भरतपुर. प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने शुक्रवार को भाजपा नेता सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत पर जमकर पलटवार (Vishvendra Singh on Gajendra Singh Shekhawat ) किया. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा इतने फ्रस्ट्रेशन में है कि वो कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है, जबकि गलती उनकी है. उन्होंने कहा कि बाबा विजयदास की मृत्यु का यदि कोई जिम्मेदार है तो वो भाजपा है और उनका ओछापन है. विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि कल भाजपा के नेताओं ने पसोपा जाकर जो तमाशा किया है, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं.
मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि बाबा विजय दास के देवलोकगमन पर राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए भाजपा के नेता यहां आए (Death of Baba Vijaydas) थे. इनकी कमेटी को यहां पर कुछ मुद्दा मिला नहीं. इनकी कमेटी ने ना तो स्थानीय लोगों से बात की और ना ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से. उन्होंने कहा कि भाजपा की दो अलग-अलग कमेटी यहां जांच करने आई हैं. केंद्र से जेपी नड्डा की कमेटी अलग से आई है. क्या केंद्र और राजस्थान के भाजपा नेताओं में मतभेद है, या उनको विश्वास नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र भी 70 साल : मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि सतीश पूनिया ने बयान दिया था कि 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को राजनीति से संन्यास लेना चाहिए. उनको बताना चाहूंगा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र भी 70 साल से अधिक है और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भी. उन्होंने पूनिया पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए जगदीप धनखड़ का नाम चला है, तब से इनका मानसिक संतुलन गड़बड़ाया हुआ है. अब इनके एडजेस्टमेंट की जगह नहीं बची है. उन्होंने कहा कि वह उनकी बात कर रहे हैं जो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूनिया को 550 दिनों के बाद साधु-संतों की याद आई.
राजस्थान ने बीजेपी को 25 सांसद दिए : मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गजेंद्र शेखावत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ये लोग ईडी और सीबीआई जांच की बात करते हैं, लेकिन उनको कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत के परिजनों की जांच से ही फुर्सत नहीं है. उन्होंने कहा कि राजस्थान ने बीजेपी को 25 सांसद दिए हैं. गजेंद्र शेखावत खुद जल संसाधन मंत्री हैं, लेकिन राजस्थान के 13 जिले प्यासे मर रहे हैं. फिर भी मंत्री शेखावत ईआरसीपी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी को लेकर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी कुछ करने जा रहे हैं. भाजपा अपनी ही पार्टी के नेताओं की भी क्यों नहीं सुन (Minister Vishvendra Singh on BJP leaders) रही.
भाजपा नेताओं की वाह वाही : मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्री गजेंद्र शेखावत अपने गिरेबान में झांकें. भाजपा में ऐसे भी बहुत नेता हैं जिनकी छवि पर कोई दाग नहीं है. जैसे कि गुलाब चंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे. मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं. सांसद बालक नाथ को लेकर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि जिस दिन बाबा विजय दास के पार्थिव शरीर को दिल्ली से जिस एंबुलेंस में लेकर आए थे, वह एंबुलेंस मेरे एमएलए मद से दी गई थी, जिस पर मेरा नाम और फोटो लगा हुआ था. बाबा बालक नाथ ने उस फोटो को फाड़ने का प्रयास किया. यदि उनको मेरी शक्ल पसंद ही नहीं थी, तो उस एंबुलेंस में बाबा विजय दास को लाए ही क्यों थे. यह सब चीजें एक सांसद को शोभा नहीं देती. मंत्री पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि मैं 3 दिन पहले बाबा बालक नाथ के संसदीय क्षेत्र में गया था, वहां के लोगों से पूछा कि क्या आपने कभी अपने सांसद के दर्शन किए तो लोगों का कहना था कि, चुनावों के समय देखे गए थे और उसके बाद (Minister Vishvendra Singh on BJP leaders) नहीं.
भाजपा का डॉ शैलेश सिंह पर भी साधा निशाना: भाजपा का डॉ शैलेश सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पिता डॉ दिगंबर सिंह और मैं चुनाव जीते भी हैं और हारे भी हैं. लेकिन कभी भी एक-दूसरे के ऊपर अश्लील टिप्पणी नहीं किए. बीते कुछ दिनों से डॉ शैलेश सिंह व्हाट्सएप पर मेरे खिलाफ ऊल जुलूल मैसेज कर रहे हैं. मैं तो एक ही बात कहना चाहूंगा, अभी आप राजनीति में बच्चे हो. अभी सिक्के हो रुपया बनने की कोशिश करो, वो भी खरा रुपया, अपने पिता की तरह.
गजेंद्र शेखावत के बयान पर किया पलटवार: गजेंद्र शेखावत के बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि शेखावत ने कहा था कि 9 माह में तो बच्चा भी पैदा हो जाता है, मुख्यमंत्री गहलोत के सिद्धांत आश्वासन के बाद भी वन क्षेत्र घोषित क्यों नहीं हुआ. लेकिन मैं उनको कहना चाहूंगा कि उनको तो 5 साल लग गए, 5 सालों में तो बच्चा यूकेजी में पहुंच जाता है. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि आदिबद्री धाम और कनकांचल से क्रैशरों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। सारा काम स्थानीय लोगों, साधु संतों की सहमति से और कानून सम्मत तरीके से किया जा रहा है. हम इंपोर्टेड बाबाओं और इंपोर्टेड लोगों को बताना चाहेंगे कि भरतपुर कोई चारागाह नहीं है, जो कोई भी आए और भड़काऊ भाषण देकर चला जाए. आइंदा यदि ऐसे लोगों ने यहां आकर भड़काऊ भाषण दिए, तो यहां की जनता इतनी समझदार है कि उन्हें उचित पुरुस्कार ही वितरित करेगी. इसे मेरा आग्रह समझिए या कुछ और.