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World Blood Donor Day 2023 : भरतपुर के रक्तदाता पिछले 21 साल से रक्तदान कर बचा रहे हैं लोगों की जान, महिलाएं भी पीछे नहीं

प्रदेश के भरतपुर जिले में रक्तदाता पिछले 21 साल से रक्तदान के महायज्ञ में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं. विश्व रक्तदाता दिवस 2023 के अवसर पर आइए जानते हैं शुरूआत उन्होंने कैसे और क्यों की.

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Published : Jun 14, 2023, 12:00 PM IST

Updated : Jun 14, 2023, 10:08 PM IST

रक्तदान कर बचा रहे हैं लोगों की जान.

भरतपुर. रक्तदान को महादान माना गया है. इस महादान के महायज्ञ में भरतपुर के कई रक्तवीर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. कोई रक्तदाता बीते 21 साल से तो कोई 10 साल से रक्तदान कर घायलों और मरीजों की जिंदगी बचा रहे हैं. इतना ही नहीं भरतपुर की दर्जनों महिला रक्तदाता भी हैं, जो नियमित रूप से रक्तदान कर महिलाओं के लिए मिसाल बनी हुई हैं. विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर हम ऐसे ही रक्तवीरों की कहानी लेकर आए हैं.

21 साल में 50 बार रक्तदान : शहर के मिष्ठान व्यापारी दिलीप खंडेलवाल (42) ने बताया कि वो अब तक 50 बार रक्तदान कर चुके हैं. आज से करीब 21 साल पहले उनके एक दोस्त को पैरालिसिस अटैक पड़ा था. उस समय उन्हें 4 यूनिट रक्त की जरूरत थी. तब उनके दो दोस्त और उनके दो बेटों ने रक्त दान कर उनकी जान बचाई थी. उसी दिन उन्हें रक्तदान का महत्व समझ में आया. उसके बाद से उन्हें जब कभी भी मौका मिलता है रक्तदान करते हैं. बीते 21 साल में 50 बार रक्तदान कर चुके हैं.

खुद रक्तदान कर अब लगा रहे हैं शिविर : राहुल बंसल अब तक 22 बार रक्तदान कर चुके हैं. राहुल ने बताया कि वर्ष 2005 में एक मित्र के परिजन सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. तब उन्होंने पहली बार रक्तदान किया था. उसके बाद किसी न किसी जरूरतमंद के लिए रक्तदान करते रहते हैं. पिछले 17 साल में 22 बार रक्तदान कर चुके हैं. राहुल खुद रक्तदान करने के साथ साथ अब लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

पढ़ें World Blood Donor Day 2023 : जयपुर के पंकज अब तक 155 बार दान कर चुके हैं एसडीपी

रक्तदान को बना दिया अभियान : भरतपुर बीट्स के उपाध्यक्ष राहुल बंसल ने बताया कि यूं तो रक्तदान करते रहते थे. लेकिन एक बार हमें जानकारी मिली कि संभाग के सबसे बड़े अस्पताल आरबीएम के ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो गई है. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने हमसे संपर्क किया तो हमने पहली बार 22 यूनिट रक्तदान कर अस्पताल को उपलब्ध कराया. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019-20 से रक्तदान शिविर का अभियान शुरू कर दिया है. पहले साल में तीन बार और अब साल में दो बार रक्तदान शिविर लगाते हैं. अब तक भरतपुर बीट्स की तरफ से 11 कैंप में 3500 यूनिट रक्त इकट्ठा कर आरबीएम अस्पताल की ब्लड बैंक में जमा करा चुके हैं.

पहले डर लगा, अब नियमित रक्तदान : समाज सेवी बबीता शर्मा ने बताया कि एक बच्चे में हिमोग्लोबिन की कमी हो गई थी. उसे रक्त की सख्त जरूरत थी. पहले रक्तदान करने में डर लगता था लेकिन जब बच्चे की हालत देखी तो पहली बार रक्तदान किया. बबीता उसके बाद से अब तक 5 बार रक्तदान कर चुकी हैं. भरतपुर बीट्स के रक्तदान शिविर में भी करीब 50 से 60 महिला रक्तदाता हर बार रक्तदान करती हैं.

