कामां (भरतपुर). कामां क्षेत्र के पहाड़ी कस्बे में लगातार 24 दिनों से चल रहा ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन जिला कलेक्टर नथमल डिडेल एवं पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह बिश्नोई के आश्वासन पर समाप्त हो गया है. क्रेशर संचालकों और ग्रामीणों के बीच गतिरोध का मामला लगातार एक फरवरी से चलता आ रहा था. 8 फरवरी से 5 लोग भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे उनकी तबीयत खराब होने के बाद पहाड़ी के राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पढ़ें: भीलवाड़ा: कोरोना से मृतक व्यक्तियों की आत्मा की शांति के लिए रक्तांजली का आयोजन
बता दें कि क्रेशर संचालकों के खिलाफ झूठे मुकदमे और पहाड़ में अवैध खनन कार्य को लेकर ग्रामीण धरने पर बैठे हुए थे. बतया जा रहा है कि क्रेशर संचालक ज्ञानेंद्र उर्फ ज्ञानी व अंशुल चावला ने ग्रामीणों के खिलाफ दर्जनों झूठे मुकदमे भी दर्ज कराएं हैं, जिसको लेकर लगातार एक फरवरी से धरना प्रदर्शन चलता आ रहा था. जहां जिला कलेक्टर नथमल डिडेल व पुलिस अधीक्षक देवेंद्र विश्नोई पहाड़ी पहुंचे और उपखंड कार्यालय पहुंचकर मामले पर चर्चा की. भरतपुर एसपी व जिला कलेक्टर के आश्वासन पर धरने को समाप्त किया गया है. दोनों अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी.
पहाडी उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे लोगों ने बताया कि क्रेशर प्लांट मालिक ज्ञानेंद्र और अंशुल चावला ने राव गृह उद्योग छपरा के नाम से प्लांट खोल रखा है, जिसकी आड़ में उक्त व्यक्ति अवैध खनन करते हैं और जो कोई गांव का या क्षेत्र का मौजूद व्यक्ति अवैध खनन की मना करते हैं तो उन मौजूद व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा थाना हाजा में दर्ज कराते हैं. हमारे क्षेत्र के मौजूद व्यक्तियों के खिलाफ थाने में मुकदमा हो जाता है, वहीं, क्रेशर प्लांट मालिक ज्ञानेंद्र और अंशुल चावला सरकारी नियमों को ताक पर रखकर क्रेशर प्लांट पर अवैध खनन कर रहै हैं. क्रेशर मालिक ने अब तक ग्रामवासियों के खिलाफ कई झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए हैं.
पढ़ें: सांचोर में राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता आयोजन, राष्ट्रीय कबड्डी एसोशिएशन के अध्यक्ष करेंगे शिरकत
धरने पर बैठे लोगों के मुताबिक लगभग 30 दिन पहले गांव में कुछ व्यक्ति आए थे. पुलिस प्रशासन ने बिना किसी मुकदमे के उनको पकड़कर हवालात में बंद कर दिया और उनकी बेइज्जती की. तब सभी ग्रामीण वासी पहाड़ी आए ओर गिरफ्तार लोगों को छुड़ाया गया. धरने पर बैठे लोगों को कहना है कि क्रेशर प्लांट मालिक ज्ञानेंद्र और अंशुल चावला के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए और झूठे मुकदमे वापस लिया जाए.