भरतपुर. जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में वर्षों से वैध की आड़ में धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है. जिले में अवैध खनन की रोकथाम की मांग को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन हुए, सांसद खनन क्षेत्र में गईं तो पथराव हुआ, पुलिस पर फायरिंग तक हुई, लेकिन अवैध खनन पर लगाम नहीं लग (Illegal mining in Bharatpur) पाई. हालात यहां तक पहुंच गए कि अवैध खनन के खिलाफ बुधवार को एक साधु ने आत्मदाह का प्रयास तक किया और गंभीर रूप से झुलसकर जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है.
नियमानुसार जिले में 642 वैध खदानें (भरतपुर एमई 421 और रूपवास एमई 221) हैं. लेकिन इन वैध खदानों की आड़ में बड़े पैमाने पर अवैध खनन चल रहा (Places of illegal mining in Bharatpur) है. जिले के कामां, पहाड़ी, रूपवास, रुदावल और बयाना, बंशीपहाड़पुर क्षेत्र में दिन रात अवैध खनन हो रहा है. समय-समय पर लोग और जनप्रतिनिधि अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाते हैं, लेकिन कार्रवाई के बाद हालात जस के तस रहते हैं.
तीन साल में 1948 मामले: जिले में अवैध खनन के हालात बीते तीन साल के आंकड़ों से स्पष्ट पता चलते हैं. जिले में बीते वर्षों में अलग-अलग क्षेत्रों में खान विभाग, पुलिस और परिवहन द्वारा कई कार्रवाई की गईं. विभागीय आंकड़ों की मानें, तो वर्ष 2019 से 2021 तक जिले में अवैध खनन, भंडारण और परिवहन के कुल 1948 मामले सामने (Action on illegal mining in Bharatpur) आए. इससे स्पष्ट पता चलता है कि जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन जारी है. जिले के कामां के नागल क्रेशर जोन में तो हालात ये हैं कि पहाड़ों को पूरी तरह से खोद डाला है. पहाड़ों को इतनी गहराई तक खोदा गया है कि जमीन से पानी तक निकल आया. वैध खान धारकों की ओर से भी नियमों की पालना नहीं की जा रही. निर्धारित से अधिक क्षेत्र में खनन कार्य कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
सांसद पर हुआ था पथराव: गत माह भरतपुर सांसद रंजीता कोली ने कामां के नागल क्रेशर जोन में चल रहे अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाई थी. सांसद खुद नागल क्रेशर जोन में भी गई थीं, उस दौरान उन पर खान माफियाओं ने पथराव भी किया था. लेकिन विभाग ने अवैध खनन के खिलाफ छुटपुट कार्रवाई कर इतिश्री कर ली. वहीं विभाग के जिम्मेदार खनि अभियंता रामनिवास मंगल का कहना है कि विभाग की ओर से समय-समय पर अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. जबकि हकीकत में विभाग के अधिकारियों की सह पर ही जिले में अवैध खनन का खेल चल रहा है.