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कामां: कैथवाड़ा थाने के एएसआई से ऑनलाइन ठगी का प्रयास, आरोपी गिरफ्तार

ऑनलाइन ठग ने कैथवाड़ा थाने में कार्यरत एएसआई से ऑनलाइन ठगी का प्रयास किया. वहीं पुलिस ने जाल बिछाकर ऑनलाइन ठगी करने वाले आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है.

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कैथवाड़ा थाने के एएसआई से ऑनलाइन ठगी का प्रयास
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Published : Sep 18, 2020, 1:15 PM IST

कामां (भरतपुर). मेवात क्षेत्र में ऑनलाइन ठगों के कितने हौसले बुलंद है. शायद इस बात का कोई अंदाज नहीं लगाया जा सकता. ऑनलाइन ठग बदमाशों ने कैथवाड़ा थाने में कार्यरत एएसआई से ऑनलाइन ठगी का प्रयास किया, जहां पुलिस ने जाल बिछाकर ऑनलाइन ठगी करने वाले एक आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है. थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि एएसआई जोगेंद्र सिंह थाने पर राजकार्य कर रहा था कि तभी उसके व्हाट्सएप नंबर पर पश्चिम बंगाल नंबर की एक स्कूटी का फोटो और उसके रजिस्ट्रेशन कार्ड की फोटो आई.

एएसआई ने उस फोटो भेजने वाले व्यक्ति से फोटो भेजने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह व्यक्ति आर्मी में है तथा इस स्कूटी को 20 हजार रुपए में बेचना चाहता है. इतनी सस्ती स्कूटी बेचने की बात पर उसने बताया कि उसे पैसे की सख्त जरूरत है. इस पर एएसआई ने उससे कहा कि यह स्कूटी उसे खरीदनी है तो उस व्यक्ति ने एएसआई से उसके अकाउंट नंबर में पांच हजार रुपए एडवांस डलवाने को कहा. इस पर एएसआई ने उससे कहा कि फिलहाल उसके पास पांच हजार रुपए नहीं है. केवल दो हजार रुपए हैं तो उस व्यक्ति ने कहा कि दो हजार ही डलवा दो.

इस पर एएसआई को उस व्यक्ति पर ऑनलाइन ठगी करने का शक हुआ. इसके बाद एएसआई ने उसको पकड़ने की योजना बनाई. एएसआई ने थाने के कांस्टेबल कमलेश को कैथवाड़ा स्थित ई-मित्र केंद्र पर भेज कर उसके खाते में दो हजार रुपए डलवा दिए और उससे उसका पता पूछा तो उसने अपना पता कैथवाडा भरतपुर बताया. इस पर एएसआई ने उससे कहा कि वह स्कूटी लेने कैथवाड़ा आ रहा है, तो उस व्यक्ति ने एएसआई को कैथवाड़ा-अमरूका मार्ग पर स्थित गांव रांफ के पास बने हुए बांध के पास बुलाया. इस पर पुलिस की टीम गांव रांफ के बांध के पास पहुंची, तो वहां उनको एक युवक खड़ा हुआ मिला जो कि पुलिस को देखकर भागने लगा.

यह भी पढ़ें- कालीचरण सराफ ने लगाया CM गहलोत पर क्षेत्रवाद का आरोप, दिया ये तर्क

इस पर पुलिस टीम ने भागकर उसको पकड़ लिया और उसके मोबाइल की जांच की तो पता चला कि उसके व्हाट्सएप नंबर से एएसआई को व्हाट्सएप मैसेज किए गए थे. इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उस से नाम पूछा तो उसने अपना नाम असीम पुत्र जुम्मे खां निवासी अभयपुर थाना कैथवाड़ा होना बताया. पुलिस ने जब उसके मोबाइल की गहनता से जांच की तो पता चला कि उसके मोबाइल में अन्य व्हाट्सएप नंबरों पर कई गाड़ियों के फोटो, रजिस्ट्रेशन कार्ड, आर्मी पहचान पत्र, पैन कार्ड एवं अलग-अलग पेटीएम नंबरों से भुगतान की स्क्रीनशॉट पाई गई. पूछताछ में उसने बताया कि वह छह महीने से ऑनलाइन वाहन बेचने का विज्ञापन देकर ठगी का कार्य कर रहा है. इसी तरह वह लोगों को झांसा देकर बुलाता है तथा उनसे रकम के पैसे लेकर भाग जाता है.

