भीलवाड़ा. हाल ही में मावठ के साथ तेज हवा के कारण रबी की फसलों में भारी नुकसान हुआ है. भीलवाड़ा कृषि विभाग ने जिले में हुए फसल खराबे का जायजा लिया है. विभाग के अनुसार किसानों को 10% का नुकसान हुआ है. जबकि किसान 80% खराबा मान रहे हैं.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक इंदर सिंह संचेती ने कहा कि जिस किसान को ज्यादा नुकसान हुआ है, वह टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. जिले में 3000 से ज्यादा किसानों की खराबे की शिकायतें अब तक प्राप्त हो चुकी है. जनवरी के पहले सप्ताह में शीत लहर के प्रकोप के कारण फसलों में पाला पड़ गया और भारी नुकसान हुआ था. जनवरी के अंतिम सप्ताह में हुई हल्की ओलावृष्टि और मावठ की बरसात के साथ तेज हवा के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. कई जगह पकी हुई गेहूं और जौ की फसल जमीन पर लेट गई.
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गेहूं और जौ की फसल को ज्यादा नुकसान : इंदर सिंह संचेती ने बताया कि जिले में 2 लाख 63 हजार हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई हुई है. इसमें से मुख्य रूप से 60 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं, 32 हजार हैक्टेयर भूमि में जौ, 58 हजार हैक्टेयर भूमि में चना, अन्य फसलें 13 हजार हेक्टेयर में बोई गई. पिछले दिनों शीतलहर, ओलावृष्टि व तेज हवा के साथ बरसात से फसलों में 2 से 10% नुकसान हुआ है. गेहूं में 2 से 5%, जौ में 2 से 5 व सरसों में 2 से 10 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. गेहूं व जौ की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है.
टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत : उन्होंने कहा कि लेट बुवाई वाली फसल को फायदा हुआ है. उस फसल में सिंचाई की आवश्यकता थी. उन्होंने कहा कि मुआवजा क्षेत्र के आधार पर तय होता है. उसका आकलन राजस्व विभाग तय करता है. किसी किसान को ज्यादा नुकसान हुआ है तो वो उसकी शिकायत टोल फ्री नंबर, पोर्टल या कृषि विभाग के कार्यालय में कर सकते हैं. अभी तक भीलवाड़ा जिले में तीन हजार के करीब शिकायतें आ चुकी हैं.
किसान सत्य प्रकाश ने बताया कि 10 बीघा खेत में गेहूं व जौ की फसल बोई थी. पहले तो पानी की कमी चल रही थी. रात को बिजली आती थी तो बड़ी मुश्किल से फसल की सिंचाई करते थे. हाल ही में हुई बरसात के बाद पकी हुई फसल जमीन पर लेट गई. इससे काफी नुकसान हुआ है. सरकार ने भले ही गिरदावरी के आदेश दिए हैं, लेकिन उनकी पालना नहीं होती है. किसान को मुआवजा नहीं मिल पाता है. इस बार फसलों में 70 से 80% नुकसान हुआ है.