कामां (भरतपुर). अक्सर राजकीय अस्पतालों में 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं मुहैया होती है. लेकिन भरतपुर के कामां स्थित कैथवाड़ा राजकीय अस्पताल की स्थिति ये है कि यहां न तो चिकित्सक रहते हैं और न ही स्टाफ. ऊपर से अस्पताल के स्टाफ अपनी मर्जी से आते और जब मन चाहे ताला जड़कर चलते बनते हैं. ऐसा ही नजारा मंगलवार सुबह अस्पताल में देखने को मिला.
अस्पताल के गेट पर तड़पती रही प्रसूता: प्रसव पीड़ा से तड़पती एक प्रसूता को 108 एंबुलेंस की मदद से राजकीय अस्पताल कैथवाड़ा लाया गया, जहां अस्पताल के गेट पर ताला लटका था. इस दौरान प्रसूता करीब एक घंटे तक अस्पताल के गेट पर ही दर्द से कराहती रही. इसके बाद सीएमएचओ भरतपुर और ब्लॉक सीएमएचओ मयंक शर्मा को फोन कर घटना की सूचना दी गई. जिसके बाद एएनएम माया देवी अस्पताल पहुंची और ताला खोलकर प्रसूता को भर्ती किया गया.
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ये है पूरा मामला: औलंदा निवासी प्रसूता के परिजन मंगल सिंह ने बताया कि उनके छोटे भाई लखन सिंह की पत्नी आरती को मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद उसे 108 एंबुलेंस की मदद से सुबह करीब 8 बजकर 40 मिनट पर राजकीय अस्पताल कैथवाड़ा लाया गया. लेकिन यहां आने पर देखा कि अस्पताल के गेट पर ताला लगा था. आसपास के लोगों से पूछने पर पता चला कि फिलहाल अस्पताल में कोई स्टाफ मौजूद ही नहीं है.
गेट खुलवाने के लिए अधिकारी को करना पड़ा फोन: इसके बाद लोगों ने उच्च अधिकारियों को फोन कर उन्हें पूरी घटना से अवगत कराया. जिसके बाद नर्स माया देवी वहां पहुंची और अस्पताल के गेट पर लगे ताले को खोल प्रसूता को भर्ती की. वहीं, कुछ देर बात उन्होंने कहा कि वो एक बैठक में शामिल होने के लिए जा रही है. ऐसे में दोपहर तक बच्चा हो सकेगा. यदि वो चाहे तो तब तक के लिए प्रसूता को घर ले जा सकते हैं.
परिजनों का विरोध प्रदर्शन: वहीं, नर्स की इस टिप्पणी और अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था के खिलाफ परिजनों समेत अन्य लोगों ने अस्पताल के गेट पर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद अधिकारियों ने नर्स को अस्पताल में प्रसव कराने के निर्देश दिए. लेकिन थोड़ी देर बाद ही दूसरी प्रसूता महिला आ गई और उसका प्रसव कराया गया. ऐसे में प्रसूता आरती घंटों इंतजार करती रही.
जांच के बाद होगी कार्रवाई: इस मामले में ब्लॉक सीएमएचओ नगर मयंक शर्मा का कहना है कि जानकारी मिलते ही त्वरित प्रभाव से कैथवाड़ा अस्पताल के चिकित्सक को प्रसूता के प्रसव करने का निर्देश दिया गया. बावजूद इसके दिक्कतें पेश आई है तो इस मामले की आवश्यक जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.