कामां (भरतपुर). मेवात क्षेत्र में ऑनलाइन ठगों के कितने हौसले बुलंद है. शायद इस बात का कोई अंदाज नहीं लगाया जा सकता. ऑनलाइन ठग बदमाशों ने कैथवाड़ा थाने में कार्यरत एएसआई से ऑनलाइन ठगी का प्रयास किया, जहां पुलिस ने जाल बिछाकर ऑनलाइन ठगी करने वाले एक आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है. थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि एएसआई जोगेंद्र सिंह थाने पर राजकार्य कर रहा था कि तभी उसके व्हाट्सएप नंबर पर पश्चिम बंगाल नंबर की एक स्कूटी का फोटो और उसके रजिस्ट्रेशन कार्ड की फोटो आई.

एएसआई ने उस फोटो भेजने वाले व्यक्ति से फोटो भेजने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह व्यक्ति आर्मी में है तथा इस स्कूटी को 20 हजार रुपए में बेचना चाहता है. इतनी सस्ती स्कूटी बेचने की बात पर उसने बताया कि उसे पैसे की सख्त जरूरत है. इस पर एएसआई ने उससे कहा कि यह स्कूटी उसे खरीदनी है तो उस व्यक्ति ने एएसआई से उसके अकाउंट नंबर में पांच हजार रुपए एडवांस डलवाने को कहा. इस पर एएसआई ने उससे कहा कि फिलहाल उसके पास पांच हजार रुपए नहीं है. केवल दो हजार रुपए हैं तो उस व्यक्ति ने कहा कि दो हजार ही डलवा दो.

इस पर एएसआई को उस व्यक्ति पर ऑनलाइन ठगी करने का शक हुआ. इसके बाद एएसआई ने उसको पकड़ने की योजना बनाई. एएसआई ने थाने के कांस्टेबल कमलेश को कैथवाड़ा स्थित ई-मित्र केंद्र पर भेज कर उसके खाते में दो हजार रुपए डलवा दिए और उससे उसका पता पूछा तो उसने अपना पता कैथवाडा भरतपुर बताया. इस पर एएसआई ने उससे कहा कि वह स्कूटी लेने कैथवाड़ा आ रहा है, तो उस व्यक्ति ने एएसआई को कैथवाड़ा-अमरूका मार्ग पर स्थित गांव रांफ के पास बने हुए बांध के पास बुलाया. इस पर पुलिस की टीम गांव रांफ के बांध के पास पहुंची, तो वहां उनको एक युवक खड़ा हुआ मिला जो कि पुलिस को देखकर भागने लगा.

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इस पर पुलिस टीम ने भागकर उसको पकड़ लिया और उसके मोबाइल की जांच की तो पता चला कि उसके व्हाट्सएप नंबर से एएसआई को व्हाट्सएप मैसेज किए गए थे. इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उस से नाम पूछा तो उसने अपना नाम असीम पुत्र जुम्मे खां निवासी अभयपुर थाना कैथवाड़ा होना बताया. पुलिस ने जब उसके मोबाइल की गहनता से जांच की तो पता चला कि उसके मोबाइल में अन्य व्हाट्सएप नंबरों पर कई गाड़ियों के फोटो, रजिस्ट्रेशन कार्ड, आर्मी पहचान पत्र, पैन कार्ड एवं अलग-अलग पेटीएम नंबरों से भुगतान की स्क्रीनशॉट पाई गई. पूछताछ में उसने बताया कि वह छह महीने से ऑनलाइन वाहन बेचने का विज्ञापन देकर ठगी का कार्य कर रहा है. इसी तरह वह लोगों को झांसा देकर बुलाता है तथा उनसे रकम के पैसे लेकर भाग जाता है.

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