भीलवाडा. हाल ही में जॉर्डन में अंडर 15 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली राजस्थान की पहली बालिका अश्वनी बिश्नोई ने कहा कि नियमित प्रयास व बुलंद हौसले की वजह से ही मैंने गोल्ड मेडल जीता है. साथ ही भविष्य में मैं ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना चाहती हूं. मैं दूसरी लड़कियों को भी यही सलाह देती हूं कि आजकल देश की बेटियां आगे बढ़ती है तो लोग मोटिवेट करते हैं. निश्चित रूप से आप भी लक्ष्य के साथ आगे बढ़े.
अश्वनी बिश्नोई प्रतिदिन पहलवानी करने वाली कृष्ण व्यायामशाला पहुंची जहां व्यायामशाला के संचालक तेजेंद्र गुर्जर ने गोल्ड मेडल जीतने वाली महिला पहलवान अश्वनी विश्नोई का राजस्थानी साफा पहनाकर भव्य स्वागत किया. इस दौरान अश्वनी बिश्नोई ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने जॉर्डन मे एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया है. वहां मुझे कुश्ती प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल मिला है. मैं व्यायामशाला में पिछले 5 वर्ष से पहलवानी करती हूं. मैरे गोल्ड मेडल जीतने का श्रेय व्यायामशाला के संचालक तेजेंद्र गुर्जर और मेरे माता-पिता को जाता हैं, क्योंकि इन्होंने मेरे पर पूरा भरोसा किया. मैं व्यायामशाला में बीते 5 वर्ष से रोजाना 5 घंटे प्रैक्टिस करती हूं. जब मैं कुश्ती प्रतियोगिता के लिए जॉर्डन गई थी तब मेरा हौसला काफी बुलंद था. साथ ही मुझे विश्वास था कि मैं निश्चित रूप से गोल्ड मेडल जीतूंगी क्योंकि पिछले वर्ष मैंने राष्ट्रीय स्तर पर भारत में पांच मेडल जीते थे.
जॉर्डन में जापान, कजाकिस्तान, तुर्किस्तान सहित कई देशों की टीमें आई थी. उनके साथ मेरी कुश्ती भी हुई लेकिन मुझे गोल्ड मेडल जीतने का पूरा भरोसा था. मैं इस मौके पर दूसरी बालिकाओं से यही अपील करती हूं कि हमेशा लक्ष्य उंचा रखोगे तो आप निश्चित रूप से आगे बढ़ोगे. हर प्रतियोगी को खेल के समय मन से अच्छा सोचना चाहिए तो निश्चित रूप से वो लक्ष्य हासिल करेंगा. वर्तमान दौर में जब लड़कियां आगे बढ़ती है तो जनता भी लड़कियों को मोटिवेट व उत्साह बढ़ाती है. भविष्य में मैं ओलंपिक के लिए गोल्ड मेडल जीतना चाहती हूं.
अश्वनी बिश्नोई ने जैसे ही जॉर्डन में गोल्ड मेडल जीता. उसी के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित तमाम राजनीतिक हस्तियों ने सोशल मीडिया के जरिए अश्वनी को बधाईयां दी. अश्वनी के पिता मुकेश बिश्नोई जो एक मील में मजदूर है. उन्होंने भी ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि मुझे आज बड़ा गर्व महसूस हो रहा है कि मेरी बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान की पहली कुश्ती पहलवान जिसने गोल्ड मेडल जीता है. जहां एक तरफ लोग आज भी बेटा-बेटी में फर्क समझते हैं लेकिन मुझे मेरी बेटी पर गर्व है. मैं मानता हूं कि बेटों से बेटी कम नहीं है. अब मुझे लगता है कि भविष्य में मेरी बेटी अश्वनी ओलंपिक में गोल्ड मेडल जरूर लेकर आएगी और देश का नाम रौशन करेगी.
वहीं श्रीकृष्ण व्यायामशाला के संचालक तेजेंद्र गुर्जर ने कहा की अश्वनी बिश्नोई पिछले 5 वर्ष से यहां व्यायामशाला में पहलवानी कर रही है. जिसका नतीजा यह हुआ कि हाल ही में जॉर्डन में हुई कुश्ती प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रौशन किया. वह गोल्ड मेडल जीतकर यहां वापस लौटी है. इसलिए मैंने भी उन्हें राजस्थानी पगड़ी पहनाकर मान और सम्मान से स्वागत किया. मुझे ऐसा लग रहा है कि हमारी मेहनत सफल हुई है. वर्तमान दौर में बेटों से बेटियां कहीं आगे हैं.
फिलहाल व्यायामशाला में 20 लड़कियां कुश्ती प्रतियोगिता में भाग्य आजमा रही है. अश्वनी बिश्नोई ने तो कमाल कर दिया पिछले वर्ष भारत में नेशनल स्तर पर 5 मेडल जीते थे. इस वर्ष नेशनल में दो मेडल लिए अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर आई है. मुझे आशा है कि भविष्य में ये ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल लेकर आएगी. अब जरूरत है देश में ऐसी ही अश्वनी बिश्नोई जैसी बेटियों की. जिस तरह से अश्वनी ने देश में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया उसी प्रकार देश की अन्य बेटियां भी पहलवानी में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन करे.