भरतपुर. बयाना जेल में 3 साल से न्यायिक हिरासत में चल रहे एक बंदी की रविवार को बीमारी के चलते मौत हो गई. बंदी को पैरालिसिस की शिकायत होने पर 4 दिन पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रविवार को चालानी गार्ड बंदी को एसएमएस अस्पताल से डिस्चार्ज कराकर बयाना जेल पहुंचा था, लेकिन बंदी की तबीयत सही नहीं होने पर उसे जेल में दाखिल नहीं किया गया. चालानी गार्ड बंदी को लेकर बयाना अस्पताल पहुंचा, तब तक उसकी मौत हो गई. बंदी अपने सगे भाई की हत्या के आरोप में 3 साल से न्यायिक हिरासत में था.
पैरालिसिस की हुई थी शिकायत : सब जेल बयाना के जेलर रमेशचंद बैरवा ने बताया कि बयाना के भीतरवाड़ी निवासी राकेश शर्मा (54) हत्या के मामले में 3 साल से जेल में बंद (विचाराधीन कैदी) था. 8 अगस्त की रात करीब 2.30 बजे अचानक तबीयत खराब होने पर उसे बयाना अस्पताल में भर्ती कराया गया. ज्यादा तबीयत खराब होने पर बयान अस्पताल से कैदी को आरबीएम अस्पताल और वहां से 9 अगस्त को पैरालिसिस की शिकायत होने पर जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया.
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अस्पताल से डिस्चार्ड होकर आया था बंदी : विचाराधीन कैदी राकेश का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपचार चल रहा था. रविवार सुबह चालानी गार्ड हेड कांस्टेबल जगराम सिंह कैदी राकेश को जयपुर के एसएमएस अस्पताल से डिस्चार्ज करा कर बयाना जेल पहुंचा, लेकिन कैदी राकेश की तबीयत सही नहीं होने पर उसे जेल प्रशासन ने जेल में दाखिल कराने से मना कर दिया. चालानी गार्ड उसे बयाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
छोटे भाई की हत्या का आरोप : चालानी गार्ड ने इसकी जानकारी जेलर बैरवा को दी. मृतक राकेश के शव का एसीजेएम श्वेता शर्मा की मौजूदगी में बयाना स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम कराया गया. बताया जा रहा है कि राकेश शर्मा केरल में काम करता था. आरोप है कि उसे अपने छोटे सगे भाई प्रकाश पर अपनी पत्नी के साथ अवैध संबंध होने का शक था, जिसके चलते उसने 3 साल पहले घर में सोते हुए अपने सगे छोटे भाई प्रकाश की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी थी.