भरतपुर. लॉकडाउन के कारण प्रदेश की निजी बसों का संचालन पूरी तरह से ठप पड़ा है. ऐसे में निजी बस संचालकों को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसके चलते सोमवार को भरतपुर के निजी बस संचालकों ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने सभी बसों की छह माह का टैक्स माफ करने और आरसी सरेंडर करने की मांग की है.
निजी बस संचालक जगराम ने बताया कि बीते करीब 3 महीने से बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. निजी बस संचालकों को हर महीने करीब 36 हजार रुपए प्रति बस टैक्स जमा कराना पड़ता है. ऐसे में जिले की 200 से अधिक बसों का प्रतिमाह करीब एक करोड़ रुपए का टैक्स जमा कराना पड़ता है. जबकि बस संचालकों को बीते 3 महीने से एक रुपए की भी आम आमदनी नहीं हुई.
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इसी मुद्दे को लेकर सोमवार की दोपहर को प्राइवेट बस और राजस्थान लोक परिवहन बस सेवा संयुक्त यूनियन के आह्वान पर सभी बस संचालक बसों में भरकर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय पहुंचे. साथ ही अन्य बसों को भी कार्यालय लेकर आए. बस संचालकों ने छह महीने का टैक्स माफ कर सभी बसों की आरसी सरेंडर करने की मांग को लेकर सोमवार को भरतपुर के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजेश शर्मा और जिला परिवहन अधिकारी राजीव चौधरी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. जिसके बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों की समझाइश के बाद सभी निजी बस संचालक अपनी बसों को लेकर वापस रवाना हुए.
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गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण इन बसों से आमदनी तो कुछ भी नहीं हो रही लेकिन टैक्स के नाम पर हर महीने लाखों रुपए का खर्चा हो रहा है. इतना ही नहीं हर महीने जीएसटी, बीमा फिटनेस, किस्त, परमिट आदि के खर्चे भी अलग से हैं. जिससे बस संचालक परेशान हैं.