भरतपुर. गुर्जर समाज के लोगों ने सोमवार को एक बार फिर से पीलूपुरा स्थित शहीद स्थल पर बैठक आयोजित की. बैठक में सरकार की ओर से नर्सिंग भर्ती समझौते को लागू नहीं करने और रीट भर्ती का वादा भी पूरा नहीं करने पर चर्चा की गई. जिसके बाद गुर्जर नेताओं ने गहलोत सरकार को दोनों मांगों को 10 जुलाई तक पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है. बैठक के दौरान विजय बैंसला गुट और हिम्मत सिंह पालड़ी गुट के बीच देर तक बहसबाजी भी हुई.
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह पालड़ी ने बताया कि राज्य सरकार (Gehlot Government) के साथ 31 अक्टूबर 2020 में तीन मंत्रियों और 41 लोगों की मौजूदगी में 14 बिंदुओं पर समझौता हुआ. लेकिन 12वें नंबर के समझौता बिंदु नर्सिंग भर्ती 2013 की 16/8 का समझौता लागू नहीं किया गया. इसी तरह 13वें बिंदु रीट के 372 पदों पर एक सप्ताह में भर्ती देने का वादा भी आज तक पूरा नहीं हुआ.
आंदोलन की दी चेतावनी
हिम्मत सिंह पालड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने उपचुनाव में गुर्जर समाज का साथ मांगा था. जिसमें गुर्जर समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान किया था. कोरोना काल में तीनों मंत्रियों के घर पहुंचकर रीट भर्ती (REET recruitment) कराने के लिए कहा गया लेकिन अभी तक भर्ती नहीं कराई गई है.
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गुर्जर नेता पालड़ी ने कहा कि राज्य सरकार 10 जुलाई तक गुर्जर समाज की ये दोनों मांगे पूरी कर दे. राज्य सरकार को 10 जुलाई तक का समय है. अन्यथा गुर्जर समाज फिर से एक बड़ी बैठक आयोजित कर आंदोलन की राह पर चलेगा. बैठक में गुर्जर नेता हिम्मत सिंह पालड़ी, दीवान शेरगढ़ समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
बैठक में दो धड़ों में बंटा दिखा समाज
बैठक के दौरान कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (Kirori Singh Bainsla) का बेटा विजय बैंसला मौजूद नहीं रहे लेकिन उसके पक्ष के नरोत्तम अड्डा और अन्य समर्थक मौजूद रहे. बैठक के दौरान नरोत्तम अड्डा और विजय बैंसला गुट के लोग हिम्मत सिंह पालड़ी गुट के लोगों के खिलाफ खड़े नजर आए. बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच में देर तक बहसबाजी हुई और दोनों पक्ष आमने-सामने दिखे.
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बैंसला गुट के समाज के लोगों का इस बात को लेकर विरोध था कि हिम्मत सिंह पालड़ी ने फिर से गुर्जर समाज की बैठक के लिए पीलूपुरा शहीद स्थल को ही क्यों चुना. जबकि हिम्मत सिंह पालड़ी गुट आज भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को तो अपना नेता मानने के लिए तैयार है लेकिन विजय बैंसला को अपना नेता नहीं मान रहा.