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Politics on ERCP : गजेंद्र सिंह शेखावत का गहलोत सरकार पर निशाना, कहा- ईआरसीपी योजना को राजनीति का फुटबॉल बना दिया - भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रमुख मुद्दा

विधानसभा चुनाव से पहले यह स्पष्ट हो गया है कि पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रमुख मुद्दा बनने वाला है. बुधवार को भरतपुर पहुंचे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ईआरसीपी पर राजस्थान सरकार को जमकर घेरा.

गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
Gajendra Singh
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 23, 2023, 3:20 PM IST

Updated : Aug 23, 2023, 3:38 PM IST

गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

भरतपुर. ईआरसीपी को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ईआरसीपी पर सिर्फ राजनीति करने में लगी रही, लेकिन इसको ना तो वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस मिला न एनवायरमेंट और ना ही तकनीकी क्लीयरेंस. ऐसे में प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर पाना संभव ही नहीं था. शेखावत ने प्रदेश की कानून व्यवस्था, बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भी हमला बोला.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पीने का पानी, 2 लाख हेक्टेयर नया सिंचाई रकबा सृजित करने के उद्देश्य से वसुंधरा सरकार ने ईआरसीपी परियोजना तैयार की. वर्ष 2017 में राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने जांच व अनुमति के लिए इस परियोजना को भारत सरकार को भेजा था. अगस्त 2018 में भारत सरकार ने संशोधन के लिए फाइल को वापस राजस्थान सरकार को भेजा.

पढे़ं : संजीवनी को लेकर गहलोत बहा रहे घड़ियाली आंसू, ईआरसीपी को लेकर कर रहे राजनीतिः गजेंद्र सिंह शेखावत

शेखावत ने कहा कि वर्ष 2018 में दुर्भाग्य से सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार ने इस योजना को राजनीति का फुटबॉल बना दिया. शेखावत ने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने 10 बैठक आयोजित की. इनमें से 9 दिल्ली में और एक बैठक राज्य सरकार की सहमति से जयपुर में आयोजित की, लेकिन राजस्थान सरकार का कोई मंत्री एक भी बैठक में नहीं पहुंचा.

मंत्री शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार की लापरवाही की वजह से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया जा सका. राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए कई जरूरी कार्य नहीं की गई. ना तो परियोजना के लिए तकनीकी स्वीकृति ली गई, ना एनवायरमेंट क्लीयरेंस लिया गया, ना इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस लिया और ना ही वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस लिया. राजस्थान सरकार ने पहला चरण ही पूरा नहीं किया. ऐसे में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना संभव ही नहीं था.

उन्होंने कहा कि 700 करोड़ खर्च करने के बजाय गहलोत सरकार 16000 करोड़ खर्च कर सिर्फ तीन शहरों के लिए पीने के पानी की (नवनेरा-गालवा-ईशरदा बीसलपुर लिंक) योजना बना रही है. मुख्यमंत्री गहलोत ने घोषणा कर एक कंपनी का निर्माण किया है. वो कंपनी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग की संपत्ति को बेचेगी. अलवर में सिलिसेढ के ऊपर के महल, जवाई बांध के रेस्टहाउस को बेच रहे हैं. नहरों के पास की जमीनों को बेच रहे हैं. राजीनिति के चलते ये पूर्वी राजस्थान की 10 जिलों की जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इस परियोजना से भरतपुर की जनता को एक बूंद भी पानी नहीं मिलेगा.

पढ़ें : पीएम मोदी के बयान पर गहलोत का पलटवारः कहा- हमारी योजनाएं चुनावी नहीं, परमानेंट हैं

मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि कुर्सी पर चिपके रहने की इच्छा के चलते ये राजस्थान को बर्बाद करना चाहते हैं. मंत्री शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार की अस्थिरता के चलते विधायकों ने पूरे प्रदेश में बेलगाम भ्रष्टाचार किया. प्रदेश में अपराध, भ्रष्टाचार, महिला अत्याचार चरम पर है. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान को इस कुशासन वाली सरकार से मुक्त कराकर प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनानी है. एक बार फिर 25 के 25 कमल खिला करके नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है.

