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Govardhan Puja 2023 : गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर हैं भ्रांतियां तो पढ़ें ये खबर... - Tradition and methods

Govardhan Puja 2023, इस बार भी लोगों में गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर कई भ्रांतियां हैं, लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं सही जानकारी. कब और कैसे करें गोवर्धन पूजा ? यहां जानिए...

Govardhan Puja will be celebrated on 14th November
14 नवंबर को मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 13, 2023, 2:22 PM IST

14 नवंबर को मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा

भरतपुर. हर बार दीपावली के अगले दिन प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार गोवर्धन पूजा दीपावली के एक दिन के अंतराल के बाद 14 नवंबर को मनाई जाएगी. लोगों में गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर कई भ्रांतियां हैं. इस बार कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर से शुरू होकर 14 नवंबर तक रहेगी, जिसकी वजह से उदया तिथि को देखते हुए गोवर्धन पूजा 13 नवंबर के बजाय 14 नवंबर को मनाई जाएगी जाएगी.

पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि इस बार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से लग रही है, जो 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट तक रहेगी. ऐसे में हिंदू धर्म में उदया तिथि में त्योहार मनाने का विधान है, जिसके चलते इस बार दीपावली के अगले दिन के बजाय एक दिन के अंतराल पर 14 नवम्बर को गोवर्धन पूजा की जाएगी.

पढ़ें : Diwali 2023 : राजस्थान के इस शहर में दुकानों पर बनाए जाते हैं मांडणे, सदियों से चली आ रही परंपरा

लगाएं अन्नकूट का भोग : पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि बृज में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन गाय के गोबर से निर्मित गोवर्धन जी की प्रतिमा का अन्नकूट से भोग लगाना चाहिए. इससे गोवर्धन महाराज प्रसन्न होते हैं. ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन पूजा का द्वापर युग से ही विशेष महत्व है. भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत पर ही गोचारण करते थे. इंद्र का मान मर्दन करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्का उंगली पर गोवर्धन पर्वत को धारण किया था, तभी से ब्रज में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है.

14 नवंबर को मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा

भरतपुर. हर बार दीपावली के अगले दिन प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार गोवर्धन पूजा दीपावली के एक दिन के अंतराल के बाद 14 नवंबर को मनाई जाएगी. लोगों में गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर कई भ्रांतियां हैं. इस बार कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर से शुरू होकर 14 नवंबर तक रहेगी, जिसकी वजह से उदया तिथि को देखते हुए गोवर्धन पूजा 13 नवंबर के बजाय 14 नवंबर को मनाई जाएगी जाएगी.

पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि इस बार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से लग रही है, जो 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट तक रहेगी. ऐसे में हिंदू धर्म में उदया तिथि में त्योहार मनाने का विधान है, जिसके चलते इस बार दीपावली के अगले दिन के बजाय एक दिन के अंतराल पर 14 नवम्बर को गोवर्धन पूजा की जाएगी.

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लगाएं अन्नकूट का भोग : पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि बृज में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन गाय के गोबर से निर्मित गोवर्धन जी की प्रतिमा का अन्नकूट से भोग लगाना चाहिए. इससे गोवर्धन महाराज प्रसन्न होते हैं. ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन पूजा का द्वापर युग से ही विशेष महत्व है. भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत पर ही गोचारण करते थे. इंद्र का मान मर्दन करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्का उंगली पर गोवर्धन पर्वत को धारण किया था, तभी से ब्रज में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है.

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