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भरतपुरः केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पहुंचा पांचना बांध का पानी

शुक्रवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पांचना बांध का पानी पहुंच गया. सबसे पहले घना के एल ब्लॉक में पानी छोड़ा गया है। एल ब्लॉक भरने के बाद डी और बी ब्लॉक में पानी भरा जाएगा. डी और बी ब्लॉक में फिलहाल ओपन बिल स्टॉर्क और पेंटेड स्टॉर्क ने डेरा डाल रखा है. यहां काफी अच्छी संख्या में पक्षियों के घोंसले बना रखे हैं. ऐसे में यहां पानी पहुंचने से पक्षियों के प्रजनन और प्रवास के लिए काफी अच्छा रहेगा.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, Rajasthan News
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
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Published : Aug 6, 2021, 7:32 PM IST

भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में करौली जिले के पांचना बांध से छोड़ा गया पानी शुक्रवार को पहुंच गया. सबसे पहले उद्यान के एल ब्लॉक में पानी भरा जाएगा. उसके बाद अन्य ब्लॉकों में पानी छोड़ा जाएगा. पानी पहुंचते ही घना प्रशासन पानी के प्रबंधन में जुट गया. पांचना का पानी पहुंचने से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में मानसूनी सीजन के पक्षियों और आगामी पर्यटन सीजन के लिए अच्छा रहेगा.

बता दें, शुक्रवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पांचना बांध का पानी पहुंच गया. सबसे पहले घना के एल ब्लॉक में पानी छोड़ा गया है। एल ब्लॉक भरने के बाद डी और बी ब्लॉक में पानी भरा जाएगा. डी और बी ब्लॉक में फिलहाल ओपन बिल स्टॉर्क और पेंटेड स्टॉर्क ने डेरा डाल रखा है. यहां काफी अच्छी संख्या में पक्षियों के घोंसले बना रखे हैं. ऐसे में यहां पानी पहुंचने से पक्षियों के प्रजनन और प्रवास के लिए काफी अच्छा रहेगा.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान के पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 60 RPS अधिकारियों का तबादला

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पांचना बांध से छोड़े गए पानी में से करीब 300 एमसीएफटी पानी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को मिलने की संभावना है. इससे घना की काफी हद तक जरूरत पूरी हो जाएगी.

बता दें, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को एक सीजन में औसतन 550 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है. पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होने के चलते अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षी घना पहुंचते हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पांचना से अच्छी मात्रा में पानी मिलने के बाद इस बार का पर्यटन सीजन काफी अच्छा रहने की उम्मीद है.

भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में करौली जिले के पांचना बांध से छोड़ा गया पानी शुक्रवार को पहुंच गया. सबसे पहले उद्यान के एल ब्लॉक में पानी भरा जाएगा. उसके बाद अन्य ब्लॉकों में पानी छोड़ा जाएगा. पानी पहुंचते ही घना प्रशासन पानी के प्रबंधन में जुट गया. पांचना का पानी पहुंचने से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में मानसूनी सीजन के पक्षियों और आगामी पर्यटन सीजन के लिए अच्छा रहेगा.

बता दें, शुक्रवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पांचना बांध का पानी पहुंच गया. सबसे पहले घना के एल ब्लॉक में पानी छोड़ा गया है। एल ब्लॉक भरने के बाद डी और बी ब्लॉक में पानी भरा जाएगा. डी और बी ब्लॉक में फिलहाल ओपन बिल स्टॉर्क और पेंटेड स्टॉर्क ने डेरा डाल रखा है. यहां काफी अच्छी संख्या में पक्षियों के घोंसले बना रखे हैं. ऐसे में यहां पानी पहुंचने से पक्षियों के प्रजनन और प्रवास के लिए काफी अच्छा रहेगा.

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जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पांचना बांध से छोड़े गए पानी में से करीब 300 एमसीएफटी पानी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को मिलने की संभावना है. इससे घना की काफी हद तक जरूरत पूरी हो जाएगी.

बता दें, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को एक सीजन में औसतन 550 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है. पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होने के चलते अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षी घना पहुंचते हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पांचना से अच्छी मात्रा में पानी मिलने के बाद इस बार का पर्यटन सीजन काफी अच्छा रहने की उम्मीद है.

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