कामां (भरतपुर). कामां थाना क्षेत्र के एक गांव से नाबालिक 15 वर्षीय दलित बालिका लापता हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने कामां थाना पुलिस को बालिका के अपहरण हो जाने की सूचना दी थी. जहां पुलिस ने मामले की गंभीरता समझते हुए सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर चार घंटे में ही बालिका को दस्तयाब कर लिया है.
वहीं एक डीग रेलवे स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मी हरेंद्र कुमार मीणा को भी पूछताछ के लिए मामले में संदिग्ध मानते हुए कामां थाने पर लाया गया था. जहां दलित नाबालिग बालिका और रेलवे पुलिस कर्मी से पूछताछ करने के बाद बालिका को परिजनों को सुपुर्द कर दिया. रेलवे कर्मी को उसके अधिकारियों के साथ रुखसत कर दिया है.
कामां थानाधिकारी जमील खान ने बताया, मंगलवार दोपहर को सूचना मिली कि कामां थाना क्षेत्र के एक गांव से दलित नाबालिग बालिका का अपहरण हो गया है. उसके बाद मामले की गंभीरता समझते हुए तुरंत प्रभाव से मौके पर पहुंचे और घटना की जांच करने में जुट गए, जिसके बाद कामां डीएसपी प्रदीप यादव के नेतृत्व में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर विभिन्न स्थानों पर दबिश दी गई, जिसके बाद बालिका के डीग रेलवे स्टेशन के पास होने की सूचना मिली. जहां डीग पुलिस के सहयोग लेकर रेलवे स्टेशन पर दबिश दी गई, जहां रेलवे के पुलिसकर्मी के निवास के बाहर से 15 वर्षीय दलित नाबालिग बालिका को दस्तयाब कर लिया गया, जिसके बाद नाबालिग बालिका और रेलवे के पुलिसकर्मी को कामां थाना पुलिस साथ लेकर थाने आ गई. जहां दोनों से अलग-अलग पूछताछ की गई.
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पूछताछ में पता चला कि, बालिका अपने परिवार जनों से झगड़ा कर घर से निकल गई थी. जहांगीर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे पुलिस कर्मी को मिल गई और उसने अपने अधिकारियों को बालिका के बारे में अवगत कराया. जहां उन्होंने उससे कहा कि बालिका को अपने पास रखें, मथुरा चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दी जा रही है. बच्ची को वह ले जाएंगे, लेकिन इतने ही कामां थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और बालिका को मौके से दस्तयाब कर थाने ले आए पूछताछ के बाद बालिका को परिवार जनों को सुपुर्द कर दिया.
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वहीं रेलवे पुलिस कर्मी से भी पूछताछ करने के बाद मामले की स्थिति साफ हो गई पुलिस कर्मी द्वारा सहयोग की भावना से बालिका को अपने साथ गाड़ी में बैठा कर ले गया जिसके बाद रेलवे के पुलिस अधिकारियों के साथ रेलवे पुलिसकर्मी को भी भेज दिया.