भीलवाड़ा. प्रदेश में सबसे पहले कोरोना संक्रमण की शुरुआत भीलवाड़ा जिले से हुई है. इन दिनों यहां कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके कारण जिले के महात्मा गांधी अस्पताल के अलावा निजी संस्थानों में भी आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. लेकिन, एक आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों को जब अच्छा और गुणवत्तापूर्ण खाना नहीं मिला तो उन्होंने अपनी बात रखी. इसके बाद भीलवाड़ा जिला कलेक्टर एन. शिव प्रकाश मदान पत्रकारों से मुखातिब हुए और कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों और दूसरी जगह भर्ती मरीजों को अच्छा खाना दिया जाएगा.
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मदान ने कहा कि हमारा मानना है कि अस्पताल में जो मरीज भर्ती हैं, उनमें कोरोना के सिम्टम्स ज्यादा हैं और गंभीर होने के कारण उनको अच्छा खाना दिया जा रहा है. वहीं, निजी जगह बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में खाने में कुछ शिकायत आ रही है, जिसको लेकर वहां खुद जाकर जांच की है. उन्होंने कहा कि वहां मशीन से बनी रोटी की जगह हाथ से बनी रोटी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. हमारा प्रयास है कि सभी जगह आइसोलेशन वार्ड में अच्छे से अच्छा पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जाए.
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वहीं, कोरोना टेस्ट किट की कमी के सवाल पर जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना जांच भीलवाड़ा की मेडिकल कॉलेज में हो रही है. वहां किसी प्रकार की कमी नहीं है और जो कमी होगी, उसको भी जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही कहा कि राजस्थान सरकार ने पर्याप्त मात्रा में कोरोना जांच किट उपलब्ध कराए हैं. प्रदेश सरकार ने 40 हजार रुपये की कीमत के पांच इंजेक्शन भी उपलब्ध करवाए हैं, जिसमें से एक इंजेक्शन कोरोना पॉजिटिव मरीज को लगाया गया है.