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भरतपुरः कामां में निजी अस्पताल संचालक के विरुद्ध फर्जीवाड़े का मामला दर्ज - निजी सेफ हेल्थ हॉस्पिटल

भरतपुर के कामां में सेफ हेल्थ हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर के नाम से एक फर्जी हॉस्पिटल चलाया जा रहा था. जिसका खुलासा संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर की जांच रिपोर्ट में हो गया है. वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

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फर्जीवाड़े का मामला दर्ज
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Published : Aug 9, 2020, 2:08 PM IST

कामां (भरतपुर). जिले के कामां में प्रशासन की नाक के नीचे ही एक ऐसा हॉस्पिटल संचालित होता रहा, जिसमें योग्य चिकित्सक सहित योग्य स्टाफ ही नहीं था. आयोग चिकित्सक सहित अप्रशिक्षित स्टाफ के बदौलत फर्जी हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा था.

निजी अस्पताल संचालक के विरुद्ध फर्जीवाड़े का मामला दर्ज

कैसे हुआ फर्जी हॉस्पिटल का खुलासा-

एक महिला की तबीयत खराब हुई, जिसका ऑपरेशन फर्जी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने किया लेकिन उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद पीड़ित महिला के पति ने कामां थाने में मामला दर्ज कराकर चिकित्सा मंत्री से शिकायत की. तो संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर की जांच रिपोर्ट में सारा मामला खुलकर सामने आ गया.

पढ़ेंः सियासी उठापटक के बीच राजस्थान में पंचायती राज विभाग में हुए 33 विकास अधिकारियों के तबादले

जिसके बाद चिकित्सा विभाग के ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. केडी शर्मा ने निजी चिकित्सक संचालक के विरुद्ध फर्जीवाड़े का मामला उच्च अधिकारियों के आदेश और जांच रिपोर्ट के आधार पर कामां थाने में दर्ज कराया है. वहीं पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई.

कामां थाने के द्वितीय थानाधिकारी महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कामां के ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केडी शर्मा ने लिखित तहरीर देकर कस्बा के कोसी चौराहे स्थित निजी सैफ हेल्थ हॉस्पिटल के विरुद्ध फर्जीवाड़े सहित योग्य चिकित्सक नहीं होने का मामला दर्ज कराया है.

जिसमें उल्लेख किया गया है की संयुक्त निर्देशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर द्वारा तीन जून को कस्बा के कोसी चौराहे डीएसपी निवास के पास सेफ हेल्थ हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर की जांच की गई. जांच के दौरान निष्कर्ष पाया गया कि डॉक्टर एसके जैन अपने नाम से सैफ हेल्थ हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर कामां पंजीकरण कराया है.

पढ़ेंः राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स 12 अगस्त को सूर्यगढ़ होटल पर करेंगे प्रदर्शन, नियमित करने की करेंगे मांग

साथ ही अपने लेटर पैड पर अन्य चिकित्सकों के फर्जी नाम अंकित करा कर मरीजों का फर्जी, आयोग चिकित्सकों और अप्रशिक्षित स्टाफ से उपचार करा रहे हैं. साथ ही उपचार संबंधी रिकॉर्ड का संधारण नहीं करने और मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का दोषी प्रतीत होता है. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है.

मंत्री के निर्देश के बाद हुई जांच, फिर हुआ खुलासा-

कामां के कोसी चौराहे स्थित डीएसपी निवास के पास संचालित सेफ हेल्थ हॉस्पिटल में अनियमितताओं की शिकायत राज्य के चिकित्सा मंत्री से की गई थी. जिसके बाद चिकित्सा विभाग के संयुक्त निर्देशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर द्वारा निजी अस्पताल की जांच कर उच्च अधिकारियों को जांच रिपोर्ट प्रेषित की गई थी. जिस पर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केडी शर्मा द्वारा कामां थाने में अस्पताल संचालक के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है.

जांच रिपोर्ट में 18 बिंदुओं के माध्यम से किया खुलासा-

संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर द्वारा की गई निजी अस्पताल की जांच में करीब 18 बिंदु अंकित किए गए हैं. निष्कर्ष में अनियमितता और अव्यवस्थाओं का खुलासा किया गया है. जिसके बाद ही मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई अमल में ली गई है. कार्रवाई अमल में लाने के बाद अस्पताल संचालकों द्वारा रातों-रात अस्पताल को खाली कर अस्पताल के गेट पर ताला लगाकर रफूचक्कर हो गए हैं.

