना रहे हैं.
गोभक्त राजेंद्र पुरोहित ने कहा कि वह पिछले 4 वर्ष से देश के अलग-अलग राज्यों में गाय के गोबर और गोमूत्र से दीपक बनाने के लिए लोगों को निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं. हाल ही में उन्होंने बिहार में भी ट्रेनिंग दी है. इसके पीछे हमारा उद्देश्य है कि किस तरह हमारा भारत आत्मनिर्भर बने, पर्यावरण सुरक्षित रहे और गायें भी बचें.
2 रुपये में बेचते हैं एक दीपक: गो भक्त राजेंद्र पुरोहित प्रतिदिन दीपावली से एक माह पूर्व गाय के गोबर व गोमूत्र से दीपक बनाने का काम करते हैं. दीपावली से पहले 2 रुपये प्रति दीपक की दर से लोगों को बेचते हैं. वहीं कई जगह गोशालाओ में जाकर दीपक बनाने की निशुल्क ट्रेनिंग भी देते हैं. इससे गोशालाएं भी काफी मात्रा में दीपक बनाकर लोगों को कम दर पर उपलब्ध करवाती है.
लोगों की बदली सोच: गाय के प्रति लोगों की अब धीरे-धीरे सोच बदलने लगी है. हिंदू शास्त्रों मे गाय को माता माना गया है. इसीलिए गाय के गोबर और गोमूत्र का पूजा में विशेष महत्व है. गाय के गोबर और गोमूत्र से बने दीपक को लक्ष्मी पूजन के समय जलाने को भी शुभ शगुन माना गया है.