भीलवाड़ा. जिले में खरीफ की फसल की बुवाई शुरुआत हो चुकी है. खरीफ की फसल के रूप में सबसे पहले कपास की बुवाई होती है. अप्रैल महीना खत्म होते ही भीलवाड़ा में कपास की फसल की बुवाई शुरू हो चुकी है.
जिले में इस बार लॉकडाउन की वजह से अन्य प्रवासी मजदूर अपने पैतृक गांव पहुंच गए हैं और खलियानों में खरीफ की फसल के रूप में कपास की फसल की बुवाई कर रहे हैं. पिछले कई साल से ज्यादातर बीटी कॉटन किस्म के कपास की बुवाई की जा रही है.
ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा कृषि विभाग के कार्यालय पहुंची, जहां कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने खास बातचीत करते हुए बताया कि खरीफ की फसल के रूप में इस बार कपास की ज्यादा पैदावार होने की संभावना है. इस बार 4 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई होगी. पिछले साल से 37 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल की बुवाई हुई थी. वहीं, इस बार 50 हजार हेक्टेयर में बुवाई होगी.
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कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने कहा कि पिछले साल मानसून अच्छा रहा था. इसलिए अच्छा पानी होने के कारण किसान कपास की कीमती फसल बोने में ज्यादा विश्वास करते हैं. वहीं, जिले में कपास के बीज की बिक्री जोरों पर हो रही है. उन्होंने कपास की क्वालिटी मेंटेन करने के लिए अधिकृत विक्रेता से ही कपास खरीदने की सलाह दी है.
रामपाल खटीक किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी तरह की समस्या हो तो कृषि विभाग के उपनिदेशक कार्यालय में बने कंट्रोल रूम कॉल करें. कंट्रोल रूम का नंबर 1482 - 23227 है. उन्होंने कॉल करने पर तुरंत समस्या के निस्तारण का आश्वसन दिया.