भरतपुर. राजस्थान में ईडी की कार्रवाई को लेकर राजनीति चरम पर है और वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. अब नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत को निशाने पर लिया है. मंगलवार को भरतपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कार्यकाल को याद करते होंगे, जब उन्होंने सीबीआई के दुरुपयोग का कीर्तिमान स्थापित किया था. यदि उनके पास कोई तथ्य हो कि बिना कारण से ईडी आई है तो उनको स्पष्ट करना चाहिए.
राठौड़ ने कहा कि विधायकों के पास अकूत पैसा आया है, ऐसा बयान देकर गहलोत खुद ईडी को आमंत्रित करते हैं. गहलोत अपने विधायकों से कहते हैं कि पैसा खर्च कर दिया है तो मैं दे दूंगा, पैसा वापस कर दो. जब ऐसी बातें होती हैं तो उनको किसी एजेंसी पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है. राठौड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के चेहरों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. हमें गर्व है अपने नेताओं पर. हमारे नेता नरेंद्र मोदी को विश्व के 73 प्रतिशत लोगों ने सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता माना है. वो हमारा चेहरा हैं तो हमें गर्व है, लेकिन कांग्रेस के पास तो चुनाव लड़ने के लिए ऐसा कोई चेहरा ही नहीं है. इसलिए हम मोदी और शाह के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे.
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वसुंधरा फॉर्म में हैं : राठौड़ ने कहा कि वसुंधरा राजे हमारी नेता हैं. वो हमेशा फॉर्म में थीं, वो पार्टी की हर बैठक में मौजूद रहती हैं. वसुंधरा राजे पार्टी में अलग-थलग हैं, ये चाय के प्याले में तूफान पैदा करने के कयास मात्र हैं. इससे कोई मतलब नहीं निकलेगा.
जन संघर्ष नहीं, कुर्सी का संघर्ष : राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट और उनके पिता राजेश पायलट को कांग्रेस की राजनीति विरासत में मिली है. सचिन पायलट कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं, लेकिन अभी पायलट का विमान ऑटो पायलट मोड पर है. पता नहीं कहां लैंड करेगा, कहां नहीं. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट अजमेर से जन संघर्ष यात्रा पर निकले, आरपीएससी भ्रष्टाचार और पेपर लीक मामले की जांच की बात कही. अब वो सारी बातें गौड़ कैसे हो गईं. क्या कारण है कि आलाकमान के साथ एसी चैंबर में बैठकर अब सत्ता की भागीदारिता की बात करने लग गए. इससे स्पष्ट होता है कि ये जन संघर्ष नहीं था, बल्कि कुर्सी का संघर्ष था. ये किस्सा कुर्सी का है, जो सरकार बनने से अब तक जारी है. इसकी वजह से राजस्थान ने जर्जर कानून-व्यवस्था भोगी है, रुके हुए विकास को देखा है.