पढ़ेंः विधायकों के फोन टेप की अफवाह का मामला: DGP ने जयपुर पुलिस कमिश्नर को दिए जांच के निर्देश

पुलिस ने सामान से भरे ट्रक को पकड़ा फिर छोड़ा-

अस्पताल के संचालकों द्वारा रातों-रात सामान को ट्रक में लोड कर लिया गया और ले जाने लगे, तो मुखबिर ने पुलिस को सूचना दे दी. जहां पुलिस ने ट्रक को थाने में ले जाकर खड़ा कर दिया, जिसके बाद सुबह सामान से भरा हुआ ट्रक थाने में नजर नहीं आया, तो वहीं यह मामला जनता के जहन में सवालिया निशान खड़े कर रहा है.

कामां (भरतपुर). जिले के कामां में प्रशासन की नाक के नीचे ही एक ऐसा हॉस्पिटल संचालित होता रहा, जिसमें योग्य चिकित्सक सहित योग्य स्टाफ ही नहीं था. आयोग चिकित्सक सहित अप्रशिक्षित स्टाफ के बदौलत फर्जी हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा था.

निजी अस्पताल संचालक के विरुद्ध फर्जीवाड़े का मामला दर्ज

कैसे हुआ फर्जी हॉस्पिटल का खुलासा-

एक महिला की तबीयत खराब हुई, जिसका ऑपरेशन फर्जी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने किया लेकिन उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद पीड़ित महिला के पति ने कामां थाने में मामला दर्ज कराकर चिकित्सा मंत्री से शिकायत की. तो संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर की जांच रिपोर्ट में सारा मामला खुलकर सामने आ गया.

पढ़ेंः सियासी उठापटक के बीच राजस्थान में पंचायती राज विभाग में हुए 33 विकास अधिकारियों के तबादले

जिसके बाद चिकित्सा विभाग के ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. केडी शर्मा ने निजी चिकित्सक संचालक के विरुद्ध फर्जीवाड़े का मामला उच्च अधिकारियों के आदेश और जांच रिपोर्ट के आधार पर कामां थाने में दर्ज कराया है. वहीं पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई.

कामां थाने के द्वितीय थानाधिकारी महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कामां के ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केडी शर्मा ने लिखित तहरीर देकर कस्बा के कोसी चौराहे स्थित निजी सैफ हेल्थ हॉस्पिटल के विरुद्ध फर्जीवाड़े सहित योग्य चिकित्सक नहीं होने का मामला दर्ज कराया है.

जिसमें उल्लेख किया गया है की संयुक्त निर्देशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर द्वारा तीन जून को कस्बा के कोसी चौराहे डीएसपी निवास के पास सेफ हेल्थ हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर की जांच की गई. जांच के दौरान निष्कर्ष पाया गया कि डॉक्टर एसके जैन अपने नाम से सैफ हेल्थ हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर कामां पंजीकरण कराया है.

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साथ ही अपने लेटर पैड पर अन्य चिकित्सकों के फर्जी नाम अंकित करा कर मरीजों का फर्जी, आयोग चिकित्सकों और अप्रशिक्षित स्टाफ से उपचार करा रहे हैं. साथ ही उपचार संबंधी रिकॉर्ड का संधारण नहीं करने और मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का दोषी प्रतीत होता है. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है.

मंत्री के निर्देश के बाद हुई जांच, फिर हुआ खुलासा-

कामां के कोसी चौराहे स्थित डीएसपी निवास के पास संचालित सेफ हेल्थ हॉस्पिटल में अनियमितताओं की शिकायत राज्य के चिकित्सा मंत्री से की गई थी. जिसके बाद चिकित्सा विभाग के संयुक्त निर्देशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर द्वारा निजी अस्पताल की जांच कर उच्च अधिकारियों को जांच रिपोर्ट प्रेषित की गई थी. जिस पर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केडी शर्मा द्वारा कामां थाने में अस्पताल संचालक के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है.

जांच रिपोर्ट में 18 बिंदुओं के माध्यम से किया खुलासा-

संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन भरतपुर द्वारा की गई निजी अस्पताल की जांच में करीब 18 बिंदु अंकित किए गए हैं. निष्कर्ष में अनियमितता और अव्यवस्थाओं का खुलासा किया गया है. जिसके बाद ही मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई अमल में ली गई है. कार्रवाई अमल में लाने के बाद अस्पताल संचालकों द्वारा रातों-रात अस्पताल को खाली कर अस्पताल के गेट पर ताला लगाकर रफूचक्कर हो गए हैं.

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पुलिस ने सामान से भरे ट्रक को पकड़ा फिर छोड़ा-

अस्पताल के संचालकों द्वारा रातों-रात सामान को ट्रक में लोड कर लिया गया और ले जाने लगे, तो मुखबिर ने पुलिस को सूचना दे दी. जहां पुलिस ने ट्रक को थाने में ले जाकर खड़ा कर दिया, जिसके बाद सुबह सामान से भरा हुआ ट्रक थाने में नजर नहीं आया, तो वहीं यह मामला जनता के जहन में सवालिया निशान खड़े कर रहा है.

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