रक्तदान कर बचा रहे हैं लोगों की जान.

भरतपुर. रक्तदान को महादान माना गया है. इस महादान के महायज्ञ में भरतपुर के कई रक्तवीर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. कोई रक्तदाता बीते 21 साल से तो कोई 10 साल से रक्तदान कर घायलों और मरीजों की जिंदगी बचा रहे हैं. इतना ही नहीं भरतपुर की दर्जनों महिला रक्तदाता भी हैं, जो नियमित रूप से रक्तदान कर महिलाओं के लिए मिसाल बनी हुई हैं. विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर हम ऐसे ही रक्तवीरों की कहानी लेकर आए हैं.

21 साल में 50 बार रक्तदान : शहर के मिष्ठान व्यापारी दिलीप खंडेलवाल (42) ने बताया कि वो अब तक 50 बार रक्तदान कर चुके हैं. आज से करीब 21 साल पहले उनके एक दोस्त को पैरालिसिस अटैक पड़ा था. उस समय उन्हें 4 यूनिट रक्त की जरूरत थी. तब उनके दो दोस्त और उनके दो बेटों ने रक्त दान कर उनकी जान बचाई थी. उसी दिन उन्हें रक्तदान का महत्व समझ में आया. उसके बाद से उन्हें जब कभी भी मौका मिलता है रक्तदान करते हैं. बीते 21 साल में 50 बार रक्तदान कर चुके हैं.

खुद रक्तदान कर अब लगा रहे हैं शिविर : राहुल बंसल अब तक 22 बार रक्तदान कर चुके हैं. राहुल ने बताया कि वर्ष 2005 में एक मित्र के परिजन सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. तब उन्होंने पहली बार रक्तदान किया था. उसके बाद किसी न किसी जरूरतमंद के लिए रक्तदान करते रहते हैं. पिछले 17 साल में 22 बार रक्तदान कर चुके हैं. राहुल खुद रक्तदान करने के साथ साथ अब लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

पढ़ें World Blood Donor Day 2023 : जयपुर के पंकज अब तक 155 बार दान कर चुके हैं एसडीपी

रक्तदान को बना दिया अभियान : भरतपुर बीट्स के उपाध्यक्ष राहुल बंसल ने बताया कि यूं तो रक्तदान करते रहते थे. लेकिन एक बार हमें जानकारी मिली कि संभाग के सबसे बड़े अस्पताल आरबीएम के ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो गई है. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने हमसे संपर्क किया तो हमने पहली बार 22 यूनिट रक्तदान कर अस्पताल को उपलब्ध कराया. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019-20 से रक्तदान शिविर का अभियान शुरू कर दिया है. पहले साल में तीन बार और अब साल में दो बार रक्तदान शिविर लगाते हैं. अब तक भरतपुर बीट्स की तरफ से 11 कैंप में 3500 यूनिट रक्त इकट्ठा कर आरबीएम अस्पताल की ब्लड बैंक में जमा करा चुके हैं.

पहले डर लगा, अब नियमित रक्तदान : समाज सेवी बबीता शर्मा ने बताया कि एक बच्चे में हिमोग्लोबिन की कमी हो गई थी. उसे रक्त की सख्त जरूरत थी. पहले रक्तदान करने में डर लगता था लेकिन जब बच्चे की हालत देखी तो पहली बार रक्तदान किया. बबीता उसके बाद से अब तक 5 बार रक्तदान कर चुकी हैं. भरतपुर बीट्स के रक्तदान शिविर में भी करीब 50 से 60 महिला रक्तदाता हर बार रक्तदान करती हैं.

Last Updated : Jun 14, 2023, 10:08 PM IST
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