चंद्रयान को लेकर शेखावत ने कहा कि भारतने यह कीर्तिमान स्थापित किया है कि न्यूनतम खर्चे में हम सफलता के मुहाने पर खड़े हैं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देशवासियों को इसकी बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.

गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

भरतपुर. ईआरसीपी को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ईआरसीपी पर सिर्फ राजनीति करने में लगी रही, लेकिन इसको ना तो वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस मिला न एनवायरमेंट और ना ही तकनीकी क्लीयरेंस. ऐसे में प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर पाना संभव ही नहीं था. शेखावत ने प्रदेश की कानून व्यवस्था, बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भी हमला बोला.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पीने का पानी, 2 लाख हेक्टेयर नया सिंचाई रकबा सृजित करने के उद्देश्य से वसुंधरा सरकार ने ईआरसीपी परियोजना तैयार की. वर्ष 2017 में राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने जांच व अनुमति के लिए इस परियोजना को भारत सरकार को भेजा था. अगस्त 2018 में भारत सरकार ने संशोधन के लिए फाइल को वापस राजस्थान सरकार को भेजा.

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शेखावत ने कहा कि वर्ष 2018 में दुर्भाग्य से सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार ने इस योजना को राजनीति का फुटबॉल बना दिया. शेखावत ने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने 10 बैठक आयोजित की. इनमें से 9 दिल्ली में और एक बैठक राज्य सरकार की सहमति से जयपुर में आयोजित की, लेकिन राजस्थान सरकार का कोई मंत्री एक भी बैठक में नहीं पहुंचा.

मंत्री शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार की लापरवाही की वजह से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया जा सका. राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए कई जरूरी कार्य नहीं की गई. ना तो परियोजना के लिए तकनीकी स्वीकृति ली गई, ना एनवायरमेंट क्लीयरेंस लिया गया, ना इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस लिया और ना ही वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस लिया. राजस्थान सरकार ने पहला चरण ही पूरा नहीं किया. ऐसे में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना संभव ही नहीं था.

उन्होंने कहा कि 700 करोड़ खर्च करने के बजाय गहलोत सरकार 16000 करोड़ खर्च कर सिर्फ तीन शहरों के लिए पीने के पानी की (नवनेरा-गालवा-ईशरदा बीसलपुर लिंक) योजना बना रही है. मुख्यमंत्री गहलोत ने घोषणा कर एक कंपनी का निर्माण किया है. वो कंपनी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग की संपत्ति को बेचेगी. अलवर में सिलिसेढ के ऊपर के महल, जवाई बांध के रेस्टहाउस को बेच रहे हैं. नहरों के पास की जमीनों को बेच रहे हैं. राजीनिति के चलते ये पूर्वी राजस्थान की 10 जिलों की जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इस परियोजना से भरतपुर की जनता को एक बूंद भी पानी नहीं मिलेगा.

पढ़ें : पीएम मोदी के बयान पर गहलोत का पलटवारः कहा- हमारी योजनाएं चुनावी नहीं, परमानेंट हैं

मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि कुर्सी पर चिपके रहने की इच्छा के चलते ये राजस्थान को बर्बाद करना चाहते हैं. मंत्री शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार की अस्थिरता के चलते विधायकों ने पूरे प्रदेश में बेलगाम भ्रष्टाचार किया. प्रदेश में अपराध, भ्रष्टाचार, महिला अत्याचार चरम पर है. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान को इस कुशासन वाली सरकार से मुक्त कराकर प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनानी है. एक बार फिर 25 के 25 कमल खिला करके नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है.

चंद्रयान को लेकर शेखावत ने कहा कि भारतने यह कीर्तिमान स्थापित किया है कि न्यूनतम खर्चे में हम सफलता के मुहाने पर खड़े हैं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देशवासियों को इसकी बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.

Last Updated : Aug 23, 2023, 3:38 PM IST
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