भरतपुर. विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के साथ ही पूरे भरतपुर जिले के पक्षी प्रेमियों के लिए शुभ संकेत मिले हैं. घना केवलादेव नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी भरतपुर एवं वन विभाग के सहयोग से 40 में सारस गणना की गई. इस बार केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान समेत पूरे जिले में सरसों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. घना में जहां गत वर्ष की तुलना में 4 सारस अधिक नजर आए हैं, वहीं पूरे जिले में गत वर्ष से दोगुना से भी अधिक सारस की मौजूदगी दर्ज हुई है. जिले में कुल 183 सारस मिले हैं.
सारस गणना के मुख्य समन्वयक युधिष्ठिर सिंह जादौन ने बताया कि गत वर्ष केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 8 और पूरे जिले में 73 साल देखे गए थे, लेकिन इस बार की सारस गणना में इस संख्या में आशातीत वृद्धि नजर आई है. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 12 सारस, कामां क्षेत्र के नौनेरा में 81 सारस, डीग के सामई खेड़ा में 90 सारस देखे गए हैं. कुल मिलाकर इस बार गत वर्ष के 73 की तुलना में 183 सारस की मौजूदगी मिली है जो कि दोगुना से भी अधिक है.
पढ़ें : Keoladeo National Park: प्रवासी पक्षियों को रास नहीं आया मौसम परिवर्तन, समय से पहले ले ली विदाई
17 जोन में को गई गणना : युधिष्ठिर सिंह ने बताया कि जिले में सारस गणना के लिए 17 जोन बनाए गए, जिनमें 200 से अधिक लोगों ने भाग लिया. सारस गणना में प्रकृतिविद, नेचर गाइड, विद्यार्थी और सामान्य नागरिक शामिल थे.
इसलिए बढ़ी संख्या : सारस गणना के मुख्य समन्वयक युधिष्ठिर सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान और जिले के अन्य भागों में सरसों की संख्या काफी अधिक पाई गई है. इसके पीछे की एक वजह है यह संभव है कि मार्च में भरतपुर जिले में हुई बरसात की वजह से पड़ोसी राज्यों के सारस भोजन और पानी की तलाश में भरतपुर पहुंचे हैं.
सारस घटना के बाद सभी टीमों और अतिथियों का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में स्वागत किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे काका रघुराज सिंह ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पानी की अनवरत आवश्यकता पर बल दिया.