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संसद भवन लोकार्पण का बहिष्कार करने का मतलब ऐतिहासिक पल का अपमान करना हैः बाबा रामदेव

नए संसद भवन के लोकार्पण बहिष्कार की चेतावनी देने वालों को योग गुरू बाबा रामदेव ने आगाह किया है. उनका कहना है कि ऐसा करना ऐतिहासिक पल का अपमान या अनादर माना जाएगा.

Baba Ramdev on boycott of Parliament inauguration, says it will be a disrespect to historic moment
संसद भवन लोकार्पण का बहिष्कार करने का मतलब अपमान करना हैः बाबा रामदेव
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Published : May 27, 2023, 4:05 PM IST

Updated : May 27, 2023, 6:53 PM IST

संसद भवन के लोकार्पण का बहिष्कार करने वालों को बाबा रामदेव की सलाह....

भीलवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन का लोकार्पण रविवार को करेंगे. इस पर योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि कल का दिन देश के लिए ऐतिहासिक व गौरव का पल होगा. इसका बहिष्कार करना अनादर व अपमान है. ऐसे में कोई बहिष्कार नहीं करे. योग गुरु स्वामी रामदेव के सानिध्य में शनिवार से शहर में तीन दिवसीय विशाल ध्यान व योग शिविर का आगाज हुआ.

योग शिविर की समाप्ति के बाद बाबा रामदेव ने प्रेस से मुखातिब होते हुए रविवार 28 मई को नए संसद भवन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किए जाने के सवाल पर कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल संसद के नए भवन का उद्घाटन कर रहे हैं. यह एक ऐतिहासिक पल है. इसको कई पीढ़ियां याद रखेंगी. यह एक ऐसा अवसर है जब देश की संसद के माध्यम से देश के लोकतंत्र, स्वाधीनता व देश की एकता, अखंडता व संप्रभुता का सम्मान करते हैं.

पढ़ेंः बाबा रामदेव का बड़ा बयान, कहा- राजनेता राजयोग के लिए करते हैं योग

संसद मात्र एक भवन नहीं है, लोकतंत्र का मंदिर है. देश में पांच लाख से ज्यादा वीर, वीरांगनाओं की शहादत के बदौलत जो हमने आजादी पाई, उस देश की आजादी का सर्वोपरि सम्मान का केंद्र संसद है. उस संसद के लोकार्पण का बहिष्कार करना और लोकार्पण के दौरान संसद का घेराव करने की बात करना, संसद के साथ ही लोकतंत्र व आजादी के लिए लड़ाई लड़े वीर-वीरांगनाओं का अनादर व अपमान है.

पढ़ेंः 'जनसंख्या नियंत्रण कानून बहुत जरूरी, देश पर पड़ रहा अतिरिक्त बोझ': बाबा रामदेव

उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि जो खिलाड़ी संसद भवन के घेराव की बात कर रहे हैं, वे इससे दूर रहेंगे. साथ ही जिन भी खिलाड़ियों को आंदोलन करना है, वह आगे-पीछे कर सकते हैं क्योंकि देश का लोकतंत्र हमें आंदोलन करने का भी अधिकार देता है. लेकिन जिस समय संसद भवन के लोकार्पण का गौरव पूर्ण समय है, उस समय संसद भवन का घेराव, पड़ाव या बहिष्कार करना अपने शहीदों का अपमान है.

पढ़ेंः नए संसद भवन का लोकार्पण : राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करने पर बोले सीएम- जल्दबाजी क्यों, अभी भी समय अपनी भूल सुधार लें

स्वामी रामदेव ने कहा कि जो भी लोग संसद भवन के लोकार्पण कार्यक्रम का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं, वे पुनर्विचार करें. वे इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहेंगे, तो देश का गौरव बढ़ेगा. क्योंकि पूरी दुनिया भारत के नए संसद भवन के लोकार्पण की ओर देख रही है. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है. उस लोकतंत्र की प्रतिनिधि संस्था या मंदिर सर्वोपरि है, तो वह संसद है. इसके बहिष्कार करने से सभी लोगों को बचना चाहिए, यही मेरा आव्हान है.

संसद भवन के लोकार्पण का बहिष्कार करने वालों को बाबा रामदेव की सलाह....

भीलवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन का लोकार्पण रविवार को करेंगे. इस पर योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि कल का दिन देश के लिए ऐतिहासिक व गौरव का पल होगा. इसका बहिष्कार करना अनादर व अपमान है. ऐसे में कोई बहिष्कार नहीं करे. योग गुरु स्वामी रामदेव के सानिध्य में शनिवार से शहर में तीन दिवसीय विशाल ध्यान व योग शिविर का आगाज हुआ.

योग शिविर की समाप्ति के बाद बाबा रामदेव ने प्रेस से मुखातिब होते हुए रविवार 28 मई को नए संसद भवन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किए जाने के सवाल पर कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल संसद के नए भवन का उद्घाटन कर रहे हैं. यह एक ऐतिहासिक पल है. इसको कई पीढ़ियां याद रखेंगी. यह एक ऐसा अवसर है जब देश की संसद के माध्यम से देश के लोकतंत्र, स्वाधीनता व देश की एकता, अखंडता व संप्रभुता का सम्मान करते हैं.

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संसद मात्र एक भवन नहीं है, लोकतंत्र का मंदिर है. देश में पांच लाख से ज्यादा वीर, वीरांगनाओं की शहादत के बदौलत जो हमने आजादी पाई, उस देश की आजादी का सर्वोपरि सम्मान का केंद्र संसद है. उस संसद के लोकार्पण का बहिष्कार करना और लोकार्पण के दौरान संसद का घेराव करने की बात करना, संसद के साथ ही लोकतंत्र व आजादी के लिए लड़ाई लड़े वीर-वीरांगनाओं का अनादर व अपमान है.

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उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि जो खिलाड़ी संसद भवन के घेराव की बात कर रहे हैं, वे इससे दूर रहेंगे. साथ ही जिन भी खिलाड़ियों को आंदोलन करना है, वह आगे-पीछे कर सकते हैं क्योंकि देश का लोकतंत्र हमें आंदोलन करने का भी अधिकार देता है. लेकिन जिस समय संसद भवन के लोकार्पण का गौरव पूर्ण समय है, उस समय संसद भवन का घेराव, पड़ाव या बहिष्कार करना अपने शहीदों का अपमान है.

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स्वामी रामदेव ने कहा कि जो भी लोग संसद भवन के लोकार्पण कार्यक्रम का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं, वे पुनर्विचार करें. वे इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहेंगे, तो देश का गौरव बढ़ेगा. क्योंकि पूरी दुनिया भारत के नए संसद भवन के लोकार्पण की ओर देख रही है. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है. उस लोकतंत्र की प्रतिनिधि संस्था या मंदिर सर्वोपरि है, तो वह संसद है. इसके बहिष्कार करने से सभी लोगों को बचना चाहिए, यही मेरा आव्हान है.

Last Updated : May 27, 2023, 6:53 PM IST
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