भरतपुर. जिले में पानी की परेशानी शुरू हो गई है. जलदाय विभाग द्वारा जैसे ही पानी का टैंकर पहुंचता है भीड़ लग जाती है. पानी के लिए लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल नहीं रख पा रहे हैं. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से इस वक्त ज्यादातर लोग अपने घरों पर ही समय काट रहे हैं जिससे पानी की खपत भी पढ़ गई है.
जब इस बारे में जलदाय विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि गर्मियों में पानी की खपत को देखते हुए जलदाय विभाग टैंकरों से पानी की सप्लाई कर रहा है. जहां शहर के ऊंचे और नीचे हिस्सों में पानी नहीं पहुंच पा रहा, पानी की पाइप लाइनों में प्रेशर कम रहता है, वहां समय-समय पर कर्मचारियों द्बारा पाइप लाइनों को चेक करवाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, कोई समस्या न आये और पानी सुचारू रूप से सभी लोगों को मिले इसकी हर संभव कोशिश की जा रही है. भरतपुर शहर को चंबल नदी से पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है. लेकिन जितनी भी शहर की खपत है उसके मुताबिक पानी भरतपुर में नहीं पहुंच पा रहा है.
इसके साथ ही शहर में पानी सप्लाई के लिए ठेकेदारों को पानी सप्लाई के टेंडर दिए जाते हैं. जिसको करीब 300 रुपये प्रति टैंकर और डीजल के हिसाब से उसका पेमेंट दिया जाता है. शहर में जहां भी पानी की डिमांड आती है वहां-वहां पानी के टैंकर भेज कर पानी उपलब्ध करवाया जाता है.
पानी सप्लाई करने वाले ठेकेदार गिरधारलाल सैनी ने बताया कि शहर में पानी सप्लाई के लिए टेंडर डलते हैं और जिस भी ठेकेदार का टेंडर खुल जाता है वह पूरे शहर में पानी की सप्लाई करता है. ये टेंडर जलदाय विभाग की तरफ से डलवाये जाते हैं. पूरे शहर में करीब 30 पानी के टैंकर से पानी की सप्लाई की जाती है.
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ज्यादातर पानी ऐसे इलाकों में भेजा जाता है जो ऊपर की तरफ बने हुए हैं. पानी के टैंकर भेजने के लिए विभाग की तरफ से सूचना आती है. हर टैंकर के हिसाब से जलदाय विभाग उनको पैसा देता है.
लॉकडाउन ने बढ़ाई पानी की खपत:
हालांकि, लॉकडाउन के बाद शहर में पानी की डिमांड ज्यादा बढ़ी है. क्योंकि लोग अपने घरों में रह रहे है इसलिए पानी की खपत भी बढ़ गई है. एक टैंकर में 5 हजार लीटर पानी आता है. 100 लोगों को 1 हजार लीटर पानी देने का नियम है लेकिन, ऐसी जगह जहां पानी बिल्कुल नहीं पहुंच पाता.
जिस ठेकेदार से हमारी बात हुई उसके मुताबिक, जलदाय विभाग के टैंडर पहले से दे दिया गए थे, इसलिए पानी के टैंकर की दरों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि, लॉकडाउन लगने की वजह से शादियां भी नहीं हो रही है और कमर्शियल गतिविधियां भी ठप पड़ी हुई है. ऐसे में यहां पानी की खपत कम हो गई है.
पानी की खपत पूरी करना जलदाय विभाग के लिए चुनौती:
फिलहाल, जिन इलाकों में पानी सप्लाई की जरूरत है, वहां भी जलदाय विभाग पानी की कमी पूरी नहीं कर पा रहा है. आलाम ये है कि पानी का टैंकर आते ही लोग टूट पड़ते हैं. लंबी-लंबी कतारें लगानी पड़ती है. ऐसे में कोरोना वायरस के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के नियम भी यहां पर नहीं दिखते. इस साल जलदाय विभाग के लिए यह चुनौती होगी कि कोरोना काल में सब तक पर्याप्त पानी पहुंच सके.