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Special: अपना घर आश्रम की अत्याधुनिक रसोई, 2 घंटे में तैयार हो सकता है 25 हजार लोगों का भोजन

अपना घर आश्रम में प्रभुजनों को पौष्टिक और समय पर भोजन देने के लिए अनूठी रसोई बनाई गई है. इसमें बिना हाथ लगाए 2 घंटे में 20 से 25 हजार लोगों का खाना पकाया जा सकता है. आइए जानते हैं और क्या क्या खूबियां हैं इस अनूठी रसोई में..

Special Kitchen in Apna Ghar Ashram
अपना घर आश्रम में स्पेशल किचन
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Published : May 15, 2023, 7:51 PM IST

Updated : May 15, 2023, 9:02 PM IST

अपना घर आश्रम की अत्याधुनिक रसोई

भरतपुर. मानव सेवा के क्षेत्र में भरतपुर के अपना घर आश्रम में अनूठी रसोई पर प्रभुजनों (लोगों) के लिए भोजन पकाया जाता है. यह रसोई तमाम खूबियों से भरपूर है. अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित इस रसोई में एक साथ 200 हलवाई खाना पका सकते हैं. रसोई में बिना हाथ लगाए 2 घंटे में 20 से 25 हजार लोगों का खाना पकाया जा सकता है. अपना घर आश्रम निवासरत 4600 से अधिक प्रभुजनों के लिए यहां 8 घंटे में 4 बार खाना तैयार किया जाता है.

31 हजार वर्ग फीट में 9 करोड़ की रसोई : अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम में 31 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में रसोई का निर्माण किया गया है. रसोई को फायर जोन और नॉन फायर जोन में बांटा गया है. फायर जोन में खाना पकाने और नॉन फायर जोन में कच्चा माल, सब्जी आदि रखने और रसोई स्टाफ के रहने के क्वार्टर बनाए गए हैं. रसोई में करीब सवा दो करोड़ कीमत के अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनमें एक साथ 200 हलवाई खाना पका सकते हैं.

पढ़ें. Special : यहां साथ रहते हैं सर्वधर्म के 4600 से अधिक प्रभुजन, एक ही छत के नीचे होती है नमाज, प्रार्थना और अरदास

20 मिनट में 50 हजार के लिए खीर, चावल : डॉ भारद्वाज ने बताया कि रसोई में एक एक हजार लीटर क्षमता के दस कैटल लगे हैं, जिनमें मात्र 20 मिनट में 50 हजार लोगों के लिए 10 हजार लीटर खीर, चावल, हलवा आदि तैयार हो सकता है. ये सभी मशीन अत्याधुनिक हैं. इनमें एक बार चावल, दाल आदि डालना होता है. इसके बाद अपने आप धुलाई, पिसाई और पकाने का काम हो जाता है.

Special Kitchen in Apna Ghar Ashram
सब्जियों को धोने से लेकर काटने तक के लिए मशीन

सूखा आटा डालो, तैयार रोटी निकलेगी : डॉ भारद्वाज ने बताया कि रसोई में तीन चपाती मेकर मशीन लगी हुई हैं. इनमें सूखा आटा डालना होता है, इसके बाद मशीन खुदबखुद आटा लगा के, रोटी बेलकर चली जाती है और फूल कर बाहर निकालती है. यानी सूखा आटा डालने के बाद किसी भी हलवाई को हाथ से कुछ नहीं करना होता. तीनों चपाती मेकर से एक घंटे में 14 हजार चपाती (6+4+4 हजार) तैयार हो जाती हैं. रसोई में खाना पकाने के लिए अधिकतर मशीन बिजली से संचालित हैं. साथ ही पीएनजी और एलपीजी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इमरजेंसी के लिए लकड़ियों के इस्तेमाल का भी विकल्प रखा गया है. बिजली जाने की स्थिति में 2 जेनरेटर सेट का बैकअप भी उपलब्ध है, ताकि खाना बनाने का काम बाधित नहीं हो.

