भरतपुर. पॉक्सो कोर्ट द्वितीय ने गुरुवार को 3 साल पूर्व 13 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के मामले में सभी गवाहों और सबूतों को सुनने के बाद आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है.
वर्ष 2020 का मामला : विशिष्ट लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि 8 नवंबर 2020 में शहर की एक ठेला चलाने वाली महिला ने महिला पुलिस थाने में अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. पीड़िता ने एफआईआर में बताया था कि वो शहर में ठेले पर सामान बेच रही थी. इस दौरान घर पर 13 वर्षीय नाबालिग बेटी अकेली थी. इस दौरान पड़ोस में रहने वाले आरोपी ने नाबालिग बेटी के साथ जबरदस्ती की.
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नाबालिग घर पर थी अकेली : घटना के बाद आरोपी वहां से भाग गया. नाबालिग ने अपनी मां को फोन पर पूरी आपबीती सुनाई, जिसके बाद पीड़िता की मां घर पर पहुंची. पीड़िता के ताऊ ने घटनाक्रम की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस आरोपी को पकड़कर महिला थाने ले गई. पीड़िता की मां ने शहर के महिला थाने में पहुंच कर आरोपी के खिलाफ 8 नवंबर 2020 को पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कराया.
20 साल की सजा सुनाई : विशिष्ट लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट द्वितीय के विशिष्ट न्यायाधीश अखिलेश कुमार ने मामले को सुनवाई की. न्यायाधीश के समक्ष 19 कागजात और 16 गवाह प्रस्तुत किए गए. न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल का कठोर कारावास और 25 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई.