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भरतपुरः मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस में की तोड़फोड़, चालक को भी पीटा

भरतपुर में कामां क्षेत्र के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को अस्पताल में निजी एंबुलेंस चालक के मरीज को लेकर चलने से मना करने पर परिजनों ने उस पर हमला कर दिया. जिसके बाद अस्पताल में मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर कामां थाना पुलिस को सूचना दी. जिसपर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में ले लिया, जबकि अन्य लोग मौका पाकर वहां से फरार हो गए.

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परिजनों ने एंबुलेंस में की तोड़फोड़
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Published : May 6, 2020, 3:20 PM IST

Updated : May 24, 2020, 10:53 AM IST

कामां (भरतपुर). कामां राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार देर रात झगड़े में घायल हुए व्यक्ति को लेकर कुछ लोग अस्पताल पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे भरतपुर रेफर कर दिया. लेकिन अस्पताल में निजी एंबुलेंस चालक के जाने से मना करने पर गुस्साए परिजनों ने उस पर हमला कर दिया और उसकी एंबुलेंस में भी तोड़फोड़ कर दी.

जिसके बाद अस्पताल में मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर कामां थाना पुलिस को सूचना दी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में ले लिया, जबकि अन्य लोग मौका पाकर वहां से फरार हो गए. निजी एंबुलेंस चालक दारा सिंह पायला ने बताया कि, कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से उपखंड अधिकारी के आदेश अनुसार उसकी एंबुलेंस राजकीय अस्पताल में कोरोना मरीजों को लाने ले जाने में लगी हुई है. जहां वो एंबुलेंस से 24 घंटे की सेवा देता है और एंबुलेंस के अंदर ही सोता है.

मंगलवार देर रात को कुछ लोग उसके पास आए और उससे एंबुलेंस को भरतपुर ले चलने को कहने लगे. जिसपर उसने ये कह कर मना कर दिया कि, उसकी एंबुलेंस एसडीएम साहब के आदेश पर कोरोना मरीजों को लाने ले जाने में लगी हुई है. इसी बात से नाराज होकर उन लोगों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और एंबुलेंस के शीशे तोड़ दिए.

पढ़ेंः SPECIAL: श्रमिकों के लिए ट्रेन पर हो रही 'राजनीति' के बीच कोटा से चली 9 स्पेशल ट्रेनें, बच्चों से नहीं लिया गया किराया

अस्पताल में नहीं है सुरक्षा गार्ड

कामां क्षेत्र का सबसे बड़े राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा गार्ड की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह अस्पताल में आए दिन बाद विवाद होते रहते हैं. जिसे लेकर लोगों ने अस्पताल में सुरक्षा गार्ड लगाए जाने की मांग भी की है.

कामां (भरतपुर). कामां राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार देर रात झगड़े में घायल हुए व्यक्ति को लेकर कुछ लोग अस्पताल पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे भरतपुर रेफर कर दिया. लेकिन अस्पताल में निजी एंबुलेंस चालक के जाने से मना करने पर गुस्साए परिजनों ने उस पर हमला कर दिया और उसकी एंबुलेंस में भी तोड़फोड़ कर दी.

जिसके बाद अस्पताल में मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर कामां थाना पुलिस को सूचना दी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में ले लिया, जबकि अन्य लोग मौका पाकर वहां से फरार हो गए. निजी एंबुलेंस चालक दारा सिंह पायला ने बताया कि, कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से उपखंड अधिकारी के आदेश अनुसार उसकी एंबुलेंस राजकीय अस्पताल में कोरोना मरीजों को लाने ले जाने में लगी हुई है. जहां वो एंबुलेंस से 24 घंटे की सेवा देता है और एंबुलेंस के अंदर ही सोता है.

मंगलवार देर रात को कुछ लोग उसके पास आए और उससे एंबुलेंस को भरतपुर ले चलने को कहने लगे. जिसपर उसने ये कह कर मना कर दिया कि, उसकी एंबुलेंस एसडीएम साहब के आदेश पर कोरोना मरीजों को लाने ले जाने में लगी हुई है. इसी बात से नाराज होकर उन लोगों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और एंबुलेंस के शीशे तोड़ दिए.

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अस्पताल में नहीं है सुरक्षा गार्ड

कामां क्षेत्र का सबसे बड़े राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा गार्ड की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह अस्पताल में आए दिन बाद विवाद होते रहते हैं. जिसे लेकर लोगों ने अस्पताल में सुरक्षा गार्ड लगाए जाने की मांग भी की है.

Last Updated : May 24, 2020, 10:53 AM IST
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