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भरतपुर: डीग में मूलभूत सुुविधाओं से वंचित भील जनजाति, अब बारिश ने बढ़ाई परेशानी...

डीग उपखंड के भील जानजाति के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. वहीं, अब बारिश के बाद उनके घरों में जलजमाव हो गया है. इन लोगों का आरोप है कि सरकार उनकी समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है.

tribal of Deeg facing problems, भरतपुर न्यूज
भील जनजाति परेशान
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Published : Jul 14, 2020, 7:06 PM IST

डीग (भरतपुर). सरकार पिछड़ी व भील जनजाति के लोगों को भले ही सुविधाएं व योजनाएं देने की बात करती हो, लेकिन डीग उपखंड क्षेत्र में स्थित भीलों के डेरा निवासी भील जनजाति के लोग आज भी सरकारी सुविधाओं और लाभों से महरूम हैं. वहीं, अब बरसात के मौसम में इनके घरों में पानी भरने से ये लोग परेशान हैं.

भील जनजाति परेशान

बता दें कि भील जनजाति अभी तक बुनियादी सुविधा के अभाव में जुझ रही है. इन लोगों को पीने का पानी का संकट है. वहीं, सालों गुजर जाने के बाद भी ये जिन इलाकों में रह रहे हैं, वहां सड़क नहीं पहुंच पाई है. ये लोग पक्के रास्ते के अभाव में पगडंडियों से ही आवागमन करने को मजबूर हैं. इनके इस समस्या की ओर न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने इनकी समस्या सुनी. फिलहाल, आलम ये है कि ये लोग आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं.

यह भी पढ़ें. भरतपुर: सियासी उथल-पुथल के बीच कांग्रेसियों का विरोध, पानी की टंकी पर चढ़ BJP के खिलाफ की नारेबाजी

अब इन लोगों को बरसात में नई परेशानी से जूझना पड़ रहा है. जनजाति के लोग निचले स्थान पर रहते हैं. जिसके कारण बरसात के दिनों में इन लोगों के डेरों में पानी भर जाता है. इस कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाते तो वहीं अगर कोई बीमार होता है तो हॉस्पिटल तक जाने में भारी परेशानी होती है.

इन लोगों का आरोप है कि सरकारें आती हैं, चली जाती हैं. जनप्रतिनिधि चुनाव के समय लंबे-चौड़े वादे करते हैं और चले जाते हैं लेकिन आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. जिसका खामियाजा इन लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

डीग (भरतपुर). सरकार पिछड़ी व भील जनजाति के लोगों को भले ही सुविधाएं व योजनाएं देने की बात करती हो, लेकिन डीग उपखंड क्षेत्र में स्थित भीलों के डेरा निवासी भील जनजाति के लोग आज भी सरकारी सुविधाओं और लाभों से महरूम हैं. वहीं, अब बरसात के मौसम में इनके घरों में पानी भरने से ये लोग परेशान हैं.

भील जनजाति परेशान

बता दें कि भील जनजाति अभी तक बुनियादी सुविधा के अभाव में जुझ रही है. इन लोगों को पीने का पानी का संकट है. वहीं, सालों गुजर जाने के बाद भी ये जिन इलाकों में रह रहे हैं, वहां सड़क नहीं पहुंच पाई है. ये लोग पक्के रास्ते के अभाव में पगडंडियों से ही आवागमन करने को मजबूर हैं. इनके इस समस्या की ओर न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने इनकी समस्या सुनी. फिलहाल, आलम ये है कि ये लोग आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं.

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अब इन लोगों को बरसात में नई परेशानी से जूझना पड़ रहा है. जनजाति के लोग निचले स्थान पर रहते हैं. जिसके कारण बरसात के दिनों में इन लोगों के डेरों में पानी भर जाता है. इस कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाते तो वहीं अगर कोई बीमार होता है तो हॉस्पिटल तक जाने में भारी परेशानी होती है.

इन लोगों का आरोप है कि सरकारें आती हैं, चली जाती हैं. जनप्रतिनिधि चुनाव के समय लंबे-चौड़े वादे करते हैं और चले जाते हैं लेकिन आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. जिसका खामियाजा इन लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

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