अपना घर आश्रम समिति की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि अपना घर आश्रम में वर्तमान में 4600 प्रभुजन निवास करते हैं. इनको समय पर खाना उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती थी, इसलिए रसोई में स्टीम कुकिंग की जाती है. दो घंटे का काम 20 मिनट में पूरा होता है. 8 घंटे में प्रभुजनों को चार बार खाना खिलाना होता है. ऐसे में रसोई में आसानी से 2 घंटे में 20 से 25 हजार तक लोगों का खाना तैयार किया जा सकता है.

अपना घर आश्रम की अत्याधुनिक रसोई

भरतपुर. मानव सेवा के क्षेत्र में भरतपुर के अपना घर आश्रम में अनूठी रसोई पर प्रभुजनों (लोगों) के लिए भोजन पकाया जाता है. यह रसोई तमाम खूबियों से भरपूर है. अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित इस रसोई में एक साथ 200 हलवाई खाना पका सकते हैं. रसोई में बिना हाथ लगाए 2 घंटे में 20 से 25 हजार लोगों का खाना पकाया जा सकता है. अपना घर आश्रम निवासरत 4600 से अधिक प्रभुजनों के लिए यहां 8 घंटे में 4 बार खाना तैयार किया जाता है.

31 हजार वर्ग फीट में 9 करोड़ की रसोई : अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम में 31 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में रसोई का निर्माण किया गया है. रसोई को फायर जोन और नॉन फायर जोन में बांटा गया है. फायर जोन में खाना पकाने और नॉन फायर जोन में कच्चा माल, सब्जी आदि रखने और रसोई स्टाफ के रहने के क्वार्टर बनाए गए हैं. रसोई में करीब सवा दो करोड़ कीमत के अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनमें एक साथ 200 हलवाई खाना पका सकते हैं.

पढ़ें. Special : यहां साथ रहते हैं सर्वधर्म के 4600 से अधिक प्रभुजन, एक ही छत के नीचे होती है नमाज, प्रार्थना और अरदास

20 मिनट में 50 हजार के लिए खीर, चावल : डॉ भारद्वाज ने बताया कि रसोई में एक एक हजार लीटर क्षमता के दस कैटल लगे हैं, जिनमें मात्र 20 मिनट में 50 हजार लोगों के लिए 10 हजार लीटर खीर, चावल, हलवा आदि तैयार हो सकता है. ये सभी मशीन अत्याधुनिक हैं. इनमें एक बार चावल, दाल आदि डालना होता है. इसके बाद अपने आप धुलाई, पिसाई और पकाने का काम हो जाता है.

Special Kitchen in Apna Ghar Ashram
सब्जियों को धोने से लेकर काटने तक के लिए मशीन

सूखा आटा डालो, तैयार रोटी निकलेगी : डॉ भारद्वाज ने बताया कि रसोई में तीन चपाती मेकर मशीन लगी हुई हैं. इनमें सूखा आटा डालना होता है, इसके बाद मशीन खुदबखुद आटा लगा के, रोटी बेलकर चली जाती है और फूल कर बाहर निकालती है. यानी सूखा आटा डालने के बाद किसी भी हलवाई को हाथ से कुछ नहीं करना होता. तीनों चपाती मेकर से एक घंटे में 14 हजार चपाती (6+4+4 हजार) तैयार हो जाती हैं. रसोई में खाना पकाने के लिए अधिकतर मशीन बिजली से संचालित हैं. साथ ही पीएनजी और एलपीजी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इमरजेंसी के लिए लकड़ियों के इस्तेमाल का भी विकल्प रखा गया है. बिजली जाने की स्थिति में 2 जेनरेटर सेट का बैकअप भी उपलब्ध है, ताकि खाना बनाने का काम बाधित नहीं हो.

अपना घर आश्रम समिति की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि अपना घर आश्रम में वर्तमान में 4600 प्रभुजन निवास करते हैं. इनको समय पर खाना उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती थी, इसलिए रसोई में स्टीम कुकिंग की जाती है. दो घंटे का काम 20 मिनट में पूरा होता है. 8 घंटे में प्रभुजनों को चार बार खाना खिलाना होता है. ऐसे में रसोई में आसानी से 2 घंटे में 20 से 25 हजार तक लोगों का खाना तैयार किया जा सकता है.

Last Updated : May 15, 2023, 9:02 PM IST
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