ETV Bharat / state

भरतपुर : घाटे से जूझ रहे निजी बस संचालकों ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, टैक्स माफ करने की मांग - राजस्थान न्यूज

भरतपुर के निजी बस संचालकों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा रहा है. ऐसे में संचालक बसों में भरकर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

Rajasthan news, भरतपुर न्यूज
बस संचालकों ने RTO को सौंपा ज्ञापन
author img

By

Published : Jun 15, 2020, 5:54 PM IST

भरतपुर. लॉकडाउन के कारण प्रदेश की निजी बसों का संचालन पूरी तरह से ठप पड़ा है. ऐसे में निजी बस संचालकों को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसके चलते सोमवार को भरतपुर के निजी बस संचालकों ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने सभी बसों की छह माह का टैक्स माफ करने और आरसी सरेंडर करने की मांग की है.

बस संचालकों ने RTO को सौंपा ज्ञापन

निजी बस संचालक जगराम ने बताया कि बीते करीब 3 महीने से बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. निजी बस संचालकों को हर महीने करीब 36 हजार रुपए प्रति बस टैक्स जमा कराना पड़ता है. ऐसे में जिले की 200 से अधिक बसों का प्रतिमाह करीब एक करोड़ रुपए का टैक्स जमा कराना पड़ता है. जबकि बस संचालकों को बीते 3 महीने से एक रुपए की भी आम आमदनी नहीं हुई.

यह भी पढ़ें. भरतपुरः जिला न्यायालय गेट पर अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन, पुलिस बल तैनात

इसी मुद्दे को लेकर सोमवार की दोपहर को प्राइवेट बस और राजस्थान लोक परिवहन बस सेवा संयुक्त यूनियन के आह्वान पर सभी बस संचालक बसों में भरकर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय पहुंचे. साथ ही अन्य बसों को भी कार्यालय लेकर आए. बस संचालकों ने छह महीने का टैक्स माफ कर सभी बसों की आरसी सरेंडर करने की मांग को लेकर सोमवार को भरतपुर के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजेश शर्मा और जिला परिवहन अधिकारी राजीव चौधरी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. जिसके बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों की समझाइश के बाद सभी निजी बस संचालक अपनी बसों को लेकर वापस रवाना हुए.

यह भी पढ़ें. जयपुर : वेतन नहीं मिलने से नाराज कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने किया विरोध-प्रदर्शन, क्या कहा सुनिए

गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण इन बसों से आमदनी तो कुछ भी नहीं हो रही लेकिन टैक्स के नाम पर हर महीने लाखों रुपए का खर्चा हो रहा है. इतना ही नहीं हर महीने जीएसटी, बीमा फिटनेस, किस्त, परमिट आदि के खर्चे भी अलग से हैं. जिससे बस संचालक परेशान हैं.

भरतपुर. लॉकडाउन के कारण प्रदेश की निजी बसों का संचालन पूरी तरह से ठप पड़ा है. ऐसे में निजी बस संचालकों को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसके चलते सोमवार को भरतपुर के निजी बस संचालकों ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने सभी बसों की छह माह का टैक्स माफ करने और आरसी सरेंडर करने की मांग की है.

बस संचालकों ने RTO को सौंपा ज्ञापन

निजी बस संचालक जगराम ने बताया कि बीते करीब 3 महीने से बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. निजी बस संचालकों को हर महीने करीब 36 हजार रुपए प्रति बस टैक्स जमा कराना पड़ता है. ऐसे में जिले की 200 से अधिक बसों का प्रतिमाह करीब एक करोड़ रुपए का टैक्स जमा कराना पड़ता है. जबकि बस संचालकों को बीते 3 महीने से एक रुपए की भी आम आमदनी नहीं हुई.

यह भी पढ़ें. भरतपुरः जिला न्यायालय गेट पर अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन, पुलिस बल तैनात

इसी मुद्दे को लेकर सोमवार की दोपहर को प्राइवेट बस और राजस्थान लोक परिवहन बस सेवा संयुक्त यूनियन के आह्वान पर सभी बस संचालक बसों में भरकर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय पहुंचे. साथ ही अन्य बसों को भी कार्यालय लेकर आए. बस संचालकों ने छह महीने का टैक्स माफ कर सभी बसों की आरसी सरेंडर करने की मांग को लेकर सोमवार को भरतपुर के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजेश शर्मा और जिला परिवहन अधिकारी राजीव चौधरी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. जिसके बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों की समझाइश के बाद सभी निजी बस संचालक अपनी बसों को लेकर वापस रवाना हुए.

यह भी पढ़ें. जयपुर : वेतन नहीं मिलने से नाराज कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने किया विरोध-प्रदर्शन, क्या कहा सुनिए

गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण इन बसों से आमदनी तो कुछ भी नहीं हो रही लेकिन टैक्स के नाम पर हर महीने लाखों रुपए का खर्चा हो रहा है. इतना ही नहीं हर महीने जीएसटी, बीमा फिटनेस, किस्त, परमिट आदि के खर्चे भी अलग से हैं. जिससे बस संचालक परेशान हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.