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भरतपुर की सुजान गंगा नहर का अस्तित्व खतरे में, प्रशासन और जनता को जगाने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ

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Published : Nov 10, 2020, 6:25 PM IST

भरतपुर में ऐतिहासिक सुजान गंगा नहर जो कभी लोगों की प्यास बुझाती थी, वहीं अब इस नहर का अस्तित्व खतरे में है. इसको लेकर मंगलवार को सुजान गंगा नहर बचाओ संघर्ष समिति की ओर से प्रशासन और जनता को जगाने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया गया है.

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जिले की सुजान गंगा नहर का अस्तित्व खतरे में

भरतपुर. जिले की ऐतिहासिक सुजान गंगा नहर जो लोगों की प्यास बुझाती थी. इसलिए इसे जीवनदायिनी सुजान गंगा नहर के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका अस्तित्व खतरे में है. बता दें कि सुजान गंगा नहर अब सुसाइड पॉइंट बनकर रह गई है.

जिले की सुजान गंगा नहर का अस्तित्व खतरे में

इसके अलावा नहर में रहने वाले जल-जीव भी पानी में प्रदूषण के कारण दम तोड़ रहे हैं. बता दें कि राज्य में कितनी सरकार आईं और गईं और करोड़ों रुपये इस गंगा नहर के जीर्णोद्धार के लिए खर्च हुए लेकिन अभी तक धरातल पर काम नहीं हो पाया है.

जिसके कारण सुजान गंगा नहर के हालात जस का तस बना हुआ है. इसी के तहत सुजान गंगा नहर को बचाने के लिए जिले में मंगलवार को सुजान गंगा बचाओ संघर्ष समिति की ओर से प्रशासन और जनता को जगाने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया गया. इसमें संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि सुजान गंगा नहर में जल जीव अपना दम तोड़ रहे हैं, यह चिंता का विषय है.

पढ़ें: नगर निगम उत्तर में कांग्रेस की कुंती के सिर ताज, 61 मत प्राप्त कर बनीं महापौर...भाजपा प्रत्याशी को मिले सिर्फ 19 मत

साथ ही उन्होंने कहा कि जल जीवों के मरने के कारण पूरे शहर में बदबू का आलम है. इसके कारण भरतपुर में कई महामारियां फैल सकती हैं. जिससे लोग बदबू के कारण काफी परेशान हैं. जिसके लिए सुजान गंगा बचाओ संघर्ष समिति की तरफ से मांग की गई है कि प्रशासन और सरकार अपनी आंखे खोले जिससे सुजान गंगा नहर के हालात सुधर सके.

भरतपुर. जिले की ऐतिहासिक सुजान गंगा नहर जो लोगों की प्यास बुझाती थी. इसलिए इसे जीवनदायिनी सुजान गंगा नहर के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका अस्तित्व खतरे में है. बता दें कि सुजान गंगा नहर अब सुसाइड पॉइंट बनकर रह गई है.

जिले की सुजान गंगा नहर का अस्तित्व खतरे में

इसके अलावा नहर में रहने वाले जल-जीव भी पानी में प्रदूषण के कारण दम तोड़ रहे हैं. बता दें कि राज्य में कितनी सरकार आईं और गईं और करोड़ों रुपये इस गंगा नहर के जीर्णोद्धार के लिए खर्च हुए लेकिन अभी तक धरातल पर काम नहीं हो पाया है.

जिसके कारण सुजान गंगा नहर के हालात जस का तस बना हुआ है. इसी के तहत सुजान गंगा नहर को बचाने के लिए जिले में मंगलवार को सुजान गंगा बचाओ संघर्ष समिति की ओर से प्रशासन और जनता को जगाने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया गया. इसमें संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि सुजान गंगा नहर में जल जीव अपना दम तोड़ रहे हैं, यह चिंता का विषय है.

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साथ ही उन्होंने कहा कि जल जीवों के मरने के कारण पूरे शहर में बदबू का आलम है. इसके कारण भरतपुर में कई महामारियां फैल सकती हैं. जिससे लोग बदबू के कारण काफी परेशान हैं. जिसके लिए सुजान गंगा बचाओ संघर्ष समिति की तरफ से मांग की गई है कि प्रशासन और सरकार अपनी आंखे खोले जिससे सुजान गंगा नहर के हालात सुधर सके.

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